नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने खुद को आईएएस अधिकारी बताने और निजी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने के आरोप में शुक्रवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. आरोपी व्यक्ति की पहचान शाहदरा के गंगा विहार निवासी मनोज कुमार गुप्ता के रूप में हुई है. वह दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन में हेड मेंटेनर के पद पर कार्यरत है.
उत्तर पूर्वी जिला पुलिस ने रेड लाइट लगी गाड़ी से जा रहे नकली आइएएस अधिकारी को शास्त्री पार्क से गिरफ्तार किया है. गुरुवार शाम लगभग सात बजकर पांच मिनट पर फल बाजार शास्त्री पार्क से गुजर रहे एक व्यक्ति ने एक टाटा टिगोर कार को "रेड बीकन लाइट" चमकते हुए देखा. उन्होंने वाहन को संदिग्ध पाया क्योंकि कार में केवल एक व्यक्ति था. उन्होंने इसे यातायात पुलिस अधिकारी एएसआई धमेंद्र कुमार के साथ साझा किया, जो क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे थे.
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एएसआई धर्मेंद्र कुमार ने लाल बत्ती लगे वाहन को रोका और चालक से पहचान पूछते हुए कहा कि वह क्यों अपने वाहन पर लाल बत्ती का उपयोग कर रहा है. कार सवार संतोषजनक जवाब नहीं दे सका. इसके बजाय पुलिसकर्मी से साथ बहस करने लगा. एएसआई ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दी, जिस पर इलाके में गश्त कर रहे एसएचओ/शास्त्री पार्क अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. उन्होंने वाहन के चालक से अपनी पहचान और उस वाहन का विवरण साबित करने के लिए कहा, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सका और लगातार पुलिस टीम को गुमराह करने की कोशिश करता रहा. जांच में यह पाया गया कि, फ्रंट बोनट पर "भारत सरकार" लिखा गया था और कार के पीछे की तरफ "भारत सरकार और ऊर्जा मंत्रालय" लिखा था. इसके अलावा, कार की विंड स्क्रीन के बाईं ओर एडवोकेट के लोगो के साथ एक स्टिकर भी चिपकाया गया था, जिसने संदेह की पुष्टि की.
'रेड बीकन' को फ्लैश करने की अनुमति के बारे में पूछे जाने पर वह नाराज हो गया और धमकी भरे अंदाज में खुद को बिजली और ऊर्जा मंत्रालय में उप निदेशक के रूप में तैनात संजीव कुमार आईएएस बताया. कहा कि वह "रेड बीकन लाइट" को फ्लैश करने के लिए अधिकृत है. वाहन के स्वामित्व दस्तावेजों की जांच करने पर वाहन शाहदरा निवासी मनोज कुमार गुप्ता के नाम पर पंजीकृत पाया गया. इसके अलावा, ड्राइविंग लाइसेंस की जांच करने पर, यह भी उसी नाम और पते में पाया गया. ड्राइविंग लाइसेंस पर छपी फोटो भी ड्राइवर से मैच कर रही थी.
तलाशी के दौरान उसके पास से डीएमआरसी द्वारा जारी हेड मेंटेनर मनोज कुमार गुप्ता के नाम का एक आईडी कार्ड भी बरामद किया गया. जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया. लगातार पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया.