नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के आंकड़े सीएम केजरीवाल की महत्वाकांक्षी फ्री बस-मेट्रो योजना को सेंध लगाने के लिए काफी है. दिल्ली पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि बीते वर्ष के मुकाबले महिलाओं से छेड़छाड़ की 150 फीसदी घटनाएं इस वर्ष बढ़ी है.
जानकारी के अनुसार मेट्रो के सफर को अधिकांश महिलाएं खुद सुरक्षित मानती है. यही वजह है कि रोजाना लगभग 10 लाख महिलाएं मेट्रो में सफर करती हैं. इस सबके बीच कुछ मनचले महिलाओं की सुरक्षा में सेंध लगाते हुए उनसे छेड़छाड़ करते हैं.
छेड़छाड़ की वारदातों में इजाफा
राजधानी में साल 2018 में 15 जुलाई तक छेड़छाड़ की 7 घटनाएं हुई थीं तो वहीं इस वर्ष 15 जुलाई तक छेड़छाड़ के 17 मामले दर्ज हो चुके हैं. ऐसे में इन आंकड़ों की वजह से मेट्रो में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं क्योंकि यह इजाफा 150 फीसदी का है.
ईटीवी भारत ने की महिलाओं से बातचीत
इस मुद्दे को लेकर जब हमने मेट्रो में सफर करने वाली महिलाओं एवं छात्राओं से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि भीड़ का फायदा उठाकर मनचले कई बार छेड़छाड़ करते हैं. इस संबंध में शिकायत करने के लिए भी स्टेशन पर तुरंत कोई नहीं मिलता जिसकी वजह से आरोपी फरार हो जाते हैं.
महिला यात्री संध्या गुप्ता ने बताया कि सरकार एवं डीएमआरसी को महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ठोस उपाय करने चाहिए. खासतौर से महिला या पुरुष गार्ड मेट्रो में तैनात किए जाने चाहिए ताकि कम से कम महिलाएं सुरक्षित महसूस करें.
चोरों से भी परेशान महिला यात्री
छात्राओं ने बताया कि मेट्रो में छेड़छाड़ के साथ-साथ चोरी की वारदातों से भी वे परेशान हैं. उन्होंने बताया कि मेट्रो में कई गैंग सक्रिय हैं जो खासतौर से बैग के अंदर रखा पर्स चोरी करते हैं. सीसीटीवी फुटेज होने के बावजूद पुलिस उन्हें कई बार नहीं पकड़ पाती है.
मेट्रो में महिलाओं की सुरक्षा के हैं खास इंतजाम
डीएमआरसी ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपनी तरफ से बेहतर प्रयास किये हुए हैं. महिलाओं के लिए एक कोच को आरक्षित रखा गया है जिसमें सफर करने पर पुरुष यात्री को जुर्माना भरना पड़ता है. वहीं अन्य मेट्रो कोच में भी महिलाओं के लिए सीट आरक्षित हैं.
इसके साथ ही मनचलों को पकड़ने के लिए मेट्रो गार्ड की एक टीम भी अलग-अलग लाइनों पर सफर करती है. इसके अलावा मेट्रो ट्रेन से लेकर प्लेटफार्म पर भी सीसीटीवी से नजर रखी जाती है.