नई दिल्ली/गाजियाबाद: बचपन में गर्मियों की छुट्टी से पहले स्कूलों से हमें हॉलिडे होमवर्क मिलता था. अधिकतर लोग अक्सर हॉलिडे होमवर्क पूरा नहीं कर पाते थे. नाना नानी या फिर दादा दादी के घर जाने के चलते हॉलिडे होमवर्क छूट जाता था. जरा सोचिए अगर दादा दादी या अपने नाना नानी के घर जाना ही हॉलिडे होमवर्क में मिले तो कैसा रहेगा. गाजियाबाद के कमला नेहरू नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर ने एक नई पहल की शुरुआत की है.
सरस्वती शिशु मंदिर की प्रधानाचार्य रेखा शर्मा बताती हैं कि इस बार छात्र छात्राओं को समर वेकेशन के दौरान करने के लिए जो भी हॉलिडे होमवर्क दिया गया है. उसमें नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखा गया है. हॉलिडे होमवर्क के माध्यम से हमने यह प्रयास किया है कि कैसे एकल परिवार से बच्चों को कैसे संयुक्त परिवार से जोड़ा जा सकता है. हॉलीडे होमवर्क में हमने कुछ ऐसे प्रोजेक्ट बच्चों को दिए हैं जो वह अपने दादा-दादी, नानी नानी या फिर बुआ, चाची आदि के घर जाकर उनके साथ समय बिताकर पूरा करें.
उन्होंने बताया कि स्कूल का प्रयास है कि छात्र-छात्राओं को उनकी संस्कृति और उनके संयुक्त परिवार के नजदीक लाया जा सके. जहां एक तरफ विभिन्न प्रकार के हॉलीडे होमवर्क दिए जा रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल में समर कैंप के माध्यम से भी छात्र छात्राओं को उनकी संस्कृति से जोड़ा जा रहा है. समर कैंप में बच्चों को कई चीजें सिखाया जा रहा है, सलाद बनाना, इंग्लिश राइटिंग, हिंदी राइटिंग, क्ले वर्क आर्ट एंड क्राफ्ट, मेहंदी डिज़ाइन आदि. समर कैंप के माध्यम से बच्चों के स्किल्स को डेवलप करना हमारा मकसद है.
प्रधानाचार्य के मुताबिक, स्कूल में ऑफलाइन के बदले ऑनलाइन समर कैंप का आयोजन किया गया है. जिससे छात्र अपने घर पर रहकर अपने परिवार वालों के साथ समय बिताते हुए समर कैंप में भाग ले और जो भी एक्टिविटीज अध्यापकों द्वारा छात्र-छात्राओं को कराई जा रही हैं. वह घर पर अपने परिवार के साथ पूरा करें.
उप प्रधानाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, बच्चों में एक्टिविटी का बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है. विद्यालय में इस समय करीब 1060 बच्चे है. जिसमें 700 करीब बच्चे अपना फीडबैक दे रहे है. हर क्लास में दिए गए विभिन्न टॉपिक नई शिक्षा नीति के केंद्रित है. क्योंकि नई शिक्षा नीति को प्रमोट करने में विद्या भारती बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है. पूरे भारतवर्ष में विद्या भारती के स्कूलों में नई शिक्षा नीति को प्रमोट किया जा रहा है. जो बच्चों को खेल-खेल में पढ़ा रही है और स्किल्स भी सिखा रही है. ऑनलाइन ट्रेनिंग के एक घंटे बाद ही बच्चे अपनी-अपनी बनाई चीजें शिक्षकों से साझा करने लगते है.
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