नई दिल्ली: दिल्ली के कोरोना अस्पतालों मर अभी 18 हजार से ज्यादा बेड्स हैं, जिनमें से 16 हजार से ज्यादा बेड्स खाली हैं. वहीं लगातार कोरोना के नए मरीजों की संख्या में कमी आ रही है. इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने कोरोना बेड्स की संख्या को कम करने का फैसला किया है. इन खाली होने वाले बेड्स को अन्य ओपीडी सेवाओं के लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
'7 प्रमुख अस्पतालों में कम हुए बेड'
आपको बता दें कि अभी तक कुल 7 सरकारी अस्पतालों में 4696 बेड्स कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित थे. अब इन 7 सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 2140 बेड्स कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित होंगे. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में पहले कोरोना के 2010 बेड्स थे, जो अब कमी के बाद 1000 रह जाएंगे. वहीं 1520 बेड्स वाले जीटीबी अस्पताल में अब कोरोना के मात्र 500 बेड होंगे.
'RGSSH में 150 बेड्स की कमी'
इसी तरह, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, जहां पहले 650 बेड्स थे, वहां 150 बेड्स की कटौती की गई है. 215 बेड्स वाले सत्यवादी राजा हरिशचंद्र में अब सिर्फ 50 बेड्स कोरोना के लिए रहेंगे. वहीं, दीपचंद बंधु हॉस्पिटल में कोरोना बेड्स की संख्या 213 से घटकर 50 रह गई है. आचार्य भिक्षु हॉस्पिटल में 40 बेड्स की कमी की गई है और यहां यह संख्या अब 60 बेड्स से घटकर 20 रह गई है.
'हजार में 8 मिल रहे पॉजिटिव'
संजय गांधी मेमोरियल हॉस्पिटल में अभी तक कोरोना के लिए 48 बेड्स थ, जो संख्या अब घटकर 20 रह गई है. आपको बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज कहा था कि दिल्ली में कोरोना अब कम हो रहा है और एक हजार में से 8 लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं, इसलिए अब कोरोना के बेड्स में कमी का जा रही है.
108 प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड्स की कमी
इसके साथ ही 108 प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना के लिए आरक्षित बेड की संख्या घटाई गई है. वहीं, 5 बड़े प्राइवेट अस्पतालों को अभी भी पूर्ण रूप से कोरोना समर्पित अस्पताल रखा गया है. ये पांच बड़े अस्पताल हैं, मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, साकेत, फोर्टिस स्पेशलिटी हॉस्पिटल, वसंत कुंज, सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, रोहिणी, महा दुर्गा चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल, मॉडल टाउन और सर गंगा राम सिटी हॉस्पिटल, पूसा रोड.