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UP Investors Summit 2023: पश्चिमी UP की विकास यात्रा का माध्यम होगा RRTS, ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में NCRTC ने लगाया स्टॉल

यूपी के लखनऊ में शुक्रवार को ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का लखनऊ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया, जहां ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में NCRTC का स्टॉल लगाया गया है.

UP Investors Summit 2023
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Published : Feb 10, 2023, 10:38 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया. इस समिट में देश-विदेश के नीति निर्माता, उद्योगपति, शिक्षाविद, थिंक टैंक और नेता भाग ले रहे हैं. एनसीआरटीसी ने प्रदर्शनी के यमुना हॉल में भारत की प्रथम रीजनल रेल पर एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें इस परियोजना की विस्तृत जानकारी के साथ-साथ इसके द्वारा प्रदेश में संभावित आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव को दिखाया गया है.

आरआरटीएस परियोजना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आर्थिक केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ राजधानी दिल्ली से रिवर्स माइग्रेशन में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी. इससे प्रदेश में ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस एवं ईज़ ऑफ़ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा. एनसीआरटीसी द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में इसे बहुत बेहतर तरीके से दिखाया गया है.

इस परियोजना की आधारशिला महज 4 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखी गई थी. इस प्रदर्शनी में यह भी दिखाया गया है कि कैसे उत्तर प्रदेश सरकार की अनूकुल नीतियों के परिणामस्वरूप इतने कम समय में न सिर्फ तेज़ी से निर्माण संभव हो सका बल्कि जल्द ही एनसीआरटीसी उत्तर प्रदेश में आने वाले 17 किमी प्राथमिकता खंड में आरआरटीएस का परिचालन भी आरंभ करने जा रही है. हाल ही में सरकार द्वारा लागू की गई ट्रांसिट ओरिएंटेड पॉलिसी भी प्रदेश के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके विषय में भी इस प्रदर्शनी में बताया गया है.

यह परियोजना 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विज़न की एक उत्कृष्ट उदाहरण है. आरआरटीएस के लिए 100 % ट्रेनसेट गुजरात के सावली में स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में निर्मित किए जा रहे हैं. साथ ही एनसीआरटीसी ने देश में पहली बार आरआरटीएस कॉरिडोर में उपयोग की जाने वाली बलास्टलेस ट्रैक तकनीक का स्वदेशीकरण किया है जो 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के लिए उपयुक्त है. प्रदर्शनी में इसकी भी झलक दिखाई गई है.

82 किमी लंबे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का लगभग 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिज़ाइन गति के साथ आरआरटीएस इस क्षेत्र में आवागमन की सुरक्षित, आरामदायक और विश्वसनीय सेवा प्रदान करने के साथ, यात्रा में लगने वाले समय को भी एक-तिहाई कम कर देगा.

एनसीआरटीसी, मेरठ में आरआरटीएस की ही बुनियादी संरचना पर मेरठ मेट्रो की भी सुविधा मुहैया कराने वाला है. इस प्रदर्शनी बूथ पर चित्रों एवं ट्रेन एवं स्टेशन के विभिन्न मॉडलों द्वारा इसके बारे में पूरी जानकारी तथा इसके निर्माण कार्यों की एक झलक दिखाई गई है.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में निवेश कुंभ का आयोजन, एक लाख 20 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन दिवसीय यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया. इस समिट में देश-विदेश के नीति निर्माता, उद्योगपति, शिक्षाविद, थिंक टैंक और नेता भाग ले रहे हैं. एनसीआरटीसी ने प्रदर्शनी के यमुना हॉल में भारत की प्रथम रीजनल रेल पर एक प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें इस परियोजना की विस्तृत जानकारी के साथ-साथ इसके द्वारा प्रदेश में संभावित आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव को दिखाया गया है.

आरआरटीएस परियोजना पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आर्थिक केंद्रों के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ राजधानी दिल्ली से रिवर्स माइग्रेशन में एक निर्णायक भूमिका निभाएगी. इससे प्रदेश में ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस एवं ईज़ ऑफ़ लिविंग को बढ़ावा मिलेगा. एनसीआरटीसी द्वारा लगाई गई इस प्रदर्शनी में इसे बहुत बेहतर तरीके से दिखाया गया है.

इस परियोजना की आधारशिला महज 4 साल पहले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रखी गई थी. इस प्रदर्शनी में यह भी दिखाया गया है कि कैसे उत्तर प्रदेश सरकार की अनूकुल नीतियों के परिणामस्वरूप इतने कम समय में न सिर्फ तेज़ी से निर्माण संभव हो सका बल्कि जल्द ही एनसीआरटीसी उत्तर प्रदेश में आने वाले 17 किमी प्राथमिकता खंड में आरआरटीएस का परिचालन भी आरंभ करने जा रही है. हाल ही में सरकार द्वारा लागू की गई ट्रांसिट ओरिएंटेड पॉलिसी भी प्रदेश के समग्र विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके विषय में भी इस प्रदर्शनी में बताया गया है.

यह परियोजना 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' विज़न की एक उत्कृष्ट उदाहरण है. आरआरटीएस के लिए 100 % ट्रेनसेट गुजरात के सावली में स्थित मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में निर्मित किए जा रहे हैं. साथ ही एनसीआरटीसी ने देश में पहली बार आरआरटीएस कॉरिडोर में उपयोग की जाने वाली बलास्टलेस ट्रैक तकनीक का स्वदेशीकरण किया है जो 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के लिए उपयुक्त है. प्रदर्शनी में इसकी भी झलक दिखाई गई है.

82 किमी लंबे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ कॉरिडोर का लगभग 68 किमी का हिस्सा उत्तर प्रदेश में है. 180 किलोमीटर प्रति घंटे की डिज़ाइन गति के साथ आरआरटीएस इस क्षेत्र में आवागमन की सुरक्षित, आरामदायक और विश्वसनीय सेवा प्रदान करने के साथ, यात्रा में लगने वाले समय को भी एक-तिहाई कम कर देगा.

एनसीआरटीसी, मेरठ में आरआरटीएस की ही बुनियादी संरचना पर मेरठ मेट्रो की भी सुविधा मुहैया कराने वाला है. इस प्रदर्शनी बूथ पर चित्रों एवं ट्रेन एवं स्टेशन के विभिन्न मॉडलों द्वारा इसके बारे में पूरी जानकारी तथा इसके निर्माण कार्यों की एक झलक दिखाई गई है.

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