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मकान मालिकों से ऑनलाइन ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़, तीन जालसाज गिरफ्तार

मकान मालिकों को झांसा देकर उनसे ठगी करने वाले गैंग का शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने पर्दाफाश किया है. एक महिला की शिकायत के बाद इन आरोपियों को साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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Published : Apr 18, 2023, 10:56 PM IST

मकान मालिकों से ऑनलाइन ठगी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़

नई दिल्ली: शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो मकान मालिकों को झांसा देकर उनसे ठगी किया करता था. डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान हरियाणा के मेवात निवासी हैदर, मुश्ताक और फरीदाबाद निवासी गगन के रूप में हुई है. एक महिला की शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इस गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि वह मकान मालिकों को आवास लेने का झांसा देते थे और एडवांस पेमेंट देने के बहाने उनके अकाउंट से पैसे निकाल दिया करते थे. ये लोग मकान मालिकों को एक लिंक भेजते थे और लिंक पर क्लिक करते ही उनके अकाउंट से पैसे आरोपी के खाते में ट्रांसफर हो जाते थे.

डीसीपी ने बताया कि 18 मार्च को शिकायतकर्ता जाह्नवी ने आरोप लगाया कि उन्हें पेइं गेस्ट(पीजी) के लिए पूछताछ करने के लोकर एक कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को सेना का जवान बताया और कहा कि उसे अपनी बेटी के लिए पीजी की जरूरत है. उसने 4 महीने की अवधि के लिए आवास बुक करने के लिए एडवांस्ड पेमेंट की भी पेशकश की.

इसे भी पढ़ें: नोएडा में मदद मांगने के नाम पर ठगी करने वाला गैंग गिरफ्तार

कॉल पर सहमति के अनुसार कॉलर ने राशि ₹14000 x 4 यानी ₹56000/- पेटीएम पर भुगतान करने की बात कही. कॉलर ने शिकायतकर्ता को उक्त राशि प्राप्त करने के लिए एसएमएस से उसके द्वारा भेजे गए लिंक को स्वीकार कर क्लिक करने के लिए कहा. ऐसा करने पर उसे एक संदेश मिला कि उसके खाते से ₹56000/ - डेबिट हो गए हैं.

उन्होंने फोन करने वाले से शिकायत की कि राशि क्रेडिट होने के बजाय उसके खाते से डेबिट कर दी गई है. कॉलर ने शिकायतकर्ता को बताया कि यह उसकी ओर से कुछ गलती थी और अब इसे ठीक करने के लिए उसे कॉलर द्वारा भेजे गए एक नए लिंक पर क्लिक करके भुगतान स्वीकार करना होगा. ऐसा करने पर उसे एक और संदेश मिला कि उसके खाते से ₹56000/- की राशि डेबिट हो गई है. इस तरह शिकायतकर्ता को ₹1,12,000/- का नुकसान हुआ. इस घटना के बाद दोनों नंबर (एक कॉल में इस्तेमाल और दूसरा व्हाट्सएप में इस्तेमाल) कॉलर द्वारा स्विच-ऑफ कर दिए गए.

शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत पर पीएस साइबर सेल शाहदरा में एफआईआर दर्ज किया गया. जांच के लिए एसएचओ साइबर थाना विकास कुमार की देखरेख में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने सभी बैंक खाते का विवरण निकाला. गहन विश्लेषण और गहन तकनीकी साक्ष्य के बाद टीम ने बैंक खाते (जिसमें धोखाधड़ी की राशि प्राप्त हुई) धारक की पहचान हरियाणा के फरीदाबाद निवासी गगन के रूप में की. टीम ने गगन के घर पर छापा मारकर उसे पकड़ लिया.

पूछताछ में गगन ने बताया कि हरियाणा के मेवात निवासी हैदर के कहने पर उसने चार बैंक एकाउंट खोले हैं. अकाउंट में हैदर पैसे मंगवाता है जिसके बदले उसे कमीशन मिलता है. इन सभी खातों में पंजीकृत मोबाइल नंबर गगन का था, लेकिन सिम हैदर को सौंप दिया गया था.

आरोपी गगन द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हैदर से भी पूछताछ की गई. गगन द्वारा दिए गए विवरण सही साबित हुए. उपरोक्त सिम के साथ दो अन्य सिम, गगन के नाम पर पंजीकृत तीन चेकबुक और एक स्मार्ट फोन आरोपी नंबर 2 हैदर के पास से बरामद किया गया. हैदर ने आगे खुलासा किया कि वह हरियाणा के मेवात के गांव नाई में अपने हैंडलर मुश्ताक और अन्य लोगों के निर्देशों पर ये गतिविधियां अंजाम दे रहा था.

हैदर ने पुष्टि की कि वह ठगे गए पैसे की लेनदेन को हैंडल कर रहा था और अपना कमीशन काटने के बाद निकाली गई नकदी को अन्य आरोपियों को सौंप रहा था. हैदर के पास से अपराध में इस्तेमाल एक मोबाइल फोन बरामद हुआ. हैदर के खुलासे के बाद मुश्ताक को भी गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से अपराध में इस्तेमाल 4 मोबाइल फोन, इस्तेमाल तीन सिम कार्ड, अलग-अलग बैंकों की तीन चेक बुक, 1 क्रेडिट कार्ड और एक काले रंग की बुलेट मोटरसाइकिल बरामद हुई है.

