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साल का आखिरी दुर्गाष्टमी व्रत कब ? यहां देखें तिथि, महत्व और मुहूर्त - साल का आखिरी दुर्गाष्टमी व्रत कब

Masik Durgasthmi 2023: साल की आखिरी दुर्गाष्टमी का पर्व इस बार 20 दिसंबर को मनाया जाएगा. जाने इसका महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 19, 2023, 7:23 PM IST

आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार बुधवार, 20 दिसंबर 2023 को दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी. मान्यता है कि अष्टमी तिथि के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से जल्द मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पूजा का विशेष लाभ मिलता है. आपको बताते हैं कि मार्गशीर्ष महीने की मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत, पूजा विधि और मुहूर्त.

ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा के मुताबिक हर महीने दो अष्टमी तिथि पड़ती हैं. पहले कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की मां दुर्गा अधिष्ठात्री देवी हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति साल भर में 12 अष्टमी का व्रत रखता है, वह दुर्गा मां की कृपा का पात्र बन जाता है. दुर्गा मां के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. घर से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.

शुभ मुहूर्त-

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 19 दिसंबर 2023 दोपहर 01:07 बजे से शुरू.

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त: बुधवार, 11 दिसंबर 2023 सुबह 11:14 बजे समाप्त.

उदय तिथि के मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 20 दिसंबर को रखा जाएगा.

पूजा विधि-
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन प्रात काल उठें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहने. संभव हो तो इस दिन लाल रंग के कपड़े पहने. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय है. पूजा के स्थान को गंगाजल डालकर शुद्ध करें. मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें. गंगाजल से मां दुर्गा का अभिषेक करें और उनके समक्ष दीप प्रचलित करें. विधि विधान के साथ मां की पूजा अर्चना करें. पूजा के दौरान लाल फूल और फल अर्पित करें. इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें.

आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा

नई दिल्ली/गाजियाबाद: सनातन धर्म में मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. प्रत्येक महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है. इस बार बुधवार, 20 दिसंबर 2023 को दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी. मान्यता है कि अष्टमी तिथि के दिन सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा अर्चना करने से जल्द मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पूजा का विशेष लाभ मिलता है. आपको बताते हैं कि मार्गशीर्ष महीने की मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत, पूजा विधि और मुहूर्त.

ज्योतिषाचार्य और आध्यात्मिक गुरु शिव कुमार शर्मा के मुताबिक हर महीने दो अष्टमी तिथि पड़ती हैं. पहले कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में. मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि की मां दुर्गा अधिष्ठात्री देवी हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति साल भर में 12 अष्टमी का व्रत रखता है, वह दुर्गा मां की कृपा का पात्र बन जाता है. दुर्गा मां के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. घर से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं.

शुभ मुहूर्त-

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ: मंगलवार, 19 दिसंबर 2023 दोपहर 01:07 बजे से शुरू.

मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त: बुधवार, 11 दिसंबर 2023 सुबह 11:14 बजे समाप्त.

उदय तिथि के मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत 20 दिसंबर को रखा जाएगा.

पूजा विधि-
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन प्रात काल उठें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ-सुथरे कपड़े पहने. संभव हो तो इस दिन लाल रंग के कपड़े पहने. ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय है. पूजा के स्थान को गंगाजल डालकर शुद्ध करें. मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें. गंगाजल से मां दुर्गा का अभिषेक करें और उनके समक्ष दीप प्रचलित करें. विधि विधान के साथ मां की पूजा अर्चना करें. पूजा के दौरान लाल फूल और फल अर्पित करें. इस दिन दुर्गा चालीसा का पाठ जरूर करें.

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