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गाजियाबाद में 60 लाख रुपए हड़पने के लिए मकान मालिक ने की रिसर्च स्कॉलर की हत्या

गाजियाबाद में एक रिसर्च स्कॉलर की हत्या का मामला सामने आया है. मकान मालिक पर हत्या का आरोप है. उसने हत्या के बाद शव को कई टुकड़ों में काटकर अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया है. मकान मालिक ने 6 अक्टूबर को घटना को अंजाम दिया था. Research scholar murdered in Ghaziabad

Research scholar murdered in Ghaziabad
Research scholar murdered in Ghaziabad
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Published : Dec 14, 2022, 4:10 PM IST

Updated : Dec 14, 2022, 7:53 PM IST

ईरज राजा, एसपी देहात

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोदीनगर थाना इलाके में एक मकान मालिक ने 60 लाख रुपये का उधार ना चुकाना पड़े (Landlord wanted to grab Rs 60 lakh) इसके लिए उसने अपने किराएदार की हत्या (Research scholar murdered in Ghaziabad) कर दी. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने हत्या के बाद शव के कई टुकड़े किए और उसे अलग-अलग जगह पर फेंक दिया. (killer cut dead body after murder). मृतक की पहचान अंकित खोकर के रूप में हुई है, जो पीएचडी का छात्र था.

गाजियाबाद पुलिस के अनुसार, मोदीनगर में रहने वाले अंकित खोकर की 6 अक्टूबर को हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले में पुलिस ने मकान मालिक उमेश शर्मा और उसके पांच साथियों को हिरासत में लिया है. अंकित लखनऊ के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा था और कुछ समय पहले ही वह मोदीनगर में रहने के लिए आया था, जहां किराए के मकान में रह रहा था.

मोदीनगर में अंकित के परिवार ने एक जमीन बेची थी, जिसकी रकम उसके खाते में आई थी. उसी रकम में से मकान मालिक ने उससे 60 लाख रुपये उधार मांगी थी, जिस पर उसने दे दिया था. आरोप है कि कर्ज को चुकाना न पड़े इसलिए उसने 6 अक्टूबर को हत्या कर दी. अंकित मूल रूप से बागपत का रहने वाला था और उसके माता-पिता की कुछ समय पहले मौत हो गई थी, जिससे मकान मालिक को लगता था कि उसको तलाशने के लिए कोई भी नहीं आएगा.

ये भी पढ़ें: द्वारका मोड़ पर स्कूल के पास 12वीं की छात्रा पर एसिड अटैक, हॉस्पिटल में भर्ती

मामले का इस तरह हुआ खुलासा: 6 अक्तूबर के बाद से ही अंकित का कुछ पता नहीं था. उसके दोस्त ने लगातार उससे कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की, लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था. चैट मैसेज भी किए लेकिन जवाब नहीं आया. हालांकि, इस बीच मकान मालिक ने अंकित का फोन इस्तेमाल किया और चैट का जवाब दिया, जिससे किसी को शक न हो, लेकिन लिखने में स्पेलिंग मिस्टेक के चलते अंकित के दोस्त को शक हुआ और पुलिस को शिकायत की गई.

बीती 12 दिसंबर को अंकित की गुमशुदगी मोदीनगर थाने में दर्ज करवाई गई. उसके बैंक खातों को चेक किया गया तो एक मोटी रकम का ट्रांसफर हुआ था. इस बीच मकान मालिक लगातार उसके फोन का भी इस्तेमाल कर रहा था, जिससे किसी को शक न हो, लेकिन वह फोन कॉल रिसीव नहीं करता था. उसका मकसद यही था कि वह अंकित के दोस्तों को गुमराह कर सकेगा. इस बीच अंकित का मोबाइल फोन इस्तेमाल करके उसके बैंक में मौजूद लाखों रुपये की नकदी आरोपी मकान मालिक ने निकाल ली थी. पुलिस ने यह सभी कड़ियां जोड़ी और उमेश और उसके पांच साथियों को हिरासत में लिया. हालांकि, इस मामले में भी पुलिस के सामने चुनौती यही है कि अभी तक पुलिस को डेड बॉडी का एक भी टुकड़ा नहीं मिला है. मामले में आगे की छानबीन की जा रही है.

