नई दिल्ली: चुनावी वर्ष में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम जनता को सुविधा देने के नाम पर पिछले दिनों नई योजना को लांच किया था. जिसका नाम दिया गया था, 'मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना'.
इस योजना को सोमवार को कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई है. योजना के तहत दिल्ली के अंधेरे में डूबे उन इलाकों को अब स्ट्रीट लाइट लगाकर प्रकाशित किया जाएगा. इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में कई डार्क स्पॉट हैं, जो महिला सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है. शाम में केजरीवाल लोधी कॉलोनी इलाके में इस योजना का शुभारंभ करेंगे.
मुख्यमंत्री ने स्ट्रीट लाइट लगाने की बात कही
केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली सरकार द्वारा जो सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. इस बीच ही यह बात समझ में आई कि जिस तरह से सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं, उसी तरह से डार्क स्पॉट को खत्म करने के लिए स्ट्रीट लाइट भी लगा दी जाएं तो समस्या का समाधान हो सकता है. महिला सुरक्षा के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्था सेफ्टी पिन ने डार्क स्पॉट से संबंधित रिपोर्ट दिए है, और आम लोगों ने विधायकों को सुझाव दिए थे, उसके तहत स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी.
2.10 लाख लगाई जाएंगी स्ट्रीट लाइट
सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयं स्ट्रीट लाइट योजना के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली कंपनियों को 70-70 हजार स्ट्रीट लाइट अपने क्षेत्र में लगाने के निर्देश दिए जाएंगे. दिल्ली में 3 विवरण बिजली वितरण करने वाली कंपनियां है. तीनों कंपनी मिलाकर कुल 2.10 लाख स्ट्रीट लाइट लगाएंगी. इस लाइट के लिए कहीं खंभे लगाने की जरूरत नहीं होगी. यह स्ट्रीट लाइट लोगों के मकान, दुकान की दीवारों पर लगाए जाएंगे.
विधायक से संपर्क कर आम लोग लगवा सकते हैं लाइट
केजरीवाल ने कहा कि क्षेत्र के लोग अपने सुविधानुसार अपने इलाके में जहां डार्क स्पॉट रहता है और जो इलाका अंधेरे में डूबा रहता है, उसे खत्म करने के लिए विधायक की अनुमति से स्ट्रीट लाइट लगवा सकते हैं. यह स्ट्रीट लाइट 20 से 40 वाट के एलईडी बल्ब होंगे. जिसमें सेंसर भी लगा होगा. शाम होने के बाद यह लाइट ऑटोमेटिक जलने लगेगी और सुबह होते ही लाइट बंद हो जाएंगी.
केजरीवाल ने कहा कि अगर कोई शख्स अपने घर के समीप लाइट लगवाना चाहता है तो वह क्षेत्र के विधायक से संपर्क कर इसकी मांग कर सकता है. उसके बाद बिजली कंपनियां लाइट लगाएंगी. लाइट का कनेक्शन उसके घर से ही लिया जाएगा. लाइट के एवज में जितनी भी बिजली खपत होगी, वह उस घर के मालिक के बिजली बिल में एडजस्ट कर दिया जाएगा.
50 हजार स्ट्रीट लाइट लगेगी
सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो जनवरी महीने तक 50 हज़ार स्ट्रीट लाइट लग जाएंगी. इस मद में तकरीबन 100 करोड़ रुपये खर्च होंगे. स्ट्रीट लाइटों के रखरखाव पर प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जो सरकार वहन करेगी.