नई दिल्ली: रिंग रोड पर आश्रम फ्लाईओवर एक्सटेंशन के निर्माण कार्य के दौरान इस रूट पर सफर करना लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है. निर्माण कार्य के दौरान तेज रफ्तार और यातायात नियमों का पालन न करने के कारण इस स्ट्रेच में तीन माह में 18 सड़क हादसे हुए, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई. हादसों को अंजाम देने वाले अज्ञात वाहन चालक मौके से फरार हो गए. कई हादसों में निर्माण एजेंसियों की लापरवाही भी देखने को मिली.
पुराना आश्रम फ्लाईओवर बंद होने के कारण रूट डायवर्ट थाः आश्रम-डीएनडी फ्लाईओवर को जोड़ने के लिए यहां निर्माण कार्य शुरू किया गया था. इसके चलते आश्रम फ्लाईओवर को बंद कर दिया गया था. लोगों को जाम की समस्या से बचाने के लिए इस इलाके में कई रूट डायवर्ट किए गए थे. इसके बावजूद निर्माण कार्य पूरा होने तक पूरे इलाके में जाम की समस्या बनी रही. रिंग रोड पर जाम के कारण सीवी रमन मार्ग, माता मंदिर मार्ग सहित आसपास की कॉलोनियों में भी जाम लगा. अभी भी आश्रम फ्लाइओवर एक्सटेंशन का काम पूरा नहीं हुआ है. इससे अभी भी हादसे का खतरा बना हुआ है.
होते रहे हादसे, नहीं सुधरी व्यवस्थाः साल 2023 के पहले तीन महीनों में रिंग रोड पर आश्रम चौक से सराय कालेखां तक के करीब डेढ़ किलोमीटर के हिस्से में 18 सड़क हादसे हुए. ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक हादसों के शिकार हुए. तीन दोपहिया वाहन चालकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. डेढ़ किलोमीटर के दायरे में लगातार हादसे होने के बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं किया गया.
हादसों की प्रमुख वजहें:
निर्माण कार्य के दौरान सड़क की चौड़ाई कम होनाः इस रूट पर निर्माण कार्य के दौरान निर्माण कार्य से जुड़ी मशीनें और सामग्री सड़क पर पड़ी हुई थी जिसके चलते सड़क की चौड़ाई कम हो गई थी. जिससे यहां जाम लगता था. ऐसे में दोपहिया वाहन चालक निर्माण कार्य के दौरान ही बीच में बने एक छोटे से कट से निकलते थे और तेज रफ्तार वाहन चालकों के सामने आ जाते थे. आश्रम चौक से गुरुद्वारे की ओर मुड़ते समय तेज रफ्तार दोपहिया वाहन चालकों का संतुलन सड़क पर फैली निर्माण सामग्री की चपेट में आने से भी बिगड़ जाता था, जिसके चलते हादसे हुए.
पर्याप्त लाइटों की व्यवस्था न होनाः निर्माण कार्य के दौरान कुछ हिस्से में लाइट की व्यवस्था नहीं थी. ऐसे में आश्रम चौक से गुरुद्वारे की ओर मुड़ते समय अंधेरा भी हादसे की वजह बना. साथ ही इस सड़क पर फुटपाथ के साथ कई अवैध वाहन भी खड़े रहते हैं जिसके चलते हादसे का खतरा रहता है.
तेज रफ्तार वाहनः निर्माण कार्य के दौरान आश्रम चौक लालबत्ती पर लंबा जाम रहने के चलते यहां लालबत्ती पार करने के बाद सभी वाहन तेज रफ्तार में दौड़ते हैं. सड़क की चौड़ाई कम होने के चलते तेज रफ्तार अक्सर हादसे का कारण बनती है. मोड़ पर कई बार दोपहिया वाहन चालक तेज रफ्तार के चलते वाहन से संतुलन भी खो बैठते हैं, जिसके चलते हादसे का शिकार हो जाते हैं.
हादसे के शिकार लोगों की दास्तां
1- 26 मार्च की रात सराय कालेखां फ्लाईओवर से थोड़ा पहले हादसे का शिकार हुआ अर्पण अपने परिवार में अकेला कमाने वाला था. परिवार में बुजुर्ग दादी और बीमार मां शामिल हैं. दोनों बप्पा नगर में रहते है. अर्पण की दादी ने बताया कि पुलिस ने उस रात उन्हें फोन कर बताया कि अर्पण की मौत हो गई है. इसके बाद से उसकी मां को तो होश ही नहीं है. घर में दवाईयां, खाना और अन्य जरूरतों के लिए सिर्फ एक ही कमाने वाला था. अब वह भी नहीं रहा.
2- 27 मार्च की रात लगभग नौ बजे बुराड़ी में रहने वाला मनोज कुमार(36) हादसे का शिकार हुआ था. मनोज के परिवार में पत्नी के अलावा उसकी तीन साल की बच्ची है. मनोज की मौत के बाद पत्नी के सामने परिवार चलाने का संकट खड़ा हो गया है. मनोज बुराड़ी से रोज ओखला स्थित एक इलेक्ट्रॉनिक कंपनी में नौकरी करने आता था. हादसे वाले दिन वह ड्यूटी से घर लौट रहा था.
3- आश्रम चौक लालबत्ती पर हादसे का शिकार हुए उत्तम नगर के रहने वाले राजकुमार भल्ला(50) हादसे वाले दिन वह लालबत्ती पर खड़े थे. तभी एक तेज रफ्तार नीले रंग की बस लाजपत नगर की ओर से आई और उनके पीछे से दायीं ओर घूमी. सड़क की चौड़ाई कम होने के चलते बस का एक हिस्सा पीड़ित के पैर को रगड़ता हुए निकला. वह बाइक के साथ ही गिर पड़े और उनके पैर में गंभीर चोट लगी. उपचार के बाद भी अभी तक उनका पैर सही से काम नहीं कर रहा है. जिस कारण वह ड्यूटी नहीं कर पा रहे हैं.
सड़क सुरक्षा और सुधार कार्यकर्ता, अतुल रणजीत कुमार ने कहा, हाईटेंशन लाइन हटने में विलंब व फुटपाथ कार्य के लंबित रहने से इस मार्ग पर काफी समस्या हुई है. हाईटेंशन लाइन को हटाने के लिए पहले संवाद किया गया होता तो इस काम में इतना विलंब नहीं होता. अगर ये सभी काम समय से हो जाते तो इन हादसों को रोका जा सकता था.
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