नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली रैपिड रेल नमो भारत को शुक्रवार को साहिबाबाद आरटीएस स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उद्धाटन के बाद शनिवार सुबह 6 बजे से नमो भारत का संचालन आम लोगों के लिए शुरू कर दिया जाएगा. दिल्ली एनसीआर के लोग अब नमो भारत ट्रेन में भी सफर कर सकेंगे. इससे पहले मेट्रो ने लोगों के सफर को काफी हद तक आसान बनाया था.
दोनों ट्रेनों की अगर तुलना की जाए तो नमो भारत में मेट्रो से ज्यादा सुविधाएं हैं. नमो भारत में टू बाई टू के साथ खड़े होने वाली यात्रियों के लिए हैंगिंग हैंड होल्डर लगाया गया है. साथ ही इसकी सीटें भी काफी आरामदायक हैं. पांच स्टैंडर्ड कोच के अलावा ट्रेन में एक प्रीमियम कोच भी है. मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा होती है. जबकि, नमो भारत की अधिकतम रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा है. मेट्रो की औसत गति 40 से 45 किलोमीटर प्रति घंटा होती है, जबकि नमो भारत की औसतन गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक होगी.
6 कोच वाली है नमो भारत: मेट्रो ट्रेन में कुछ आठ कोच हैं. जबकि, नमो भारत ट्रेन में फिलहाल 6 कोच होंगे. हालांकि, एनसीईआरटीसी ने बताया है कि आने वाले समय में कोच की संख्या बढ़ाई जा सकती है. मेट्रो में जहां एक तरफ 2400 यात्री यात्रा कर सकते हैं तो वहीं रैपिडेक्स में एक बार में 1700 लोग यात्रा कर सकते हैं. स्टैंडर्ड कोच में 72 लोगों के बैठने की व्यवस्था है. जबकि, प्रीमियम कोच में 60 लोग बैठकर सफर कर सकते हैं.
हर 15 मिनट में ट्रेन: नमो भारत फिलहाल हर 15 मिनट में अवेलेबल होगी. जबकि, मेट्रो हर पांच मिनट पर अवेलेबल होती है. मेट्रो में सामान रखने के लिए किसी प्रकार की लैगेज रैक अवेलेबल नहीं होती है, जबकि नमो भारत में आप सामान के साथ आसानी से यात्रा कर सकते हैं. इसमें सामान रखने के लिए लगेज रैक की सुविधा है.
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मेक इन इंडिया के तहत भारत में तैयार: नमो भारत की एक खासियत यह है कि इसके सभी स्टेशन पर प्लेटफॉर्म सेफ्टी डोर लगे हुए हैं. इसे मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही तैयार किया गया है. मेट्रो के सभी स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म सिक्योरिटी डोर नहीं है. ट्रेन कितनी रफ्तार पर दौड़ रही है. इसकी जानकारी आपको ट्रेन के अंदर बैठे-बैठे मिल जाएगी. नमो भारत के कोच में डिस्प्ले लगा हुआ है जिसमें ट्रेन की कितनी रफ्तार है इसकी जानकारी मिलेगी.
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