नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने कोलकाता के अजंता सर्कस से गायब 14 जानवरों को खोजने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, एनिमल वेलफेयर बोर्ड और सेंट्रल जू अथॉरिटी को नोटिस जारी किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने 25 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.
जानवरों को जब्त कर पुनर्वास की मांग
याचिका पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि अजंता सर्कस से 14 जानवर गायब हैं. उन जानवरों को जब्त कर उनका पुनर्वास की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि अजंता सर्कस के हाथियों, घोड़ों, ऊंटों ,पक्षियों और दूसरे जानवरों को पुनर्वास केंद्रों में और कुत्तों को केयर होम्स में रखा जाए.
'जानवरों को काफी बुरी स्थिति में रखा जाता है'
याचिका में कहा गया है कि अजंता सर्कस के अलावा ग्रेट बांबे सर्कस, रैम्बो सर्कस, एम्पायर सर्कस और द ग्रेट इंडिया सर्कस के जानवरों को तुरंत जब्त किया जाए और उन्हें स्थायी पुनर्वास केंद्रों में रखा जाए. सुनवाई के दौरान पेटा की ओर से वकील अमन हिंगोरानी, हिमांशु यादव और स्वाति सुंबली ने कहा कि एनिमल वेलफेयर बोर्ड की रिपोर्ट से साफ है कि इन सर्कसों में जानवरों को काफी बुरी स्थिति में रखा जाता है. यहां तक कि बुढ़े हो चुके जानवरों से भी सर्कसों में प्रदर्शन करवाया जाता है.