नई दिल्ली: राजधानी में साइबर पुलिस की टीम ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए अजीवका मिशन के नाम पर ठगी के मामले में 6 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से 11 मोबाइल फोन, 2 लैपटॉप और 3 डेबिट कार्ड बरामद किए है. इनकी पहचान गजेंद्र कुमार निवासी झोरिपुरी दिल्ली और राहुल सैनी निवासी मंडावली, दिल्ली के रूप में की गई है. इनमें से आरोपी गजेंद्र कुमार दसवीं पास है, जो फर्जी कॉल सेंटर चलाता था. इसके माध्यम से वह लोगों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया जाता था. वहीं, आरोपी राहुल सैनी ने फर्जी वेबसाइट बनाई थी.
नई दिल्ली जिला पुलिस उपायुक्त प्रणव तायल ने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय से शिकायत मिली कि थी ठगी करने के लिए किसी ने फर्जी वेबसाइट बनाई है. कथित वेबसाइट के माध्यम से नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को पंजीकरण शुल्क के रूप में 1,625 रुपए जमा करवाए रहे थे और विभिन्न पदों पर आवेदन करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा था. इस संबंध में सागर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया और मामले की जांच शुरू की गई. इस मामले को सुलझाने के लिए एसीपी रतनलाल ने साइबर पुलिस इंस्पेक्टर विजय पाल की देखरेख में टीम का गठन किया था. इसमें एसआई विपिन त्यागी, मनजीत सिंह, अमित कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संदीप वर्मा, संदीप कुमार, महिला कॉन्स्टेबल कोमल, नेहा कुमारी और अमृता कौर को शामिल किया गया था.
जांच के दौरान टीम ने मामले के तकनीकी पहलुओं पर काम किया और कथित फर्जी वेबसाइट के माध्यम से पंजीकरण शुल्क जमा करने के लिए उपयोग किए गए बैंक खाते के विवरण की जांच की. इसके दौरान 21 मार्च को लक्ष्मी नगर दिल्ली में छापेमारी की गई और ठगी के मास्टरमाइंड जोहरीपुर निवासी गजेंद्र (28) को 4 महिलाओं के साथ एक कॉल सेंटर से गिरफ्तार किया गया. गजेंद्र कुमार ने खुलासा किया कि वह बीमा पॉलिसी बेचने के लिए कॉल सेंटर चलाता था और जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने ठगी की योजना बनाई थी.
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आरोपी ने आगे बताया कि इसके बाद उन्होंने जॉब पोर्टल से प्राप्त डेटा का उपयोग करके नौकरी ढूंढ रहे लोगों को कॉल करना शुरू कर दिया. उसने एक वेब डेवलपर राहुल सैनी से आजीविका मिशन डॉट ऑर्गनाइजेशन के नाम से एक फर्जी वेबसाइट बनवाई, जिस पर आवेदकों को पंजीकरण शुल्क रुपए जमा करने के लिए कहा जाता था. इसके बाद पुलिस ने गजेंद्र की निशानदेही पर वेब डेवलपर राहुल सैनी को भी गिरफ्तार करने में सपलता पाई. धोखाधड़ी के लिए उपयोग किए गए बैंक खातों के विश्लेषण के अनुसार, पिछले 5 महीनों में इन लोगों ने 25 लाख रुपए और लगभग 300 से अधिक उम्मीदवारों के साथ ठगी की घटना को अंजाम दिया है. फिलहाल पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया है और आगे की जांच शुरू कर दी गई है.
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