नई दिल्ली: साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 से 24 विजेताओं को पुरस्कार से नवाजा गया हैं. पुरस्कृत लेखकों को साहित्य अकादमी की ओर से पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रुपए, स्मृति चिन्ह और शॉल भेंट की गई है. यह सम्मान 24 भाषाओं के लेखकों को दिया गया है. जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा में लिखी उनकी पुस्तक एन एरा ऑफ डार्कनेस (An Era of Darkness) के लिए ये सम्मान मिला है.
'छीलते हुए अपने को' मिला पुरस्कार
इसके अलावा हिंदी भाषा के लिए प्रतिष्ठित कवि और नाटककार नंदकिशोर आचार्य को उनकी पुस्तक 'छीलते हुए अपने को' के लिए यह पुरस्कार दिया गया है. इस मौके पर नंदकिशोर आचार्य ने कहा कि वह हमेशा से ही अपने लेखन में नए-नए आयामों को तलाशने की कोशिश करते हैं, जिससे कि नई पीढ़ी इस से जुड़ सकें.
मशहूर हास्य कवि रतीलाल बोरीसागर को मिला पुरस्कार
मशहूर गुजराती व्यंग्यकार रतीलाल बोरीसागर को 'मोजमां रे वू रे! के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार 2019 से सम्मानित किया गया है, रतीलाल बोरीसागर बच्चों के लिए भी लिखते हैं. गुजराती भाषा में उनके 28 हादसे निबंधों का संग्रह है, जिसमें वह समाज की समस्याओं को अपने हास्य लेखन के साथ बेहद ही उम्दा तरीके से पेश करते हैं. अपने लेखन को लेकर रतीलाल बोरीसागर ने कहा वह हमेशा से ही अपनी कविता कहानियों में सच्ची घटनाओं वह भी पेश करने की कोशिश करते हैं और इस पुस्तक में भी उन्होंने अपनी एक बीमारी को लेकर लिखा था.
24 भाषाओं के अलग-अलग फनकारों को मिला सम्मान
इसके साथ ही असमिया भाषा के लिए जयश्री गोस्वामी महंत को उनकी पुस्तक 'चाणक्य', मणिपुरी के लिए एल. बिरमंगल सिंह को उनकी पुस्तक 'ई अमादी अदुनगीगी ईठत', तमिल के लिए को पुस्तक 'सुल', तेलुगु के लिए बंदि नारायण स्वामी को पुस्तक 'सेप्ताभूमि', बोडो भाषा के लिए फुकन चंद्र बसुमतारी को पुस्तक 'आखाइ आथुमनिफ्राय', इसके अलावा भाषा कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मराठी, संस्कृत, कश्मीरी, ओड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, संथाली, सिंधी, बाडला, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, उर्दू, समेत 24 भाषाओं के लेखकों को यह पुरस्कार दिया गया है.