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आरी और पन्नी खरीद कर लाया था आरोपी: एसपी देहात ईरज राजा का कहना है कि 12 दिसंबर को जानकारी मिली थी कि पीएचडी का छात्र अंकित लापता हो गया है. यह बताया गया था कि 5 अक्टूबर के बाद से उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. इस मामले में पुलिस ने गंभीरता दिखाई और गुमशुदगी दर्ज की गई. मृतक के मकान मालिक उमेश पर शुरू में ही शक हो गया था. उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पूरी घटना कबूल कर ली. उसने बताया कि मृतक अंकित के अकाउंट में जमीन बेचकर कुछ पैसा आया था. मकान मालिक उमेश के मन में लालच आ गया था इसलिए अंकित से मकान मालिक ने उमेश कुछ पैसा ट्रांसफर करा लिया था. मकान मालिक को लगा कि वह पूरा पैसा हड़प लेगा. इसलिए उसने के बैंक डिटेल ले ली, जिसके बाद उसने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद आरी लेकर आया और उसके शव के कई हिस्से किए, फिर उन टुकड़ों को पन्नी में भरकर अलग-अलग जगह पर डिस्पोज कर दिया. इसके बाद अंकित के अकाउंट में से दोबारा रकम निकाली, ये रुपये एटीएम जाकर निकाले गए. इस घटना में उसका एक साथी ने भी साथ दिया.

इस पूरे घटनाक्रम में दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. आरोपियों के नाम उमेश शर्मा और प्रवेश है. इस मामले में आगे की पूछताछ की जा रही है. इनके पास से मृतक का काफी सामान बरामद हो गया है. बैंक पासबुक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा अन्य सामान भी बरामद कर लिया गया है. जिस जगह पर यह घटना हुई थी उस जगह से फॉरेंसिक सबूत कलेक्ट किए गए हैं. इस मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है.

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ईरज राजा, एसपी देहात

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मोदीनगर थाना इलाके में एक मकान मालिक ने 60 लाख रुपये का उधार ना चुकाना पड़े (Landlord wanted to grab Rs 60 lakh) इसके लिए उसने अपने किराएदार की हत्या (Research scholar murdered in Ghaziabad) कर दी. पुलिस के अनुसार, आरोपी ने हत्या के बाद शव के कई टुकड़े किए और उसे अलग-अलग जगह पर फेंक दिया. (killer cut dead body after murder). मृतक की पहचान अंकित खोकर के रूप में हुई है, जो पीएचडी का छात्र था.

गाजियाबाद पुलिस के अनुसार, मोदीनगर में रहने वाले अंकित खोकर की 6 अक्टूबर को हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है. इस मामले में पुलिस ने मकान मालिक उमेश शर्मा और उसके पांच साथियों को हिरासत में लिया है. अंकित लखनऊ के बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा था और कुछ समय पहले ही वह मोदीनगर में रहने के लिए आया था, जहां किराए के मकान में रह रहा था.

मोदीनगर में अंकित के परिवार ने एक जमीन बेची थी, जिसकी रकम उसके खाते में आई थी. उसी रकम में से मकान मालिक ने उससे 60 लाख रुपये उधार मांगी थी, जिस पर उसने दे दिया था. आरोप है कि कर्ज को चुकाना न पड़े इसलिए उसने 6 अक्टूबर को हत्या कर दी. अंकित मूल रूप से बागपत का रहने वाला था और उसके माता-पिता की कुछ समय पहले मौत हो गई थी, जिससे मकान मालिक को लगता था कि उसको तलाशने के लिए कोई भी नहीं आएगा.

