नई दिल्ली: राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर एक बार फिर खतरे के निशान से नीचे चला गया है. मंगलवार शाम सात बजे पुराने लोहे के पुल के पास यमुना का जलस्तर 205.32 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से नीचे है. दरअसल यमुना नदी का जलस्तर रिकॉर्ड 208.66 मीटर तक पहुंचने के बाद से इसमें उतार चढ़ाव लगा हुआ है.
शनिवार को हथिनीकुंड बैराज से दो लाख क्यूसेक से भी अधिक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी शुरू हुई थी. इसके बाद सोमवार दोपहर तीन बजे यमुना का जलस्तर 206.57 पहुंच गया, इसके बाद से यमुना के जलस्तर नीचे आने लगा. गौरतलब है कि इस वर्ष यमुना में आई बाढ़ ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं. बाढ़ का पानी आउटर रिंग रोड के साथ ही रिहायशी कॉलोनियों तक घुस गया था. और तो और बाढ़ का पानी सिविल लाइन की कई कॉलोनियों में घुसने के साथ आईटीओ रेड लाइट तक पहुंच गया था.
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इसके अलावा यमुना खादर में रह रहे 40 हजार से भी ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर बाढ़ राहत कैंप में लाया गया, जो फिलहाल वहीं रह रहे हैं. बाढ़ पीड़ितों के लिए सरकार ने मयूर विहार खेल गांव, गीता कॉलोनी पुराने अक्षरधाम, लोहे के पुल शास्त्री पार्क उस्मानपुर, सोनिया विहार सहित अलग-अलग इलाकों में राहत कैंप बनाया गया है. इन कैंप में खाने-पीने की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही कई राजनीतिक दल और संस्था भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आए हैं, जो लगातार बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचा रहे हैं. इन सबके साथ, बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए राहत कैंपों में मेडिकल टीम भी लगाई गई है, जिससे इस बात का नजर रखी जा सके कि बाढ़ पीड़ितों में किसी प्रकार की बिमारी तो नहीं फैल रही है.
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