नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के लिए 4 दिसंबर को मतदान होगा. कुल 1349 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस मुख्यतः तीन पार्टियां मुख्य दावेदार में हैं. नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी उम्मीदवार वोट पाने के लिए अपने-अपने वार्ड में चुनाव प्रचार में जुटे हैं. इन पार्टियों के बड़े नेता भी प्रत्याशियों के समर्थन में वोट मांग रहे हैं. किस पार्टी में कितने ऐसे प्रत्याशी हैं जिन पर अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, किस पार्टी में अधिक धनवान प्रत्याशी हैं, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने नगर निगम चुनाव के 1349 में से 1336 प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे का अध्ययन कर रिपोर्ट जारी की है.
10 फीसदी प्रत्याशियों पर आपराधिक मामलेः निगम चुनाव लड़ने वाले 10 फीसद यानी 139 प्रत्याशियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. 139 में से 76 ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं. जबकि वर्ष 2017 में निगम चुनाव लड़ने वाले 7 फीसद प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले दर्ज थे. 2022 में समाजवादी पार्टी का सिर्फ एक प्रत्याशी मैदान में है, जिस पर केस दर्ज है. इस तरह उसके सौ फीसद प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. दूसरे पायदान पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम है, जिनके 33 फीसद प्रत्याशियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में मुकदमे दर्ज हैं. तीसरे नंबर पर आरएलडी के प्रत्याशी हैं जिनपर 25 फीसद प्रत्याशियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं, तो चौथे पायदान पर आम आदमी पार्टी है.
वर्ष 2017 में आम आदमी पार्टी में 8 फीसद ऐसे प्रत्याशी थे जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, वहीं 2022 में 18 फीसद ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. पांचवें नंबर पर बीजेपी है जिसके 11 फीसद प्रत्याशियों के खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज हैं. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी के खिलाफ हत्या की कोशिश जैसे गंभीर मामले भी दर्ज हैं. एक प्रत्याशी के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज है.
42 फीसद प्रत्याशी करोड़पतिः एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार 1336 चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों में 556 प्रत्याशी (लगभग 42 फीसद) करोड़पति हैं. इन प्रत्याशियों की औसत संपत्ति 2.27 करोड़ है. चुनाव लड़ने वाले धनवान प्रत्याशियों की बात करें तो वर्ष 2017 के मुकाबले 2022 में धनवान प्रत्याशियों की संख्या 12 फीसद बढ़ी है. वर्ष 2017 में 30 प्रतिशत प्रत्याशी ऐसे थे, जो करोड़पति थे. वहीं 2022 में जो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें 42 फीसदी करोड़पति हैं. संस्था ने कुल 1336 प्रत्याशियों के हलफनामे के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है. इनमें 556 यानी 42 फीसद करोड़पति प्रत्याशी हैं. 2017 के निगम चुनाव में चुनाव लड़ने वाले 2315 प्रत्याशियों में 697 यानी 30 फीसद करोड़पति थे.
राजनीतिक पार्टियों के हिसाब से देखें तो समाजवादी पार्टी का जो 1 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, वह करोड़पति है. बीजेपी के 250 में से 162 प्रत्याशी यानी 65 फीसद करोड़पति हैं. वहीं आम आदमी पार्टी के भी 7 फीसद यानी 148 प्रत्याशी, करोड़पति है. बीजेपी के बल्लीमारान वार्ड से चुनाव लड़ने वाले रामदेव शर्मा सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. उन्होंने हलफनामे में कुल 66 करोड़ अपनी संपत्ति होने का जिक्र किया है. दूसरे नंबर पर भी बीजेपी से ही मालवीय नगर वार्ड से चुनाव लड़ रही नंदिनी शर्मा हैं. इन्होंने अपने हलफनामे में कुल 49 करोड़ संपत्ति होने का जिक्र किया है. तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के करावल नगर से प्रत्याशी जितेंद्र बंसल है. उन्होंने अपने हलफनामे में कुल 48 करोड़ रुपये होने का जिक्र किया है.
वहीं दो निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने अपने हलफनामे में अपनी कुल संपत्ति को जीरो बताया है. ककरोला वार्ड से चुनाव लड़ रही रीता और द्वारका सी वार्ड से चुनाव लड़ रही बीना देवी ने चुनाव आयोग को अपनी संपत्ति का जो ब्यौरा दिया है, उसमें शून्य संपत्ति लिखा है. इसके अलावा तीन और प्रत्याशियों ने अपनी कुल संपत्ति महज हजार रुपए होने का जिक्र किया है.
कापसहेड़ा वार्ड से चुनाव लड़ रही निर्दलीय प्रत्याशी कुसुम यादव ने अपनी कुल संपत्ति 2000 रुपये बताई है, तो शास्त्री नगर से कांग्रेस की प्रत्याशी पंकज राणा ने अपनी कुल संपत्ति 2517 रुपए बताया है. बीएसपी पार्टी से वसंत विहार वार्ड से चुनाव लड़ रही सुनीता ने अपनी कुल संपत्ति 3570 रुपये होने का जिक्र हलफनामे में किया है. इनके पास तो पैन कार्ड भी नहीं है. चुनाव मैदान में 20 प्रत्याशी ऐसे हैं जिन्होंने पैन कार्ड से संबंधित जानकारी नहीं दी है.
60 अनपढ़ प्रत्याशी भी चुनाव मैदान मेंः पढ़ाई लिखाई की बात करें तो कुल प्रत्याशियों में से 752 यानी 56 फीसद ऐसे प्रत्याशी हैं, जिन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवी से लेकर 12वीं तक ही बताई है. 36 फीसद प्रत्याशी यानी 487 ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और उससे ऊपर का जिक्र किया है. 12 प्रत्याशी डिप्लोमा होल्डर हैं, 22 ऐसे हैं जिन्होंने बताया है कि वह सिर्फ साक्षर हैं और 60 ऐसे प्रत्याशी हैं जो निरक्षर हैं. मतलब वह पढ़ना-लिखना नहीं जानते हैं तीन प्रत्याशी ने अपने शैक्षणिक योग्यता की जानकारी नहीं दी है. चुनाव लड़ने वाले हैं 38 फीसद प्रत्याशी यानी 510 ऐसे हैं जिनकी आयु 21 से 40 वर्ष के बीच है. 55 फीसद प्रत्याशी यानी 741 ऐसे हैं जिनकी आयु 41 से 7 वर्ष के बीच है और 5 फीसद प्रत्याशी यानी 73 ऐसे हैं जिनकी आयु 61 से 80 साल के बीच में है. 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में ऐसे हैं जिन्होंने अपनी उम्र के बारे में जानकारी नहीं दी है.