नई दिल्ली: दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की ओर से 27 से 29 अक्टूबर तक 16वां अर्बन मोबिलिटी इंडिया कॉन्फ्रेंस एंड एक्सपो- 2023 का आयोजन किया जाएगा. इसका उद्घाटन मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी करेंगे. कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न शहरों में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने पर चर्चा होगी और परिवहन व अन्य विभागों से देश विदेश के एक्सपर्ट्स अपने अनुभव साझा करेंगे, जिससे परिवहन व्यवस्था को पर्यावरण के अनुकूल और बेहतर बनाया जा सके.
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के ओएसडी जयदीप ने कहा कि नेशनल अर्बन ट्रांसपोर्ट पॉलिसी 2006 के तहत हर साल एक कॉन्फ्रेंस की जाती है. हर साल अलग-अलग शहरों में यह कॉन्फ्रेंस अलग थीम पर होती है. इस बार 16वीं कॉन्फ्रेंस 27 से 29 अक्टूबर तक नई दिल्ली में होगी, जिसकी थीम इंटीग्रेटेड और रेसिलियंट अर्बन ट्रांसपोर्ट (एकीकृत और लचीला शहरी परिवहन) रखी गई है. इसमें सारी क्षेत्र में परिवहन को और सुगम कैसे बनाया जा सकता है इस पर चर्चा होगी. इसके साथ ही शहरी परिवहन व्यवस्था को आपदा के दौरान जैसे बाढ़ भूकंप आदि के दौरान कैसे काम में लिया जाए, इसपर भी बात होगी.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाढ़ के दौरान मेट्रो का संचालन होता रहा जिससे लोगों को राहत थी. कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के एक्सपर्ट्स के साथ कई बैंक भी आते हैं और अर्बन डेवलपमेंट को फाइनेंस करते हैं. इस दौरान मेट्रो रेल परिवहन विभाग समेत अन्य विभागों के एक्सपर्ट्स शामिल होंगे. 29 अक्टूबर को शहरी परिवहन क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले शहर को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया जाएगा.
कई राज्यों में मेट्रो संचालन के डीपीआर पर हो रहा काम: ओएसडी जयदीप ने बताया कि देश में मेट्रो के संचालन को लेकर विभिन्न राज्यों से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) आई हुई है, जिनपर काम चल रहा है. दिल्ली में एयरोसिटी से तुगलकाबाद, आरके आश्रम मार्ग से जनकपुरी वेस्ट और मौजपुर से मजलिस पार्क तक मेट्रो सेवा को विस्तार देने के लिए भी काम चल रहा है. साथ ही दिल्ली में विभिन्न जगहों पर सोलर पैनल लगाए जा रहे हैं, जिससे बिजली पैदा की जा सके. वर्तमान में रोज करीब 70 लाख लोग दिल्ली मेट्रो से सफर करते हैं.
इन शहरों में चलाई जाएंगी पीएम ई बसें: मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स के ओएसडी जयदीप ने कहा कि हाल ही में पीएम ई बस सेवा लॉन्च की गई है, जिसके तहत 10 हजार बसें चलाई जाएंगी. सभी बसें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत 10 साल के लिए चलेंगी. अभी तक 169 शहरों को पीएम ई बसें चलाने के लिए चुना गया है. ये बसें 12, नौ और सात मीटर की हैं, जिनके मेंटेनेंस के लिए डिपो भी बनाए जाएंगे. इन बसों में लोग कॉमन मोबिलिटी कार्ड से लोग सफर कर सकेंगे.
तीन दिवसीय कांफ्रेंस में इन मुद्दों पर होगी बात-
- शहरी परिवहन प्रणालियों को और बेहतर करने (मेट्रो सत्र)
- शहरी परिवहन प्रणालियों के मल्टी-मॉडल एकीकरण में चुनौतियों का सामना करने की रणनीति
- बड़े पैमाने पर पारगमन परियोजनाओं की वित्तीय स्थिरता, ई-बसों को बढ़ाने का रोडमैप: विज़न 2030
- प्रतिकृति के लिए टीओडी-केस स्टडीज के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाना
- डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने और एकीकृत एवं सतत शहरी माल ढुलाई एवं रसद पर चर्चा
- मेट्रो रेल परियोजनाओं में प्रौद्योगिकियों का एकीकरण: सबक और नवाचार
- एनसीएमसी के साथ भारत के गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को एकजुट करना
- ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी लाना - परिवहन में स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण के लिए नवाचार और सहयोग नीति हस्तक्षेप
यह भी पढ़ें-गाजियाबाद-मेरठ रैपिड मेट्रो के बाद अब यूपी के कई अन्य शहरों के बीच चलेगी यह स्पेशल ट्रेन