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चिकन कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का ज्यादा खतरा...! जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट - बर्ड फ्लू से बचाव

डॉ अरुण कुमार ने बताया कि इंसानों को बर्ड फ्लू से सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है. पोल्ट्री फॉर्म और चिकन कारोबार से सीधे जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा हो सकता है, अगर वह एहतियात के तौर पर काम नहीं करते हैं.

People associated with chicken business are more at risk of bird flu
चिकन कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का ज्यादा खतरा
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Published : Jan 11, 2021, 2:08 PM IST

नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली सरकार के एनिमल एंड हस्बैंडरी डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर अरुण कुमार से बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर बातचीत की.

चिकन कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का ज्यादा खतरा...

पोल्ट्री फॉर्म और चिकन कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा

डॉ अरुण कुमार ने बताया कि इंसानों को बर्ड फ्लू से सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है. पोल्ट्री फॉर्म और चिकन कारोबार से सीधे जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा हो सकता है, अगर वह एहतियात के तौर पर काम नहीं करते हैं.

ठीक तरह से पका कर चिकन खाने से खतरा नहीं

डॉ अरुण कुमार का कहना है की उबाल कर ठीक तरीके से पकाकर चिकन खाने से बर्ड फ्लू का खतरा नहीं है.

दिल्ली में भी लक्षण

डॉ अरुण कुमार का कहना है कि राजधानी दिल्ली में भी कई पक्षियों की मौत का मामला सामने आया है, जिनमें बर्ड फ्लू के लक्षण लगते हैं, जहां भी इस तरह के का मामला सामने आ रहा है डॉक्टर की एक टीम वहां पहुंचकर शवों को जांच के लिए लैब भेजा रही है साथ ही बीमार पक्षियों का भी सैम्पल लिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि, संजय झील पहुंची एनिमल हस्बेंडरी और वेटनरी विभाग की टीम

बीमार पक्षियों का इलाज नहीं है

डॉ अरुण कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू एक वायरल डिजीज है. पक्षियों को बर्ड फ्लू होने के बाद पक्षियों का इलाज नहीं किया जा सकता है, बर्ड फ्लू होने के बाद धीरे-धीरे पक्षी सुस्त होकर मर जाता है. दिल्ली में अब तक मयूर विहार, संजय झील और जसोला के डीडीए पार्क में कौआ और बत्तख की मौत का मामला सामने आया है.

खास तरीके से मृत पक्षियों को दफनाया जा रहा

डॉ अरुण कुमार का कहना है मृत पक्षियों को दफनाने का खास इंतजाम किया जा रहा है. गड्ढे में पहले चुना डाला जाता उसके बाद शव रखा जाता उसके ऊपर फिर चुना डालकर मिट्टी डाल कर दफनाया जाता है.

नई दिल्ली: देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली सरकार के एनिमल एंड हस्बैंडरी डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर डॉक्टर अरुण कुमार से बर्ड फ्लू के खतरे को लेकर बातचीत की.

चिकन कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का ज्यादा खतरा...

पोल्ट्री फॉर्म और चिकन कारोबार से जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा

डॉ अरुण कुमार ने बताया कि इंसानों को बर्ड फ्लू से सीधे तौर पर कोई खतरा नहीं है. पोल्ट्री फॉर्म और चिकन कारोबार से सीधे जुड़े लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा हो सकता है, अगर वह एहतियात के तौर पर काम नहीं करते हैं.

ठीक तरह से पका कर चिकन खाने से खतरा नहीं

डॉ अरुण कुमार का कहना है की उबाल कर ठीक तरीके से पकाकर चिकन खाने से बर्ड फ्लू का खतरा नहीं है.

दिल्ली में भी लक्षण

डॉ अरुण कुमार का कहना है कि राजधानी दिल्ली में भी कई पक्षियों की मौत का मामला सामने आया है, जिनमें बर्ड फ्लू के लक्षण लगते हैं, जहां भी इस तरह के का मामला सामने आ रहा है डॉक्टर की एक टीम वहां पहुंचकर शवों को जांच के लिए लैब भेजा रही है साथ ही बीमार पक्षियों का भी सैम्पल लिया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि, संजय झील पहुंची एनिमल हस्बेंडरी और वेटनरी विभाग की टीम

बीमार पक्षियों का इलाज नहीं है

डॉ अरुण कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू एक वायरल डिजीज है. पक्षियों को बर्ड फ्लू होने के बाद पक्षियों का इलाज नहीं किया जा सकता है, बर्ड फ्लू होने के बाद धीरे-धीरे पक्षी सुस्त होकर मर जाता है. दिल्ली में अब तक मयूर विहार, संजय झील और जसोला के डीडीए पार्क में कौआ और बत्तख की मौत का मामला सामने आया है.

खास तरीके से मृत पक्षियों को दफनाया जा रहा

डॉ अरुण कुमार का कहना है मृत पक्षियों को दफनाने का खास इंतजाम किया जा रहा है. गड्ढे में पहले चुना डाला जाता उसके बाद शव रखा जाता उसके ऊपर फिर चुना डालकर मिट्टी डाल कर दफनाया जाता है.

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