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दिल्ली पुलिस के शब्दकोश से हटेंगे 383 उर्दू फारसी शब्द, जानें वजह - दिल्ली पुलिस के शब्दकोश

दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक सर्कुलर जारी किया है. जिसमें दिल्ली पुलिस शब्दकोश से 383 उर्दू फारसी शब्दों को हटाने का जिक्र है.

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Published : Apr 14, 2023, 10:30 AM IST

Updated : Apr 14, 2023, 10:37 AM IST

नई दिल्ली: इस्तगासा, इंसदादी, तस्दीक, इत्तिला, खाना तलाशी, दरयाफ्त, बजरिया, मजरूब जैसे 383 उर्दू-फारसी के शब्द अब दिल्ली पुलिस के शब्दकोश से गायब हो जाएंगे. यानी अगर आप पुलिस या कोर्ट कचहरी के किसी मामले में पक्षकार हैं, तो आपको इन शब्दों का मतलब खोजने के लिए उर्दू और फारसी डिक्शनरी साथ में नहीं रखनी पड़ेगी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक सर्कुलर जारी करके तत्काल प्रभाव से इन शब्दों का इस्तेमाल रोकने का आदेश दिया है, क्योंकि इनसे आम जनता को परेशानी होती है.

पक्षकार को अर्थ खोजने में होती थी परेशानी: उर्दू फारसी की बजाय सरल हिंदी या अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जो लोगों को आसानी से समझ में आ जाए. दरअसल, इस मामले में वर्ष 2018 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सात अगस्त 2019 को फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि एफआईआर शिकायतकर्ता के शब्दों में ही दर्ज होनी चाहिए. इसमें बहुत अधिक जटिल भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए. विशालाक्षी बनाम भारत सरकार के इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी कि पुलिस अधिकारी आम जनता के लिए काम कर रहे हैं न कि उर्दू फारसी में डॉक्टरेट की पदवीधारी लोगों के लिए. कोर्ट ने कहा था कि पुलिस को एफआईआर में ऐसी जटिल भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिसका अर्थ खोजने के लिए पक्षकार को उर्दू फारसी शब्दकोश का इस्तेमाल करना पड़े.

ब्रिटिश काल से हो रहा है उर्दू फारसी शब्दों का प्रयोग: ब्रिटिश शासनकाल से ही पुलिस अपने कामकाज में उर्दू-फारसी के शब्दों का इस्तेमाल करती रही है. एफआईआर, चार्जशीट और डेयली डायरी में ऐसे शब्दों का भरपूर इस्तेमाल होता रहा है. ये शब्द इतने कठिन होते हैं कि अक्सर काफी पढ़े लिखे लोग भी इन्हें समझ नहीं पाते हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक नया सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के मुताबिक, उर्दू-फारसी के शब्दों को हिंदी और अंग्रेजी के बोलचाल के शब्दों से रिप्लेस किया जाए.

निर्देश का पालन न करने पर होगी कार्रवाई: सर्कुलर में हटाए जाने वाले शब्दों और उनकी जगह इस्तेमाल किए जाने वाले हिंदी और अंग्रेजी शब्दों की सूची भी जारी की गई है. सर्कुलर में उन 383 उर्दू-फारसी शब्दों की लिस्ट भी दी गई है, जिन्हें हिंदी और अंग्रेजी के सरल शब्दों से रिप्लेस किया जाना है. सर्कुलर के तहत पुलिसकर्मी या अधिकारी डेली डायरी लिखते समय, सूची और चार्जशीट तैयार करते समय अधिक से अधिक सरल शब्दों का उपयोग करें, जिन्हें शिकायतकर्ता भी आसानी से समझ सकें. ऐसा ना करने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा द्वारा जारी सर्कुलर
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा द्वारा जारी सर्कुलर

ये भी पढ़ें: गोवा पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को भेजा समन, 27 अप्रैल को होगी पूछताछ

नई दिल्ली: इस्तगासा, इंसदादी, तस्दीक, इत्तिला, खाना तलाशी, दरयाफ्त, बजरिया, मजरूब जैसे 383 उर्दू-फारसी के शब्द अब दिल्ली पुलिस के शब्दकोश से गायब हो जाएंगे. यानी अगर आप पुलिस या कोर्ट कचहरी के किसी मामले में पक्षकार हैं, तो आपको इन शब्दों का मतलब खोजने के लिए उर्दू और फारसी डिक्शनरी साथ में नहीं रखनी पड़ेगी. दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक सर्कुलर जारी करके तत्काल प्रभाव से इन शब्दों का इस्तेमाल रोकने का आदेश दिया है, क्योंकि इनसे आम जनता को परेशानी होती है.

पक्षकार को अर्थ खोजने में होती थी परेशानी: उर्दू फारसी की बजाय सरल हिंदी या अंग्रेजी शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जो लोगों को आसानी से समझ में आ जाए. दरअसल, इस मामले में वर्ष 2018 में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जिस पर सात अगस्त 2019 को फैसला सुनाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि एफआईआर शिकायतकर्ता के शब्दों में ही दर्ज होनी चाहिए. इसमें बहुत अधिक जटिल भाषा का प्रयोग नहीं होना चाहिए. विशालाक्षी बनाम भारत सरकार के इस मामले में फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने यह टिप्पणी की थी कि पुलिस अधिकारी आम जनता के लिए काम कर रहे हैं न कि उर्दू फारसी में डॉक्टरेट की पदवीधारी लोगों के लिए. कोर्ट ने कहा था कि पुलिस को एफआईआर में ऐसी जटिल भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिसका अर्थ खोजने के लिए पक्षकार को उर्दू फारसी शब्दकोश का इस्तेमाल करना पड़े.

ब्रिटिश काल से हो रहा है उर्दू फारसी शब्दों का प्रयोग: ब्रिटिश शासनकाल से ही पुलिस अपने कामकाज में उर्दू-फारसी के शब्दों का इस्तेमाल करती रही है. एफआईआर, चार्जशीट और डेयली डायरी में ऐसे शब्दों का भरपूर इस्तेमाल होता रहा है. ये शब्द इतने कठिन होते हैं कि अक्सर काफी पढ़े लिखे लोग भी इन्हें समझ नहीं पाते हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने एक नया सर्कुलर जारी किया है. सर्कुलर के मुताबिक, उर्दू-फारसी के शब्दों को हिंदी और अंग्रेजी के बोलचाल के शब्दों से रिप्लेस किया जाए.

निर्देश का पालन न करने पर होगी कार्रवाई: सर्कुलर में हटाए जाने वाले शब्दों और उनकी जगह इस्तेमाल किए जाने वाले हिंदी और अंग्रेजी शब्दों की सूची भी जारी की गई है. सर्कुलर में उन 383 उर्दू-फारसी शब्दों की लिस्ट भी दी गई है, जिन्हें हिंदी और अंग्रेजी के सरल शब्दों से रिप्लेस किया जाना है. सर्कुलर के तहत पुलिसकर्मी या अधिकारी डेली डायरी लिखते समय, सूची और चार्जशीट तैयार करते समय अधिक से अधिक सरल शब्दों का उपयोग करें, जिन्हें शिकायतकर्ता भी आसानी से समझ सकें. ऐसा ना करने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों पर कार्रवाई भी की जा सकती है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा द्वारा जारी सर्कुलर
दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा द्वारा जारी सर्कुलर

ये भी पढ़ें: गोवा पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को भेजा समन, 27 अप्रैल को होगी पूछताछ

Last Updated : Apr 14, 2023, 10:37 AM IST
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