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बच्चों के सामाजिक व भावनात्मक विकास में मदद करने के लिए कार्यशाला का आयोजन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संस्कार आश्रम के साथ मिलकर 'खेल-खेल में सीखें' कार्यक्रम का आयोजन किया.

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Published : Oct 12, 2021, 1:05 PM IST

Organized workshop
Organized workshop

नई दिल्ली: आजकल की दौड़ती-भागती जिंदगी में हर कोई किसी न किसी तरह के मानसिक दबाव से गुजर रहा है. लेकिन बहुत कम लोग ही इसे अहमियत देते हैं. इस अनदेखी के कारण वह मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजाइटी जैसी मानसिक रोगों का शिकार हो जाते हैं. दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को समझाने के लिए 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.

मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने का मकसद लोगों के बीच मानसिक रोगों को लेकर जागरूकता फैलाना है. इसी को लेकर राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण और दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में संस्कार आश्रम में रह रहे अनाथ बच्चों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहदरा, नार्थ-ईस्ट और ईस्ट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संस्कार आश्रम के साथ मिलकर 'खेल-खेल में सीखें' कार्यक्रम का आयोजन किया.

ये भी पढ़ें: Delhi: नर्सरी से कक्षा आठ तक सप्ताह में एक दिन खुले स्कूल, DCPCR ने LG अनिल बैजल को लिखा पत्र

लड़कियों के संस्कार आश्रम में बच्चों के लिए यह श्रृंखला काउन्सलर शरण्या मेनन और हेमानी सेठ द्वारा संचालित किया गया. इस पांच भाग वाली कार्यशाला का दूसरा सत्र 11 अक्टूबर 2021 को आयोजित किया गया था. ढाई घंटे के इस सत्र में भावनाओं और शारीरिक प्रतिक्रियाओं की पहचान और प्रबंधन का लक्ष्य था. इस उद्देश्य के लिए पांच अनुभवात्मक अभ्यास किए गए. इस कार्यशाला में बच्चों को अपनी भावनाओं को समझने और कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना करने का कौशल प्रदान किया गया. जो संतुलित भावनात्मक स्वास्थ्य जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण लाएगा और बच्चों को आत्मविश्वास देगा. इन प्रायोगिक अभ्यासों के बाद, बच्चों ने दिन के लक्ष्यों पर अपनी सीख, अवलोकन और प्रतिक्रिया साझा की.

ये भी पढ़ें: एयूडी प्रवेश परीक्षा का कार्यक्रम जारी, 17 अक्टूबर से मिलेंगे एडमिट कार्ड

ऐसी कार्यशालाओं के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, डीएलएसए शाहदरा के सचिव आशिष गुप्ता ने कहा कि आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चे देश के बच्चे हैं. वे सर्वोत्तम मानसिक स्वास्थ्य और देखभाल के पात्र हैं. बच्चों के देखभाल और विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किये जायेंगे. वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नार्थ-ईस्ट के सचिव अनुभव जैन ने कहा कि खेल-खेल में सीखें कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे सीखेंगे. उन्होंने उनके बेहतर भविष्य की कामना की. जबकि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ईस्ट की सचिव सायमा जमील ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हम बच्चों के लिए कुछ कर पा रहे हैं. वहीं लड़कों के संस्कार आश्रम में ऐसी कार्यशाला 12 अक्टूबर को होगी.

नई दिल्ली: आजकल की दौड़ती-भागती जिंदगी में हर कोई किसी न किसी तरह के मानसिक दबाव से गुजर रहा है. लेकिन बहुत कम लोग ही इसे अहमियत देते हैं. इस अनदेखी के कारण वह मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजाइटी जैसी मानसिक रोगों का शिकार हो जाते हैं. दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को समझाने के लिए 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.

मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने का मकसद लोगों के बीच मानसिक रोगों को लेकर जागरूकता फैलाना है. इसी को लेकर राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण और दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में संस्कार आश्रम में रह रहे अनाथ बच्चों के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहदरा, नार्थ-ईस्ट और ईस्ट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने संस्कार आश्रम के साथ मिलकर 'खेल-खेल में सीखें' कार्यक्रम का आयोजन किया.

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लड़कियों के संस्कार आश्रम में बच्चों के लिए यह श्रृंखला काउन्सलर शरण्या मेनन और हेमानी सेठ द्वारा संचालित किया गया. इस पांच भाग वाली कार्यशाला का दूसरा सत्र 11 अक्टूबर 2021 को आयोजित किया गया था. ढाई घंटे के इस सत्र में भावनाओं और शारीरिक प्रतिक्रियाओं की पहचान और प्रबंधन का लक्ष्य था. इस उद्देश्य के लिए पांच अनुभवात्मक अभ्यास किए गए. इस कार्यशाला में बच्चों को अपनी भावनाओं को समझने और कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना करने का कौशल प्रदान किया गया. जो संतुलित भावनात्मक स्वास्थ्य जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण लाएगा और बच्चों को आत्मविश्वास देगा. इन प्रायोगिक अभ्यासों के बाद, बच्चों ने दिन के लक्ष्यों पर अपनी सीख, अवलोकन और प्रतिक्रिया साझा की.

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ऐसी कार्यशालाओं के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, डीएलएसए शाहदरा के सचिव आशिष गुप्ता ने कहा कि आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चे देश के बच्चे हैं. वे सर्वोत्तम मानसिक स्वास्थ्य और देखभाल के पात्र हैं. बच्चों के देखभाल और विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किये जायेंगे. वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नार्थ-ईस्ट के सचिव अनुभव जैन ने कहा कि खेल-खेल में सीखें कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे सीखेंगे. उन्होंने उनके बेहतर भविष्य की कामना की. जबकि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ईस्ट की सचिव सायमा जमील ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हम बच्चों के लिए कुछ कर पा रहे हैं. वहीं लड़कों के संस्कार आश्रम में ऐसी कार्यशाला 12 अक्टूबर को होगी.

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