नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद 11 साल की पीड़िता नरगिस की लाइलाज बीमारी लाइसोसोमल स्टोरेज डिसऑर्डर (एलएसडी) का एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी (ईआरटी) के जरिये इलाज मिला गया है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) को निर्देश दिया कि वो नरगिस का आगे का इलाज नोएडा के सेक्टर 24 स्थित अस्पताल में इलाज करे. मामले की अगली सुनवाई 3 मार्च 2021 को होगी.
लाइलाज एलएसडी बीमारी से पीड़ित है नरगिस
पिछले 8 सितंबर को कोर्ट ने ईएसआईसी को निर्देश दिया था कि वो नरगिस का ईआरटी के जरिये इलाज करें. कोर्ट ने ईएसआईसी के बसई दारापुर अस्पताल को इलाज करने का निर्देश दिया था. 11 वर्षीया नरगिस को लाइलाज एलएसडी बीमारी है. नरगिस की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने मांग की थी कि ईएसआईसी बच्ची के इलाज के लिए एम्स को 28 लाख रुपये दे. उन्होंने कहा था कि ईआरटी के जरिये तीन महीने के इलाज का खर्च 28 लाख रुपये है. उन्होंने कहा था कि नरगिस के बड़े भाई की इसी बीमारी की वजह से पिछले 23 अगस्त को इसलिए मौत हो गई क्योंकि ईएसआईसी ने एम्स को इलाज के लिए पैसे नहीं दिए.
ईएसआईसी से जून 2014 से बीमा चल रहा है
याचिका में कहा गया है कि नरगिस का ईएसआईसी से जून 2014 से बीमा चल रहा है, याचिका में केंद्र सरकार और ईएसआईसी पर नरगिस के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. याचिका में कहा गया है कि ईएसआईसी ने संविधान की धारा 21 और धारा 39(ई), 41 और 43 का उल्लंघन किया है. याचिका में कहा गया है कि केंद्र सरकार और ईएसआईसी की ये संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वो लोगों के जीवन की रक्षा करे लेकिन दुर्भाग्य से नरगिस की जान बचाने के लिए कोई रुचि नहीं दिखा रहा है.