नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में हुई 19 साल के समीर की हत्या को पुलिस ने सुलझा लिया है. पुलिस ने हत्या के आरोप में चार नाबालिग सहित सात आरोपियों को पकड़ लिया है. पुलिस के मुताबिक जेल में बंद समीर के भाई का अल्ताफ नाम के एक कैदी से विवाद हो गया था. इसी का बदला लेने के लिए अल्ताफ ने समीर की हत्या करवा दी. समीर की हत्या में इमरान नाम के युवक ने प्रमुख भूमिका निभाई , इमरान एक लड़की को पसंद करता था. जिसका प्रेम संबंध समीर से चल रहा था, वह लड़की के बीच से समीर को हटाने के लिए इस साजिश में शामिल होते हैं.
डीसीपी संजय कुमार सेन ने गुरुवार शाम बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान इमरान उर्फ काले, फैजान और आसिफ के तौर पर हुई है. सभी जनता कॉलोनी के रहने वाले हैं. बाकी चार आरोपी नाबालिग हैं.उन्होंने बताया कि मंगलवार देर रात लगभग 2 बजे सीलमपुर में "एक व्यक्ति की चाकू घोंपने" के बारे में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई. पुलिस टीम सीलमपुर इलाके के कबाड़ी मार्केट पहुंची तो पाया कि घायल को स्थानीय लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया है. अस्पताल पहुंचने के बाद घायल को मृत घोषित कर दिया गया. मृतक की पहचान न्यू सीलमपुर निवासी समीर के रूप में हुई है, एफएसएल और क्राइम टीमो से मौके निरीक्षण कराया गया. समीर के ममेरे भाई साजिद के बयान पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई.
साजिद ने अपने बयान में बताया कि वह चौहान बांगर पुलिया में चाय की दुकान चलाता था. घटना वाले दिन, जब वह लगभग 2 बजे अपनी चाय की दुकान पर मौजूद था, इमरान उर्फ काला आया और समीर को डिस्पेंसरी के पास कबाड़ी बाजार में ले गया, जहां उसके 5-6 अन्य सहयोगी पहले से ही मौजूद थे. उनके बीच कुछ तीखी बहस हुई और झगड़े के दौरान उन्होंने समीर को चाकू मार दिया और भाग गए. समीर के चिल्लाने की आवाज सुनकर वह तुरंत मौके पर पहुंचा और उसे जीटीबी अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
अपराध की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ भजनपुरा की देखरेख में, एसआई राहुल, एचसी जयवीर, एचसी नवनीश, एचसी विकास, एचसी निशा, सीटी विपिन शर्मा और डब्ल्यू/कॉन्स्ट ललिता ने अपराधियों को पकड़ने के लिए काम करना शुरू किया. जांच के दौरान पुलिस टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली. टेक्निकल सर्विलांस के साथ-साथ ह्यूमन इंटेलिजेंस को भी लगाया गया था. सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच करने पर, लड़कों के एक संदिग्ध समूह को घटना स्थल पर मृतकों के साथ हाथापाई करते हुए देखा गया. शिनाख्त के लिए उनकी तस्वीरें सर्कुलेट की गईं. उनका पता लगाने के लिए गुप्त मुखबिरों को तैनात किया गया.
गुप्त सूचना के आधार पर गली नंबर 29, जनता मजदूर कॉलोनी, वेलकम, दिल्ली में जाल बिछाया गया और 3 लोगों को पकड़ा गया. उनकी पहचान अनस उर्फ इमरान उर्फ काला पुत्र मुस्तफा, उम्र 22 वर्ष, (2) फैजान पुत्र मोबिन खान, आयु 22 वर्ष और (3) आसिफ उर्फ बॉस पुत्र अतीक, 22 वर्ष, सभी जनता मजदूर कॉलोनी, वेलकम, दिल्ली के निवासी के रूप में स्थापित की गई थी.
पूछताछ के दौरान, उन सभी ने अपना अपराध कबूल कर लिया और लगातार पूछताछ में खुलासा किया कि शोएब मस्तान (मृतक का भाई) और अल्ताफ वर्तमान में तिहाड़ जेल में हैं.
जेल में रहने के दौरान दोनों के बीच कुछ विवाद चल रहा था. अल्ताफ ने यह बात अपने चचेरे भाई जोएब चौधरी को बताई, जिसने आगे अल्ताफ के पिता आफताब को यह बात बताई.
जिसके बाद आफताब ने साजिश रची और उसमें सभी आरोपियों को मृतक समीर को सबक सिखाने के लिए शामिल कर लिया.
यह भी सामने आया है कि अनस उर्फ इमरान उर्फ काला आफताब के साथ काम करता था और एक लड़की को वह पसंद करता था. मृतक समीर का भी उस लड़की से प्रेम प्रसंग था.
इमरान ने समीर को उस लड़की से दूर रहने की धमकी दी थी. जब आफताब ने अनस उर्फ इमरान को समीर को खत्म करने की अपनी योजना के बारे में बताया, तो वह उसकी योजना का हिस्सा बन गया और दूसरों को जोड़ने में उसकी मदद की.
घटना वाले दिन अनस उर्फ इमरान समीर को कबाड़ी मार्केट ले आया, जहां अन्य हमलावर पहले से मौजूद थे. सभी ने समीर पर चाकू से हमला कर दिया और उसने दम तोड़ दिया.
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