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घरेलू हिंसा का शिकार हुई रश्मि आनंद अब परिवारों को जोड़ रही हैं - rashmi anand domestic violence

8 मार्च को पूरे विश्व में महिला दिवस मनाया गया. हमारे देश में भी महिलाओं को देवी की तरह पूजा जाता है, लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि हमारे देश में लगातार महिलाएं घरेलु हिंसा का शिकार होती रही हैं. घरेलू हिंसा की पीड़ित रहीं रश्मि इन दिनों ऐसी ही पीड़ित महिलाओं की मदद कर रही हैं.

Social worker
रश्मि आनंद
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Published : Mar 9, 2021, 12:02 PM IST

नई दिल्ली: घरेलु हिंसा की शिकार रहीं रश्मि आनंद इन दिनों लगातार महिलाओं की मदद कर रही हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए रश्मि ने कहा जब तक घरेलू हिंसा पर लगाम नहीं लगेगा, तब तक महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को नहीं रोका जा सकता.

रश्मि आनंद ने कहा कि घरेलू हिंसा महिलाओं के साथ होने वाले अपराध की जड़ है.
रश्मि आनंद ने बताया कि वह भी घरेलू हिंसा का शिकार हुईं, उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया. जब पुलिस की मदद से उन्हें उनके बच्चे वापस मिले तो उन्होंने अपनी जिंदगी शुरू की. दिल्ली पुलिस से मिली मदद और काउंसलिंग के बाद वे अपनी जैसी महिलाओं की मदद में जुट गईं.

पढ़ें-Delhi Budget session 2021: 2021-22 के लिए सिसोदिया में पेश किया 69 हजार करोड़ का बजट

इस सफर की शुरुआत उन्होंने दिल्ली पुलिस की मदद से की. शुरुआत में वह दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर पीड़िताओं की काउंसलिंग में जुट गईं. उसके बाद उन्होंने एनजीओ बनाकर महिलाओं की मदद करना शुरू किया. रश्मि आनंद ने कहा कि घरेलू हिंसा महिलाओं के साथ होने वाले अपराध की जड़ है. घरेलू हिंसा से यह बच्चे इस तरह की हिंसा को सीखते हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा की रोकथाम कर महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोका जा सकता है.

नई दिल्ली: घरेलु हिंसा की शिकार रहीं रश्मि आनंद इन दिनों लगातार महिलाओं की मदद कर रही हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए रश्मि ने कहा जब तक घरेलू हिंसा पर लगाम नहीं लगेगा, तब तक महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को नहीं रोका जा सकता.

रश्मि आनंद ने कहा कि घरेलू हिंसा महिलाओं के साथ होने वाले अपराध की जड़ है.
रश्मि आनंद ने बताया कि वह भी घरेलू हिंसा का शिकार हुईं, उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया. जब पुलिस की मदद से उन्हें उनके बच्चे वापस मिले तो उन्होंने अपनी जिंदगी शुरू की. दिल्ली पुलिस से मिली मदद और काउंसलिंग के बाद वे अपनी जैसी महिलाओं की मदद में जुट गईं.

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इस सफर की शुरुआत उन्होंने दिल्ली पुलिस की मदद से की. शुरुआत में वह दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर पीड़िताओं की काउंसलिंग में जुट गईं. उसके बाद उन्होंने एनजीओ बनाकर महिलाओं की मदद करना शुरू किया. रश्मि आनंद ने कहा कि घरेलू हिंसा महिलाओं के साथ होने वाले अपराध की जड़ है. घरेलू हिंसा से यह बच्चे इस तरह की हिंसा को सीखते हैं. ऐसे में घरेलू हिंसा की रोकथाम कर महिलाओं के साथ होने वाले अपराध को रोका जा सकता है.

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