नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में फर्जी तरीके से कंपनियों का रजिस्ट्रेशन कराकर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का फर्जीवाड़ा करने के मामले में बुधवार को न्यायालय में सुनवाई हुई. यह सुनवाई गिरफ्तार किए गए ठगों की पुलिस कस्टडी रिमांड को लेकर हुई. इसमें नोएडा पुलिस को चार दिन की पुलिस रिमांड मिली है, जिसकी अवधि गुरुवार सुबह नौ बजे से शुरू होगी. पुलिस ने आरोपियों की 14 दिन की रिमांड की अर्जी लगाई थी. रिमांड के दौरान नोएडा पुलिस के साथ अन्य केंद्रीय और राज्यस्तरीय एजेंसियां आरोपियों से पूछताछ करेंगी. रिमांड को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने बुधवार शाम को ही सवालों की सूची तैयार कर ली. पूछताछ के दौरान ही पता चलेगा की कागजों पर संचालित होने वाली कंपनी में किसको, कितना और कैसे फायदा पहुंच रहा था.
नोएडा एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पूछताछ में मामले से जुड़ी कई अहम जानकारी मिलने की संभावना है. वहीं फरार आरोपियों की तलाश में बुधवार को भी नोएडा पुलिस ने राजस्थान, दिल्ली और हरियाणा सहित यूपी के छह शहरों में दबिश दी. हालांकि, आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता नहीं मिली. वहीं एसटीएफ की टीम भी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दे रही है. उधर केंद्रीय पत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की टीम भी इस मामले को लेकर सक्रिय है.
बता दें, नोएडा कमिश्नरेट पुलिस ने 2,660 फर्जी कंपनी बनाकर और उनका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराकर 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का फ्रॉड करने वाले एक अंतरराज्यीय रैकेट का खुलासा किया था. इन जालसाजों ने पिछले पांच साल से फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी रिफंड आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) प्राप्त कर सरकार को हजारों करोड़ का चूना लगाया था. पुलिस ने इस गिरोह में शामिल महिला समेत आठ जालसाजों को गिरफ्तार किया था.
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एडिशनल डीसीपी नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली है कि दिल्ली के चांदनी चौक और रोहिणी में भी आरोपियों ने कार्यालय खोल रखा था. हालांकि, पुलिस को अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह दफ्तर दोनों जगहों पर कहां हैं. इसकी जांच की जा रही है. दिल्ली पुलिस से भी इसे लेकर संपर्क किया गया है. साथ ही गुजरात और महाराष्ट्र पुलिस भी जांच में सहयोग कर रही है. गुजरात में कुछ समय पूर्व एक ऐसे ही रैकेट का पर्दाफाश किया गया था. मामले को उससे भी जोड़ कर देखा जा रहा है.
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