नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना नदी पर डेढ़ दशक पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने सिग्नेचर ब्रिज बनाने का सपना देखा था. यह ब्रिज पिछले साल लोगों के लिए खोल दिया गया था. हालांकि अभी भी इसके कुछ हिस्से में निर्माण कार्य चल रहा है. ये निर्माण कार्य अब जल्द ही खत्म हो जाएगा जिसके बाद पर्यटक यहां से पूरी दिल्ली का दीदार कर सकेंगे.
इस ब्रिज का सपना देखने वाली शीला दीक्षित अब इस दुनिया में नहीं रहीं. उनकी मृत्यु के बाद अब प्रदेश कांग्रेस ने उनकी याद में सिग्नेचर ब्रिज का नाम बदलकर शीला ब्रिज करने की मांग की है.
'शीला के निधन से देश को नुकसान'
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जितेंद्र कोचर ने सिगनेचर ब्रिज का नाम बदलकर शीला ब्रिज करने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली की शिल्पकार के नाम से मशहूर शीला दीक्षित के निधन से आज जो जगह रिक्त हुई है, उसकी भरपाई कभी पूरी नहीं की जा सकती. उनके जाने से दिल्ली और कांग्रेस पार्टी को ही नुकसान नहीं हुआ है. बल्कि देश को भी नुकसान हुआ है.
सिग्नेचर ब्रिज का नाम शीला ब्रिज
शीला दीक्षित ने एक से बढ़कर एक फ्लाईओवर का निर्माण किया है. शीला दीक्षित ने दिल्ली को रफ्तार देने की कोशिश की. आज दिल्ली की जनता को ही नहीं पूरे देश को इसका लाभ मिल रहा है. यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज बनाने का सपना शीला दीक्षित ने ही देखा था और आज यह ब्रिज बनकर तैयार होने वाला है. यह ब्रिज शीला दीक्षित के दूरगामी सोच का ही नतीजा है.
सिगनेचर ब्रिज का निर्माण शीला दीक्षित ने अपनी देखरेख में करवाया था. इसके पूरा होने में काफी समय लगा और आखिरकार अब वह बनकर तैयार होने वाला है. इसलिए निवेदन है कि सिग्नेचर ब्रिज का नाम स्वर्गीय शीला दीक्षित के नाम पर रखा जाए.
सिगनेचर ब्रिज पर टूरिस्ट पॉइंट
सिगनेचर ब्रिज का निर्माण कार्य पिछले एक दशक से चल रहा था. गत वर्ष अक्टूबर में इस ब्रिज को आवाजाही के लिए खोल दिया गया और ऊपरी हिस्से में दो जगहों पर टूरिस्ट पॉइंट साथ-साथ बनाया जा रहा है. बता दें कि सिगनेचर ब्रिज के जिस ऊपरी हिस्से पर टूरिस्ट प्वाइंट बनाया जा रहा है वहां 50 से 60 पर्यटक एक साथ लिफ्ट के जरिए पहुंचकर पूरी दिल्ली का दीदार कर सकेंगे. नीचे से चार जगहों पर लिफ्ट होंगी जो ब्रिज के ऊपरी हिस्से तक पर्यटकों को ले जायेंगे और वहां से पर्यटक पूरे दिल्ली का दीदार कर सकेंगे. इसके निर्माण पर 1600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.