नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद के टीला मोड़ इलाके में 31 दिसंबर से लापता दो युवकों की लाश चार जनवरी को मिली थी. इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. दोनों युवकों की गोली मारकर हत्या की गई थी और गला काट दिया गया था. इसके बाद आरोपियों ने लाश को खेत में छुपा दिया था. आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है. बताया जा रहा है कि प्रदूषण का विरोध करने के चलते दोनों युवकों को मौत के घाट उतारा गया था. (Two youths were shot dead for protesting against pollution)
पूरा मामला थाना टीला मोड़ इलाके का है, जहां पर 4 दिसंबर को दो युवकों गौरव और दुर्गेश की लाश मिली थी. परिजनों ने इसके बाद हंगामा भी किया था. पुलिस पर आरोप था कि 23 दिसंबर से लापता दोनों युवकों की तलाश पुलिस नहीं कर पा रही है. दोनों गुमशुदा थे, जिनकी लाश खेत में मिली. पुलिस ने आश्वस्त किया था कि जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी. इस मामले में पुलिस ने आज गिरफ्तारी कर ली है. पता चला है कि इलाके में एक फैक्ट्री चल रही थी, जिसमें लोहा गलाने का काम और केमिकल का काम होता था. लोगों का आरोप है कि इस अवैध फैक्ट्री में से काफी धुआ निकलता था, जिसका विरोध दुर्गेश और गौरव ने किया था. इसी बात पर फैक्ट्री में मौजूद आरोपियों से दोनों का झगड़ा हुआ और दोनों को फैक्ट्री वालों ने मौत के घाट उतार दिया था.
गोली मारने के बाद काटा गलाः डीसीपी दीक्षा शर्मा ने बताया कि 4 जनवरी को थाना टीला मोड़ क्षेत्र में दो डेड बॉडी मिली थी, जिनकी शिनाख्त दुर्गेश कसाना और गौरव कसाना के रूप में हुई थी. इस मामले में पांच टीमें काम कर रही थी. ग्राउंड इंटेलिजेंस और टेक्निकल इंटेलिजेंस पर काफी काम किया. इस हत्याकांड में छह आरोपी पकड़े गए हैं. दो आरोपी कोतवाल पुर गांव के हैं और बाकी आरोपी बरेली के हैं. एक आरोपी फरार है जिसकी तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि आरोपियों में संजीव और जनक का एक खेत है, जहां पर यह एक फैक्ट्री चलाते थे.
31 दिसंबर को गौरव और दुर्गेश इस फैक्ट्री में गए थे. फैक्ट्री में गौरव और दुर्गेश का झगड़ा हो गया था. आरोपियों ने गौरव पर गोली चलाई गई, जिससे उसकी मौत हो गई. इसके बाद दुर्गेश की गला काट कर हत्या कर दी गई. गोली लगने के बावजूद गौरव का भी गला काट दिया गया था. दीक्षा शर्मा के मुताबिक, जबसे गुमशुदगी लिखी गई थी तभी से पुलिस गौरव और दुर्गेश की तलाश कर रही थी. हालांकि डेड बॉडी मिलने में कई दिन लग गए. उन्होंने कहा कि इसमें किसी की लापरवाही पाई जाएगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.
डीसीपी दीक्षा शर्मा के मुताबिक, अभी तक पुख्ता कारण साफ नहीं हुआ है कि क्या विवाद वाकई प्रदूषण को लेकर हुआ था या इसके पीछे कोई और भी वजह थी. उन्होंने कहा कि जांच पड़ताल की जा रही है. हालांकि अगर वाकई आरोप सही है कि प्रदूषण का विरोध करने पर दोनों युवकों की हत्या कर दी गई तो यह एक संगीन मामला है. क्योंकि दिल्ली एनसीआर में बढ़ता प्रदूषण का स्तर किसी से छुपा नहीं है. लोग प्रदूषण कम करने को लेकर काफी जागरूक हो रहे हैं, लेकिन अगर प्रदूषण का विरोध करने पर हत्या हो सकती है तो यह सिहरन पैदा कर देने वाला है.