नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में वाहन चेकिंग के दौरान बिसरख पुलिस ने चेन स्नैचिंग करने वाले शातिर आरोपी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया. बाइक सवार बदमाश ग्रेटर नोएडा में किसी वारदात को अंजाम देने आए थे. मुठभेड़ में बदमाश के पैर में गोली लग गई, जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया. उसके पास से एक अवैध तमंचा, दो खोखा और एक जिंदा कारतूस एक सोने की चेन व एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है.
हाल में बिसरख थाना क्षेत्र के अंतर्गत महिलाओं से चेन लूट की कई वारदात सामने आई थी, जिसके बाद पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही थी. इससे पहले भी पुलिस ने सोमवार को दो चेन लुटेरों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बिसरख थाना प्रभारी अनिल राजपूत ने बताया कि मंगलवार को बिसरख पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी.
इस दौरान बदमाश रुकने का इशारा देने पर बाइक से भागने लगा. पुलिस ने उसका पीछा किया तो बाइक सवार बदमाश ने पुलिस पर फायरिंग कर दी, जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया. बदमाश की पहचान दिल्ली के नंद नगरी निवासी ब्रह्म दत्त उर्फ कमल के रूप में हुई है और उस पर दिल्ली सहित अन्य जगहों पर 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं.
पूछताछ में उसने बताया कि वह अल्ताफ राजा गैंग का सदस्य है और अपने गैंग के सदस्यों शहबाज उर्फ पोली व राहुल उर्फ बंटी के साथ मिलकर एनसीआर में नोएडा क्षेत्र में बाइक बदल-बदल कर लूट की घटनाओं को अंजाम देता था. घटना करने से पहले वह रेकी करता था. ऐसी ही घटना को अंजाम देने के लिए वह ग्रेटर नोएडा वेस्ट आया था.
नकली फूड सप्लीमेंट तैयार करने के आरोपी गिरफ्तार: वहीं नोएडा में कम खर्चे में तैयार नकली फूड सप्लीमेंट तैयार कर ब्रांडेड कंपनी का लेबल लगाकर बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को सेक्टर-63 पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया. आरोपी थाना क्षेत्र के सी ब्लॉक स्थित सी-140 में किराए का का मकान लेकर फैक्ट्री चला रहे थे. आरोपियों की पहचान झारखंड निवासी अमित कुमार साव, अजय सिंह और रोशन के रूप में हुई है, जिसमें अमित गिरोह का सरगना है. अब आरोपियों के आपराधिक इतिहास का पता लगाया जा रहा है.
सेंट्रल जोन के एडिशनल डीसीपी डॉ. राजीव दीक्षित ने बताया कि वर्तमान में जिम जाने वाले युवक व युवतियों के द्वारा भारी मात्रा में फूड सप्लीमेंट का सेवन किया जाता है. जब्त किया गया फर्जी फूड सप्लीमेंट लोगों के लिए अत्यधिक हानिकारक है. इसे जांच के लिए लैब भेजा गया है. इस दौरान खाद्य विभाग की टीम भी पुलिस के साथ मौजूद रही. आरोपियों ने लगभग दो साल तक गुरुग्राम में फूड सप्लीमेंट बनाने वाली एक नामी कंपनी में काम किया था. वहां से काम सीखने के बाद अमित ने खुद फूड सप्लीमेंट बनाकर उसे बाजार में बेचकर मोटा पैसा कमाने का सोचा.
इसी दौरान आरोपियों की मुलाकात यश नाम के व्यक्ति से हुई. इसके बाद चारों ने मिलावटी फूड सप्लीमेंट बनाने का काम शुरू किया और मोटा मुनाफा कमाने लगे. मकान के अंदर संचालित फैक्टरी में बिना लैब परीक्षण और मापदंड के माल तैयार हो रहा था. एक किलोग्राम मिलावटी फूड सप्लीमेंट तैयार कर आरोपी उसको एक डिब्बे में पैक कर उसकी ब्रांडेड कंपनी की पैकेजिंग कर देते थे, जिसे चार से पांच हजार रुपये में बेचा जाता था. बरामद फूड सप्लीमेंट, कच्चा माल, रैपर, खाली डिब्बे, पैकिंग और प्रिंटिंग मशीन की कीमत एक करोड़ रुपये के करीब बताई जा रही है. फरार यश की तलाश जारी है.
आरोपी जिम संचालकों को बेहतर कमीशन का लालच देकर, उन्हें अपने फूड सप्लीमेंट की बिक्री के लिए प्रेरित करते थे. इसके लिए जिम संचालकों को 15 से 30 प्रतिशत तक का कमीशन दिया जाता था. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के भी कई जिम संचालकों से आरोपियों का सीधा संपर्क था. पुलिस ऐसे संचालकों की भी जानकारी एकत्र कर रही है, जिन जगह पर इनका माल सप्लाई हो रहा था. सामने आया कि मिलावटी सप्लीमेंट को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए आरोपियों ने एक पूरी चेन बना रखी थी.