नई दिल्ली: शाहदरा जिले के फर्श बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत विश्वास नगर के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हुई 55 लाख की चोरी की गुत्थी को पुलिस ने महज 12 घंटे में सुलझा लिया है. पुलिस ने चोरी के आरोप में इलाके के एक गार्ड को उसके एक साथी के साथ गिरफ्तार किया है, जिनके पास से 54 लाख 97 हजार 930 रुपये बरामद किए गए हैं. साथ ही चोरी में इस्तेमाल हथियार भी जब्त कर लिया गया है.
डीसीपी आर साथिया सुंदरम ने बताया कि आरोपियों की पहचान हरिराम और कालीचरण के तौर पर हुई है. हरिराम मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है और दिल्ली के विश्वास नगर में वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था, जबकि कालीचरण विश्वास नगर का रहने वाला है.
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दीवार काटकर 55 लाख की चोरी
डीसीपी ने बताया कि सोमवार सुबह पुलिस को विश्वास नगर इलाके के यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में चोरी होने की सूचना मिली. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि बैंक के बगल में निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार को काटकर चोर बैंक में दाखिल हुए. उसके बाद स्ट्रांग रूम की दीवार को काटकर 55 लाख रुपये चुराकर फरार हो गए.
CCTV फुटेज से हुआ खुलासा
पुलिस ने बैंक मैनेजर की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की और आसपास लगे CCTV फुटेज खंगाले. CCTV फुटेज में एक संदिग्ध शख्स का चेहरा कैद था, जिसके आधार पर मामले की जांच आगे शुरू की गई. इलाके के लोगों से पहचान कराई गई, जिसके बाद आरोपी की पहचान हरिराम के तौर पर हुई, जिस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
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चोर ने ही रिपेयर की थी बैंक की दीवार
डीसीपी ने बताया कि चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद भी हरिराम इलाके में ही रहा. चौंकाने वाली बात यह है कि जिस दीवार को काटकर हरिराम ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया, बैंक मैनेजर के कहने पर उस दीवार की रिपेयरिंग भी हरिराम ने ही की.
चोरी अकेले की और पैसा दोस्त के यहां रखा
पुलिस की पूछताछ में हरिराम ने बताया कि उसने चुराया गया पैसा अपने जानकार कालीचरण के घर रखता है, जिसके बाद पुलिस ने कालीचरण के घर से 54 लाख 97 हजार 930 रुपये बरामद कर कालीचरण को भी गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में हरिराम ने बताया कि उसने इस चोरी की वारदात को अकेले अंजाम दिया.
ऐसे की चोरी
हरिराम ने बताया कि वह इलाके में गार्ड की नौकरी के साथ ही राजमिस्त्री के तौर पर काम किया करता था. बैंक के बगल में बन रहे एक बिल्डिंग में भी उसने राजमिस्त्री के तौर पर काम किया था. इस दौरान उसने बैंक में चोरी करने की साजिश रची. साजिश को अंजाम देने के लिए उसने सबसे लॉकडाउन के दौरान पहले बंद पड़े निर्माणाधीन मकान का ताला बदल दिया और उसके बाद लॉकडाउन खुलने का इंतजार करने लगा. लॉकडाउन खुलने के बाद उसने औजार खरीदा और रविवार को चोरी की वारदात को अंजाम दे दिया.