नई दिल्ली: उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में बीते दिनों 11 वर्षीय राखी और उसके भाई (9 साल) राघव पर तेंदुए ने हमला बोल दिया था. इस हमले में राखी गंभीर रूप से घायल हो गई थी, जिसका उपचार आरएमएल अस्पताल में किया गया.
वहीं अभी भी उसकी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. हालांकि, डॉक्टरों ने पीड़िता को डिस्चार्ज कर दिया है और बेड रेस्ट के लिए बोला है. 11 वर्षीय राखी ने अपनी जान पर खेल कर छोटे भाई की जान बचाई थी. फिलहाल वह दक्षिणी दिल्ली के मीठापुर में अपनी मौसी के यहां पर है.
मौसी अंजू ने सुनाई घटना की दास्तां
पीड़ित राखी की मौसी अंजू देवी ने बताया कि बीते चार अक्टूबर शाम के वक्त राखी और राघव और उसकी मां खेतों में थे. तभी एकदम अचानक तेंदुआ आया, इस दरमियान तेंदुए ने राघव पर हमला किया. लेकिन, राखी ने अपनी जान पर खेलकर अपने भाई को बचाया. उन्होंने बताया कि इस दरमियान मां ने काफी शोर किया तो आसपास के लोग इकट्ठे हुए इसके बाद राखी और राघव को अस्पताल में ले जाया गया. उनका कहना है कि सरकार की मदद से बच्ची का उपचार तो हुआ है लेकिन अभी भी स्थिति में सुधार पूर्ण रूप से नहीं हो पाया है.
राम मनोहर लोहिया अस्पताल से किया गया डिस्चार्ज
आपको बता दें कि राखी के सिर में माइनर फ्रैक्चर है. ऐसे में उसकी इलाज के लिए पहले सफदरजंग अस्पताल में ले जाया गया. जहां उसके बाद राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एडमिट किया गया था. डॉक्टर ने बाद में उसे डिस्चार्ज कर दिया है लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि सिर में माइनर फ्रैक्चर होने के चलते अभी उसे बेड रेस्ट की जरूरत है. राखी फिलहाल अपनी मौसी अंजू के यहां मीठापुर स्थित घर पर है. जहां डॉक्टर उनके घर जाकर बच्ची का ट्रीटमेंट कर रहे हैं.