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Delhi High Court Order: राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में 25 फीसदी बेड EWS कोटे को दिए जाएं - राजीव गांधी कैंसर अस्पताल

देशभर में कई ऐसे अस्पताल हैं जो कोर्ट के आदेश के बावजूद गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं देते हैं, जबकि इसके लिए उन्हें सस्ती जमीन उपलब्ध कराई जाती है. इसी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में 25 फीसदी बेड EWS कोटे में देने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट
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Published : Feb 8, 2023, 3:24 PM IST

हाईकोर्ट का आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में कुल उपलब्ध बेड का 25 फीसद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को दिए जाने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने अस्पताल को आगामी 1 मार्च 2023 से इस नियम का पालन करने का निर्देश दिया है. दरअसल, कोर्ट सामाजिक न्यायविद द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था, दायर याचिका में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के मरीजों को कैंसर का इलाज मुफ्त नहीं मिलने की बात कही गई थी.

सुनवाई के दौरान सोशल जूरिस्ट की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने बताया की मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने अस्पताल को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को 25 फीसद सीटें आवंटित किए जाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने 10 फीसद आवंटित सीटों को बढ़ाकर 25 फीसद सीटें यानी कुल 31 सीटों को ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आवंटित किया है. उन्होंने कहा कि गरीबों के इलाज के लिए सोशल जूरिस्ट की पहल की बड़ी जीत है. इससे पहले रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में ईडब्ल्यूएस मरीजों को इलाज के लिए परेशानी उठानी पड़ती थी.

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अशोक अग्रवाल ने बताया कि राजीव गांधी कैंसर अस्पताल सरकारी जमीन पर बनाया गया है, जमीन देते वक्त एजेंसी ने सिर्फ यही शर्तें रखी थीं कि अस्पताल ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के मरीजों का मुफ्त में इलाज मुहैया कराए. बावजूद इसके पिछले 20 सालों से ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के मरीजों को मुफ्त इलाज देने से मना किया जा रहा है. बहरहाल 21 साल की लंबी चली लड़ाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 मार्च से अस्पताल को 25 फीसद ओपीडी ईडब्ल्यूएस कोटे के मरीजों को दिए जाने का निर्देश दिया है.

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हाईकोर्ट का आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में कुल उपलब्ध बेड का 25 फीसद आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को दिए जाने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने अस्पताल को आगामी 1 मार्च 2023 से इस नियम का पालन करने का निर्देश दिया है. दरअसल, कोर्ट सामाजिक न्यायविद द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा था, दायर याचिका में ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के मरीजों को कैंसर का इलाज मुफ्त नहीं मिलने की बात कही गई थी.

सुनवाई के दौरान सोशल जूरिस्ट की तरफ से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने बताया की मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने अस्पताल को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों को 25 फीसद सीटें आवंटित किए जाने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने 10 फीसद आवंटित सीटों को बढ़ाकर 25 फीसद सीटें यानी कुल 31 सीटों को ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए आवंटित किया है. उन्होंने कहा कि गरीबों के इलाज के लिए सोशल जूरिस्ट की पहल की बड़ी जीत है. इससे पहले रोहिणी स्थित राजीव गांधी कैंसर अस्पताल में ईडब्ल्यूएस मरीजों को इलाज के लिए परेशानी उठानी पड़ती थी.

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अशोक अग्रवाल ने बताया कि राजीव गांधी कैंसर अस्पताल सरकारी जमीन पर बनाया गया है, जमीन देते वक्त एजेंसी ने सिर्फ यही शर्तें रखी थीं कि अस्पताल ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के मरीजों का मुफ्त में इलाज मुहैया कराए. बावजूद इसके पिछले 20 सालों से ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के मरीजों को मुफ्त इलाज देने से मना किया जा रहा है. बहरहाल 21 साल की लंबी चली लड़ाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने 1 मार्च से अस्पताल को 25 फीसद ओपीडी ईडब्ल्यूएस कोटे के मरीजों को दिए जाने का निर्देश दिया है.

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