नई दिल्ली: प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली की सड़कों पर पानी में धूल दबाने वाले पाउडर को मिलकर छिड़काव किया जा रहा है, जिससे ज्यादा देर तक सड़क पर धूल के कण जमा रहें. साथ ही पेड़ पौधों की धुलाई भी की जा रही है, जिससे पत्तियों पर जमा धूल साफ हो सके. गौरतलब है कि दिल्ली में प्रदूषण बहुत गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. प्रदूषण की रोकथाम को लेकर 1 अक्टूबर से लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण की पाबंदियां लागू हैं. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली में 345 वाटर स्प्रिंकलर चल रहे हैं.
सड़कों पर पानी का छिड़काव 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया गया है. दिल्ली में जगह -जगह हॉटस्पॉट पर 233 एन्टी स्मॉग गन लगाई गई हैं, 192 मोबाइल एन्टी स्मॉग गन हैं, जिसे कहीं भी ले जाया जा सकता है. 106 सरकारी बिल्डिंगों पर एन्टी स्मॉग गन काम कर रही हैं.
प्रदूषण बढ़ने के दो प्रमुख कारण: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि 30 अक्टूबर से प्रदूषण बढ़ रहा है, वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान में गिरावट, हवा की गति कम होने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. दिल्ली में 365 दिन प्रदूषण रोकने के लिए काम हो रहा है. गर्मियों में समर एक्शन प्लान और सर्दियों में विंटर एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण की रोकथाम के लिए काम किया जाता है.
ईवी पॉलिसी, 24×7 बिजली देना, फैक्टरियों की पीएनजी पर शिफ्ट करने समेत अन्य काम हुए हैं. 2015 में ऐसे दिन जब प्रदूषण संतोष जनक स्थिति में रहा, ऐसे दिनों की संख्या 109 थी. इस साल ऐसे दिनों की संख्या 206 रही. दिल्ली के काम का असर दिख रहा है. कई साल बाद इस साल हवा की गति धीमी हुई है. इससे प्रदूषण के कण नीचे सतह पर बने हैं.
पेड़ पौधों की पत्तियों पर जमा है धूल की परत: दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में जगह-जगह धूल उड़ती रहती है. इससे पेड़ पौधों पर धूल की मोटी परत जमा है. इससे पौधे सही तरीके से कार्बन डाइऑक्साइड नहीं ले पाते हैं और ऑक्सीजन नहीं छोड़ पाते हैं. इतना ही नहीं पौधों की पत्तियां भी सूखने लगते हैं. दिल्ली में नगर निगम और अग्निशमन विभाग की ओर से पेड़ पौधों की भी धुलाई की जा रही है.
प्रदूषण की रोकथाम को उठाए गए महत्वपूर्ण कदम
- 210 टीमें पटाखों के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने का काम कर रही हैं
- 82 एमआरएस मसीन, वॉटर स्प्रिंकलर हुआ सफाई के लिए लगाई गई हैं
- 345 वाटर स्प्रिंकलर अलग-अलग विभाग के सड़कों पर चल रहे हैं
- 233 एन्टी स्मोग गन विभिन्न प्रोजेक्टों पर लगाए गए हैं जिससे धूल न उड़े
- 192 मोबाइल एन्टी स्मॉग गन से सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है
- 106 सरकारी बिल्डिंगों पर एन्टी स्मॉग गन काम कर रही हैं. जिससे प्रदूषण न हो.