नई दिल्लीः पूर्वी दिल्ली के मंडावली इलाके की एक सड़क किनारे बनी मंदिर के अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंची पीडब्ल्यूडी की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. मंदिर को तोड़ने के विरोध में हजारों की संख्या में लोग पहुंच गए, जिसमें काफी तादाद में महिलाएं भी शामिल हैं. प्रदर्शनकारी पीडब्ल्यूडी टीम के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ हनुमान चालीसा का भी पाठ कर विरोध जता रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन में मंडावली वार्ड की भाजपा पार्षद शशि चांदना और वेस्ट विनोद नगर वार्ड के भाजपा पार्षद रवि नेगी भी शामिल हैं. वहीं, दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का कहना है कि अतिक्रमण हटाने को लेकर एलजी ने आदेश दिया था.
भारी विरोध को देखते हुए अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई फिलहाल रोक दी गई है. मौके पर स्थानीय प्रशासन, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की टीम मौजूद है. सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली पुलिस की टीम के साथ ही अर्धसैनिक बल के जवान भी मौके पर मौजूद हैं. प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि यह मंदिर काफी पुरानी है और उन लोगों के आस्था कर का केंद्र है. वह इस मंदिर पर कार्रवाई होने नहीं देंगे.
बता दें, जी-20 शिखर सम्मेलन के चलते दिल्ली में अलग-अलग इलाकों में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई जोर-शोर से चल रही है. पिछले दिनों इसी कड़ी में दक्षिणी दिल्ली में भी फुटपाथ के समीप स्थित मंदिर और मजारों को हटाने की कार्रवाई हुई थी, जिसका लोगों ने पुरजोर विरोध किया था. बीते दिनों हसनपुर में सड़क पर मौजूद मजार को हटा दिया गया था. इसके साथ ही भजनपुरा इलाके में मंदिर और मजार को भी हटाए जाने का नोटिस दिया जा चुका है. उन पर भी कभी भी कार्रवाई हो सकती है.
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विरोध प्रदर्शन में शामिल लोगों का आरोप है कि मंदिर के आसपास मस्जिद और मोहल्ला क्लीनिक भी है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. सिर्फ मंदिर को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है. प्रदर्शन में शामिल लोगों ने इसके लिए अरविंद केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
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