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देश की पहली रीजनल रेल के संचालन में महिलाएं निभाएंगी अहम भूमिका, महिला सशक्तिकरण की दिशा में रेलवे का कदम

Delhi ghaziabad meerut RRTS Corridor: दिल्ली गाजियाबाद मेरठ रीजनल ट्रेन के संचालन की अहम जिम्मेदारी परिवहन विभाग द्वारा महिलाओं को दी गई है. आधुनिक हाई स्पीड और हाई फ्रिकवेंसी वाली ट्रेनों का परिचालन करने के लिए महिलाओं को 3 महीने से ट्रेनिंग दी जा रही है.

दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
दिल्ली गाजियाबाद मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 11, 2023, 9:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन को जल्द ही जनता के लिए परिचालित किया जाएगा. इन आधुनिक हाई स्पीड, हाई फ्रिकवेंसी रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. प्रायोरिटी सेक्शन के परिचालन में महिला कर्मचारियों की भागीदारी पुरुष कर्मचारियों से अधिक होगी.

महिलाओं को सशक्त करने के लिए कदम: एनसीआरटीसी ने परिवहन सेक्टर में देश की आधी आबादी की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है, जिससे महिला सशक्तिकरण की ओर कदम बढ़ाया जाएगा. पहले खंड में रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन के लिए नियुक्त ट्रेन संचालकों में पुरुष संचालकों की तुलना में महिला संचालकों की संख्या अधिक है. इसके अलावा, स्टेशन कंट्रोल, प्रबंधन, संचालन एवं रखरखाव, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, ट्रेन अटेंडेंट, आदि के रूप में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

शहरी परिवहन प्रणाली से परिचित कराने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पहले इन संचालकों को तीन महीने की क्लासरूम स्टडीज के साथ-साथ सिमुलेटर पर ट्रेन चलाने और ट्रेन की गति पर नियंत्रण करने समेत अन्य जरूरी प्रशिक्षण दिए गए हैं. प्रशिक्षण में उन्हें आरआरटीएस प्रणाली में विश्व में पहली बार प्रयोग की जा रही ईटीसीएस लेवल-2 सिग्नलिंग प्रणाली, इसके रोलिंग स्टॉक, ट्रेन कंट्रोल सिस्टम आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया है. बता दें कि रैपिडएक्स ट्रेनों की परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है.

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6 महीने से हो रही प्रैक्टिस: पिछले 6 महीने में इस प्रणाली पर ठीक उसी तरह ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जैसी परिचालन के बाद चलाई जाएंगी. इस प्रणाली के हर आयाम की बारीकी से जांच की जा रही हैपूरी प्रक्रिया में इन महिला कर्मचारियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. इस खंड में कुल 5 स्टेशन हैं, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल है. आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली है जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर इसकी सम्पूर्ण लंबाई को तय करने के लिए परिचालन हेतु खोला जा रहा है.

ये भी पढे़ं-CM केजरीवाल ने एशियन गेम्स 2023 में गोल्ड मेडल जीतने वाले दिल्ली के खिलाड़ियों से की मुलाकात

नई दिल्ली: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी सेक्शन को जल्द ही जनता के लिए परिचालित किया जाएगा. इन आधुनिक हाई स्पीड, हाई फ्रिकवेंसी रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. प्रायोरिटी सेक्शन के परिचालन में महिला कर्मचारियों की भागीदारी पुरुष कर्मचारियों से अधिक होगी.

महिलाओं को सशक्त करने के लिए कदम: एनसीआरटीसी ने परिवहन सेक्टर में देश की आधी आबादी की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है, जिससे महिला सशक्तिकरण की ओर कदम बढ़ाया जाएगा. पहले खंड में रैपिडएक्स ट्रेनों के संचालन के लिए नियुक्त ट्रेन संचालकों में पुरुष संचालकों की तुलना में महिला संचालकों की संख्या अधिक है. इसके अलावा, स्टेशन कंट्रोल, प्रबंधन, संचालन एवं रखरखाव, ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर, ट्रेन अटेंडेंट, आदि के रूप में भी महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.

शहरी परिवहन प्रणाली से परिचित कराने एवं प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए पहले इन संचालकों को तीन महीने की क्लासरूम स्टडीज के साथ-साथ सिमुलेटर पर ट्रेन चलाने और ट्रेन की गति पर नियंत्रण करने समेत अन्य जरूरी प्रशिक्षण दिए गए हैं. प्रशिक्षण में उन्हें आरआरटीएस प्रणाली में विश्व में पहली बार प्रयोग की जा रही ईटीसीएस लेवल-2 सिग्नलिंग प्रणाली, इसके रोलिंग स्टॉक, ट्रेन कंट्रोल सिस्टम आदि के बारे में प्रशिक्षित किया गया है. बता दें कि रैपिडएक्स ट्रेनों की परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटा है.

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6 महीने से हो रही प्रैक्टिस: पिछले 6 महीने में इस प्रणाली पर ठीक उसी तरह ट्रेनें चलाई जा रही हैं, जैसी परिचालन के बाद चलाई जाएंगी. इस प्रणाली के हर आयाम की बारीकी से जांच की जा रही हैपूरी प्रक्रिया में इन महिला कर्मचारियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है. इस खंड में कुल 5 स्टेशन हैं, जिनमें साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो शामिल है. आरआरटीएस का प्राथमिक खंड देश की ऐसी पहली रेलवे प्रणाली है जिसे 160 किमी प्रति घंटा की अधिकतम परिचालन गति पर इसकी सम्पूर्ण लंबाई को तय करने के लिए परिचालन हेतु खोला जा रहा है.

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