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तेंदुए से लड़कर 11 साल की बच्ची ने बचाई थी भाई की जान, RML से हुई डिस्चार्ज - तेंदुए से अपने छोटे भाई की जान बचाई

11 वर्षीय राखी ने अपनी जान पर खेलकर एक तेंदुए से अपने छोटे भाई की जान बचाई थी. तेंदुए के इस हमले में राखी गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसका इलाज आरएमएल में किया गया.

तेंदुए से लड़कर 11 साल की बच्ची ने बचाई थी भाई की जान
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Published : Oct 9, 2019, 2:39 PM IST

नई दिल्ली: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बीते दिनों 11 वर्षीय राखी और उसके भाई (9 साल) राघव पर तेंदुए ने हमला बोल दिया था. इस हमले में राखी गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसका उपचार आरएमएल अस्पताल में किया गया.

तेंदुए से लड़कर 11 साल की बच्ची ने बचाई थी भाई की जान

वहीं अभी भी उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. हालांकि, डॉक्टरों ने पीड़िता को डिस्चार्ज कर दिया है और बेड रेस्ट के लिए बोला है. 11 वर्षीय राखी ने अपनी जान पर खेल कर छोटे भाई की जान बचाई थी. फिलहाल वह दक्षिणी दिल्ली के मीठापुर में अपनी मौसी के यहां पर है.

11 year old Uttarakhand girl save brother
तेंदुए से लड़कर 11 साल की बच्ची ने बचाई थी भाई की जान

मौसी अंजू ने सुनाई घटना की दास्तां
पीड़ित राखी की मौसी अंजू देवी ने बताया कि बीते चार अक्टूबर शाम के वक्त राखी और राघव और उसकी मां खेतों में थे. तभी एकदम अचानक तेंदुआ आया, इस दरमियान तेंदुए ने राघव पर हमला किया. लेकिन, राखी ने अपनी जान पर खेलकर अपने भाई को बचाया. उन्होंने बताया कि इस दरमियान मां ने काफी शोर किया तो आसपास के लोग इकट्ठे हुए इसके बाद राखी और राघव को अस्पताल में ले जाया गया. उनका कहना है कि सरकार की मदद से बच्ची का उपचार तो हुआ है लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है.

11 year old Uttarakhand girl save brother
परिजन के साथ राखी

राम मनोहर लोहिया अस्पताल से किया गया डिस्चार्ज
आपको बता दें कि राखी के सिर में माइनर फ्रैक्चर है. ऐसे में उसकी इलाज के लिए पहले सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया. जहां उसके बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट किया गया था. डॉक्टर ने बाद में उसे डिस्चार्ज कर दिया है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि सिर में माइनर फ्रैक्चर होने के चलते अभी उसे बेड रेस्ट की जरूरत है. राखी फिलहाल अपनी मौसी अंजू के यहां मीठापुर स्थित घर पर है. जहां डॉक्टर उनके घर जाकर बच्ची का ट्रीटमेंट कर रहे हैं.

नई दिल्ली: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बीते दिनों 11 वर्षीय राखी और उसके भाई (9 साल) राघव पर तेंदुए ने हमला बोल दिया था. इस हमले में राखी गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसका उपचार आरएमएल अस्पताल में किया गया.

तेंदुए से लड़कर 11 साल की बच्ची ने बचाई थी भाई की जान

वहीं अभी भी उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. हालांकि, डॉक्टरों ने पीड़िता को डिस्चार्ज कर दिया है और बेड रेस्ट के लिए बोला है. 11 वर्षीय राखी ने अपनी जान पर खेल कर छोटे भाई की जान बचाई थी. फिलहाल वह दक्षिणी दिल्ली के मीठापुर में अपनी मौसी के यहां पर है.

11 year old Uttarakhand girl save brother
तेंदुए से लड़कर 11 साल की बच्ची ने बचाई थी भाई की जान

मौसी अंजू ने सुनाई घटना की दास्तां
पीड़ित राखी की मौसी अंजू देवी ने बताया कि बीते चार अक्टूबर शाम के वक्त राखी और राघव और उसकी मां खेतों में थे. तभी एकदम अचानक तेंदुआ आया, इस दरमियान तेंदुए ने राघव पर हमला किया. लेकिन, राखी ने अपनी जान पर खेलकर अपने भाई को बचाया. उन्होंने बताया कि इस दरमियान मां ने काफी शोर किया तो आसपास के लोग इकट्ठे हुए इसके बाद राखी और राघव को अस्पताल में ले जाया गया. उनका कहना है कि सरकार की मदद से बच्ची का उपचार तो हुआ है लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है.

11 year old Uttarakhand girl save brother
परिजन के साथ राखी

राम मनोहर लोहिया अस्पताल से किया गया डिस्चार्ज
आपको बता दें कि राखी के सिर में माइनर फ्रैक्चर है. ऐसे में उसकी इलाज के लिए पहले सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया. जहां उसके बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट किया गया था. डॉक्टर ने बाद में उसे डिस्चार्ज कर दिया है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि सिर में माइनर फ्रैक्चर होने के चलते अभी उसे बेड रेस्ट की जरूरत है. राखी फिलहाल अपनी मौसी अंजू के यहां मीठापुर स्थित घर पर है. जहां डॉक्टर उनके घर जाकर बच्ची का ट्रीटमेंट कर रहे हैं.

Intro:ग्यारह साल की राखी ने तेंदुए से लड़कर भाई की बचाई जान, आरएमएल से हुई डिस्चार्ज


नई दिल्ली: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बीते दिनों 11 वर्षीय राखी और उसके भाई नो साल के राघव पर तेंदुए के हमले के मामले में जहां एक और पीड़िता का उपचार आरएमएल अस्पताल में किया गया. तो वही अभी भी उसकी स्थिति चिंताजनक है. हालांकि डॉक्टरों ने पीड़िता को डिस्चार्ज कर दिया है.और बेड रेस्ट के लिए बोला है, 11 वर्षीय राखी ने अपनी जान पर खेल कर छोटे भाई के जान बचाई. फिलहाल वह दक्षिणी दिल्ली के मीठापुर में अपनी मौसी के यहां पर है.


Body:मौसी अंजू ने सुनाई घटना की दास्तां
पीड़ित राखी की मौसीअंजू देवी ने बताया कि बीते चार अक्टूबर शाम के वक्त राखी और राघव और उसकी मां खेतों में थे.तभी एकदम अचानक तेंदुआ आया इस दरमियान तेंदुए ने राघव पर हमला किया. लेकिन राखी ने अपनी जान पर खेलकर अपने भाई को बचाया. उन्होंने बताया कि इस दरमियान मां ने काफी शोर किया तो आसपास के लोग इकट्ठे हुए इसके बाद राखी और राघव को अस्पताल में ले जाया गया. उनका कहना है कि सरकार की मदद से बच्ची का उपचार तो हुआ है लेकिन अभी भी स्थिति मैं सुधार पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है.


राम मनोहर लोहिया से किया गया डिस्चार्ज
आपको बता दें कि राखी के सिर में माइनर फैक्चर है.ऐसे में उसकी इलाज के लिए पहले सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया.जहां उसके बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट किया गया था. डॉक्टर के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि सिर में माइनर फैक्चर होने के चलते अभी उसे बेड रेस्ट की जरूरत है.


Conclusion:राखी अपनी मौसी अंजू के यहां मीठापुर स्थित घर पर है जहां पर परिजन और डॉक्टर भी घर पर ही आकर ट्रीटमेंट कर रहे है.
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