नई दिल्ली /ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर प्रदूषण विभाग के अधिकारियों ने ग्रेप सहित अन्य नियमों को सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, प्राधिकरण पॉल्यूशन में कमी लाने के लिए पेड़ों और सड़कों पर पानी से छिड़काव कर रहा है. साथ ही कंस्ट्रक्शन साइटों पर भी निर्माण कार्य को बंद कर दिया गया है. डीजल जनरेटरों पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है.
विभाग ने नियमों को सख्ती से लागू करने की योजना तैयार की है. बढ़ते प्रदूषण के नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर में प्रदूषण विभाग ने कई संस्थानों पर लगभग 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. ताकि बढ़ते पॉल्यूशन में कमी लाई जा सके और एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) के बढ़ते ग्रॉफ को रोका जा सके.
दरअसल, दिल्ली एनसीआर में सबसे ज्यादा प्रदूषण ग्रेटर नोएडा में बढ़ रहा है. इसके चलते ग्रेटर नोएडा में धुंध की एक चादर देखने को मिल रही है. प्रदूषण विभाग के अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण से राहत मिलने की फिलहाल उम्मीद नहीं है. प्रदूषण विभाग के अधिकारी डीके गुप्ता ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण को कम करने के लिए साथ ही धूल मिट्टी को कम करने के लिए लगातार कार्य किया जा रहे हैं. इससे ग्रेटर नोएडा में प्रदूषण का स्तर कम हो सके.
अधिकारियों ने बताया कि ग्रेटर नोएडा में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के नियमों का पालन करने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है, लेकिन अभी भी सड़कों पर धूल उड़ रही है. इसके चलते लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ग्रेटर नोएडा में बढ़ते पॉल्यूशन में अगर कमी नहीं आई तो पॉल्यूशन को रोकने के लिए और पाबंदियां लागू की जाएगी. हवा की रफ्तार थमने और मौसम शुष्क होने से भी पॉल्यूशन का स्तर और बढ़ रहा है. इसको लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है.
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