नई दिल्ली: उत्तर पूर्वी दिल्ली की खजूरी खास थाना पुलिस ने सुरक्षा गार्ड की चाकुओं से गोदकर हत्या की गुत्थी को सुलझा लिया है. पुलिस ने सुरक्षा गार्ड के हत्यारे को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के मुताबिक, लूटपाट का विरोध करने पर गार्ड की हत्या की गई है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान प्रदीप मिश्रा के तौर पर हुई है.
डीसीपी डॉ. जॉय टिर्की ने बताया कि 13 अप्रैल को खजूरी खास के इलाके में 27 वर्षीय वरुण नाम के युवक पर चाकू से हमले की सूचना मिली. सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि घायल युवक को भजनपुरा के पेंटाग्राम नर्सिंग होम ले जाया गया, लेकिन उसकी गंभीर हालत की वजह से उसे ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां तकरीबन 4 घंटे के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई. हत्या का मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई.
पुलिस टीम ने इलाके के सभी सीसीटीवी फुटेज खंगाले, एक-एक करके सभी संदिग्धों को पकड़ा गया. लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों से पूछताछ के बाद टीम ने प्रदीप मिश्रा नाम के एक संदिग्ध पर केंद्रीत किया, जो घटना के बाद से क्षेत्र में नहीं देखा गया था. प्रदीप मिश्रा का पता लगाने का प्रयास किया गया. यह पाया गया कि उसका आपराधिक रिकॉर्ड था. उसे 2017 में भजनपुरा में लूटपाट और स्नैचिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद पुलिस उसकी खोज करते हुए उसे कश्मीरी गेट के हनुमान मंदिर से गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ के दौरान प्रदीप मिश्रा टूट गया और सुरक्षा गार्ड वरुण को चाकू मारने और उसकी हत्या करने की बात स्वीकार कर ली. उसने बताया कि उसका मकसद लूटपाट था. आगे की पूछताछ में प्रदीप मिश्रा ने खुलासा किया कि नशे की लत के कारण परिवार ने उसे छोड़ दिया है. प्रदीप की शादी 2017 में हुई थी, लेकिन उसकी शादी टूट गई और वह नशे का आदी हो गया.
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13 अप्रैल को उसे पैसे की सख्त जरूरत थी. उसने वरुण को सड़क पर आते देखा और उसे लूटने का फैसला किया. इसके बाद वरुण ने उसका विरोध किया और उसे थप्पड़ मारा, जिसके बाद गुस्से में आकर प्रदीप ने उसे चाकू मारा और वरुण के पेट पर कई वार किए. वरुण के गिरने पर प्रदीप ने उसका बटुआ लूट लिया. प्रदीप वरुण का फोन भी छीनना चाहता था, लेकिन वरुण अपना फोन पकड़ कर लटक गया. व्यस्त सड़क पर पकड़े जाने के डर से प्रदीप वरुण का बटुआ लेकर भाग गया. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने घायल को अस्पताल पहुंचाया जहां वरुण का निधन हो गया.
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