नोएडा में महिला ने पति सहित ससुराल पक्ष के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा

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नई दिल्ली: शाहदरा जिले की साइबर पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो मकान मालिकों को झांसा देकर उनसे ठगी किया करता था. डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान हरियाणा के मेवात निवासी हैदर, मुश्ताक और फरीदाबाद निवासी गगन के रूप में हुई है. एक महिला की शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया है. पूछताछ में इस गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि वह मकान मालिकों को आवास लेने का झांसा देते थे और एडवांस पेमेंट देने के बहाने उनके अकाउंट से पैसे निकाल दिया करते थे. ये लोग मकान मालिकों को एक लिंक भेजते थे और लिंक पर क्लिक करते ही उनके अकाउंट से पैसे आरोपी के खाते में ट्रांसफर हो जाते थे.

डीसीपी ने बताया कि 18 मार्च को शिकायतकर्ता जाह्नवी ने आरोप लगाया कि उन्हें पेइं गेस्ट(पीजी) के लिए पूछताछ करने के लोकर एक कॉल आई. फोन करने वाले ने खुद को सेना का जवान बताया और कहा कि उसे अपनी बेटी के लिए पीजी की जरूरत है. उसने 4 महीने की अवधि के लिए आवास बुक करने के लिए एडवांस्ड पेमेंट की भी पेशकश की.

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कॉल पर सहमति के अनुसार कॉलर ने राशि ₹14000 x 4 यानी ₹56000/- पेटीएम पर भुगतान करने की बात कही. कॉलर ने शिकायतकर्ता को उक्त राशि प्राप्त करने के लिए एसएमएस से उसके द्वारा भेजे गए लिंक को स्वीकार कर क्लिक करने के लिए कहा. ऐसा करने पर उसे एक संदेश मिला कि उसके खाते से ₹56000/ - डेबिट हो गए हैं.

उन्होंने फोन करने वाले से शिकायत की कि राशि क्रेडिट होने के बजाय उसके खाते से डेबिट कर दी गई है. कॉलर ने शिकायतकर्ता को बताया कि यह उसकी ओर से कुछ गलती थी और अब इसे ठीक करने के लिए उसे कॉलर द्वारा भेजे गए एक नए लिंक पर क्लिक करके भुगतान स्वीकार करना होगा. ऐसा करने पर उसे एक और संदेश मिला कि उसके खाते से ₹56000/- की राशि डेबिट हो गई है. इस तरह शिकायतकर्ता को ₹1,12,000/- का नुकसान हुआ. इस घटना के बाद दोनों नंबर (एक कॉल में इस्तेमाल और दूसरा व्हाट्सएप में इस्तेमाल) कॉलर द्वारा स्विच-ऑफ कर दिए गए.

शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत पर पीएस साइबर सेल शाहदरा में एफआईआर दर्ज किया गया. जांच के लिए एसएचओ साइबर थाना विकास कुमार की देखरेख में एक टीम का गठन किया गया. टीम ने सभी बैंक खाते का विवरण निकाला. गहन विश्लेषण और गहन तकनीकी साक्ष्य के बाद टीम ने बैंक खाते (जिसमें धोखाधड़ी की राशि प्राप्त हुई) धारक की पहचान हरियाणा के फरीदाबाद निवासी गगन के रूप में की. टीम ने गगन के घर पर छापा मारकर उसे पकड़ लिया.

पूछताछ में गगन ने बताया कि हरियाणा के मेवात निवासी हैदर के कहने पर उसने चार बैंक एकाउंट खोले हैं. अकाउंट में हैदर पैसे मंगवाता है जिसके बदले उसे कमीशन मिलता है. इन सभी खातों में पंजीकृत मोबाइल नंबर गगन का था, लेकिन सिम हैदर को सौंप दिया गया था.

आरोपी गगन द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर हैदर से भी पूछताछ की गई. गगन द्वारा दिए गए विवरण सही साबित हुए. उपरोक्त सिम के साथ दो अन्य सिम, गगन के नाम पर पंजीकृत तीन चेकबुक और एक स्मार्ट फोन आरोपी नंबर 2 हैदर के पास से बरामद किया गया. हैदर ने आगे खुलासा किया कि वह हरियाणा के मेवात के गांव नाई में अपने हैंडलर मुश्ताक और अन्य लोगों के निर्देशों पर ये गतिविधियां अंजाम दे रहा था.

हैदर ने पुष्टि की कि वह ठगे गए पैसे की लेनदेन को हैंडल कर रहा था और अपना कमीशन काटने के बाद निकाली गई नकदी को अन्य आरोपियों को सौंप रहा था. हैदर के पास से अपराध में इस्तेमाल एक मोबाइल फोन बरामद हुआ. हैदर के खुलासे के बाद मुश्ताक को भी गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से अपराध में इस्तेमाल 4 मोबाइल फोन, इस्तेमाल तीन सिम कार्ड, अलग-अलग बैंकों की तीन चेक बुक, 1 क्रेडिट कार्ड और एक काले रंग की बुलेट मोटरसाइकिल बरामद हुई है.

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