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मामले का इस तरह हुआ खुलासा: 6 अक्तूबर के बाद से ही अंकित का कुछ पता नहीं था. उसके दोस्त ने लगातार उससे कॉन्टेक्ट करने की कोशिश की, लेकिन वह फोन नहीं उठा रहा था. चैट मैसेज भी किए लेकिन जवाब नहीं आया. हालांकि, इस बीच मकान मालिक ने अंकित का फोन इस्तेमाल किया और चैट का जवाब दिया, जिससे किसी को शक न हो, लेकिन लिखने में स्पेलिंग मिस्टेक के चलते अंकित के दोस्त को शक हुआ और पुलिस को शिकायत की गई.

बीती 12 दिसंबर को अंकित की गुमशुदगी मोदीनगर थाने में दर्ज करवाई गई. उसके बैंक खातों को चेक किया गया तो एक मोटी रकम का ट्रांसफर हुआ था. इस बीच मकान मालिक लगातार उसके फोन का भी इस्तेमाल कर रहा था, जिससे किसी को शक न हो, लेकिन वह फोन कॉल रिसीव नहीं करता था. उसका मकसद यही था कि वह अंकित के दोस्तों को गुमराह कर सकेगा. इस बीच अंकित का मोबाइल फोन इस्तेमाल करके उसके बैंक में मौजूद लाखों रुपये की नकदी आरोपी मकान मालिक ने निकाल ली थी. पुलिस ने यह सभी कड़ियां जोड़ी और उमेश और उसके पांच साथियों को हिरासत में लिया. हालांकि, इस मामले में भी पुलिस के सामने चुनौती यही है कि अभी तक पुलिस को डेड बॉडी का एक भी टुकड़ा नहीं मिला है. मामले में आगे की छानबीन की जा रही है.

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आरी और पन्नी खरीद कर लाया था आरोपी: एसपी देहात ईरज राजा का कहना है कि 12 दिसंबर को जानकारी मिली थी कि पीएचडी का छात्र अंकित लापता हो गया है. यह बताया गया था कि 5 अक्टूबर के बाद से उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. इस मामले में पुलिस ने गंभीरता दिखाई और गुमशुदगी दर्ज की गई. मृतक के मकान मालिक उमेश पर शुरू में ही शक हो गया था. उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो उसने पूरी घटना कबूल कर ली. उसने बताया कि मृतक अंकित के अकाउंट में जमीन बेचकर कुछ पैसा आया था. मकान मालिक उमेश के मन में लालच आ गया था इसलिए अंकित से मकान मालिक ने उमेश कुछ पैसा ट्रांसफर करा लिया था. मकान मालिक को लगा कि वह पूरा पैसा हड़प लेगा. इसलिए उसने के बैंक डिटेल ले ली, जिसके बाद उसने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी. हत्या के बाद आरी लेकर आया और उसके शव के कई हिस्से किए, फिर उन टुकड़ों को पन्नी में भरकर अलग-अलग जगह पर डिस्पोज कर दिया. इसके बाद अंकित के अकाउंट में से दोबारा रकम निकाली, ये रुपये एटीएम जाकर निकाले गए. इस घटना में उसका एक साथी ने भी साथ दिया.

इस पूरे घटनाक्रम में दोनों आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है. आरोपियों के नाम उमेश शर्मा और प्रवेश है. इस मामले में आगे की पूछताछ की जा रही है. इनके पास से मृतक का काफी सामान बरामद हो गया है. बैंक पासबुक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड आदि बरामद कर लिया गया है. इसके अलावा अन्य सामान भी बरामद कर लिया गया है. जिस जगह पर यह घटना हुई थी उस जगह से फॉरेंसिक सबूत कलेक्ट किए गए हैं. इस मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के लिए हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है.

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Last Updated : Dec 14, 2022, 7:53 PM IST
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