नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः नोएडा के तुस्याना गांव में पट्टों की जमीन को गलत तरीकों से खरीद-बिक्री के घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में मैनेजर के पद पर तैनात विधायक नरेंद्र भाटी के सगे भाई कैलाश भाटी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार (Three people arrested including brother of MLA Narendra Bhati in land scam) किया है. बाकी दो लोगों की पहचान दीपक और कमल सिंह के तौर पर हुई है. यह भूमि घोटाला करीब 150 करोड़ रुपए का था.
आरोप है कि ग्रेटर नोएडा के तुस्याना गांव में अपात्र लाभुकों को पट्टों का आवंटन किया गया. पट्टों की जमीन का नियमों के खिलाफ जाकर क्रय-विक्रय किया गया. गलत तरीके से इसका मुआवजा उठा लिया गया गया. इस मामले में शिकायतकर्ता ने बताया कि तुस्याना गांव में पट्टों की जमीन को एक कम्पनी ने खरीदी थी. बाद में उस कम्पनी से सात लोगों ने फर्जी तरीके से जमीन खरीदी और मुआवजा उठाया. जिस समय यह घोटाला हुआ, उस समय कैलाश भाटी ग्रेटर प्राधिकरण में बतौर वरिष्ठ प्रबंधक के पद पर तैनात थे. जिन लोगों को यह लाभ मिलना था, वह वंचित रह गए लेकिन संपन्न लोगों को गड़बड़ी कर पट्टे हासिल करा दिए गए. नियमों को दरकिनार कर के पट्टों का आवंटन किया गया.
भूमाफिया ने गलत तरीके से मुआवजा उठाने के साथ भूखंडों का आवंटन करा लिया. शिकायत होने पर अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ने इसकी जांच की. जांच में घोटाले की बात सामने आई थी, जिसके बाद जिलाधिकारी की तरफ से इसकी उच्च स्तरीय कमेटी से जांच कराने की सिफारिश शासन से की गई थी. 30 मई को प्रदेश सरकार ने तीन सदस्य एसआईटी टीम गठित की. उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष संजीव मित्तल की अध्यक्षता में समिति बनी. इसमें मंडलायुक्त मेरठ और अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ को सदस्य बनाया गया.
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इसी मामले में जांच के दौरान सामने आए नामों में आज तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. एसआईटी की टीम और ईकोटेक तीन थाना पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी नरेंद्र भाटी के भाई और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मैनेजर कैलाश भाटी को गिरफ्तार किया है. साथ ही दो अन्य दीपक और कमल को भी गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अभी अन्य कई और गिरफ्तारी हो सकती हैं.