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Noida police: महीनों बाद गुम मोबाइल पाकर खिल उठे 191 चेहरे, 51 लाख है बरामद मोबाइल की कीमत

नोएडा में ऑपरेशन मिशन सहयोग के तहत नोएडा पुलिस ने 191 लोगों को उनके चोरी के मोबाइल फोन लौटाए. इस ऑपरेशन को महिला पुलिसकर्मियों ने लीड किया और इनमें वो मोबाइल फोन शामिल हैं, जो मई 2022 से मई 2023 के बीच चोरी हुए थे.

नोएडा में ऑपरेशन मिशन सहयोग
नोएडा में ऑपरेशन मिशन सहयोग
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 6, 2023, 8:47 PM IST

ऑपरेशन मिशन सहयोग के बारे में बताते डीसीपी

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को सेक्टर छह स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम मिशन सहयोग में नोएडा पुलिस ने 191 लोगों को उनका मोबाइल लौटाया. ये वो मोबाइल फोन थे. कहीं भी गुम हो गए थे. चोरी किए गए थे. सभी ने पुलिस का आभार प्रकट करते हुए 'मिशन सहयोग' की सराहना की.

डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि गुमशुदा मोबाइल की बरामदगी को लेकर करीब तीन महीने पहले मिशन सहयोग का खाका तैयार किया गया था. इसमें नोएडा जोन में मई 2022 से मई 2023 के दौरान गुम हुए करीब 350 मोबाइल को चिन्हित किया गया. इन मोबाइल का ईएमआई रन कराया गया. इसके बाद गुम मोबाइल में लगी सिम की जानकारी निकाल कर उस नंबर पर कॉल कर ग्राहकों को बताया गया कि विभिन्न दुकानों और राहगीरों से कम दाम में जो मोबाइल उन्होंने खरीदी है, वह चोरी की है. पुलिस द्वारा संवाद स्थापित करने के बाद लोगों ने कुरियर सहित अन्य माध्यम से पुलिस को मोबाइल सौंप दिया.

सभी की मोबाइल से जु़ड़ी थी भावनाएं: शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में 191 लोगों को जब अपने गुम मोबाइल मिले तो उनकी आखों में चमक आ गई. किसी ने अपनी पहली सैलरी से स्मार्टफोन खरीदा था, तो किसी को जन्मदिन के अवसर पर पापा ने उपहार में मोबाइल दी थी. कई ऐसे भी रहे जिन्होंने कर्ज और मासिक किस्त पर मोबाइल खरीदी थी.

ऑपरेशन को महिला पुलिसकर्मियों ने लीड किया. एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पूरे अभियान का जिम्मा फेज वन थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मी प्रीति, स्वीटी और सर्विलांस में तैनात जीत को सौंपा गया. मोबाइल के संबंध में बीते 90 दिनों में महिला पुलिसकर्मियों ने करीब छह हजार कॉल की और मोबाइल वापस करने की लगातार अपील की गई. सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने वाले लोगों को बताया गया कि वह जो मोबाइल वर्तमान में इस्तेमाल कर रहे हैं, वह गुमशुदगी वाले फोन हैं. बरामद मोबाइल की अनुमानित कीमत 51 लाख रुपए बताई जा रही है. अधिकारियों ने आगे भी अभियान चलाए जाने की जानकारी साझा की है.

ये भी पढ़ें: मिलावटखोरी में अब नमक का नंबर! गाजियाबाद में मिलावट की आशंका में नमक फैक्ट्री सील

पुलिस ने बनाया डाटाबेस: सूचना के बाद पुलिस ने गुम मोबाइलों की बरामदगी के दौरान डाटाबेस बनाया. इसमें दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले ऐसे दुकानदारों को चिन्हित किया गया है, जो चोरी के मोबाइल को बेचने का काम करते हैं. डाटाबेस के आधार पर आगे की कार्रवाई इनके खिलाफ की जाएगी.

साथ ही मिशन सहयोग में पूरा सहयोग करने वाले लोगों को आगामी दिनों में नोएडा पुलिस प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करेगी. कार्यक्रम के दौरान एसीपी रजनीश वर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे. इस बेहतरीन कार्य करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी नोएडा के द्वारा 20000 का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है.

ये भी पढ़ें: fake currency gang: वेब सीरीज 'फर्जी' से इंस्पायर होकर नकली नोटों के कारोबार में जुटा गैंग, 19 लाख के नकली नोट बरामद; जानें पूरी कहानी

ऑपरेशन मिशन सहयोग के बारे में बताते डीसीपी

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा पुलिस ने शुक्रवार को सेक्टर छह स्थित इंदिरा गांधी कला केंद्र में कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम मिशन सहयोग में नोएडा पुलिस ने 191 लोगों को उनका मोबाइल लौटाया. ये वो मोबाइल फोन थे. कहीं भी गुम हो गए थे. चोरी किए गए थे. सभी ने पुलिस का आभार प्रकट करते हुए 'मिशन सहयोग' की सराहना की.

डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि गुमशुदा मोबाइल की बरामदगी को लेकर करीब तीन महीने पहले मिशन सहयोग का खाका तैयार किया गया था. इसमें नोएडा जोन में मई 2022 से मई 2023 के दौरान गुम हुए करीब 350 मोबाइल को चिन्हित किया गया. इन मोबाइल का ईएमआई रन कराया गया. इसके बाद गुम मोबाइल में लगी सिम की जानकारी निकाल कर उस नंबर पर कॉल कर ग्राहकों को बताया गया कि विभिन्न दुकानों और राहगीरों से कम दाम में जो मोबाइल उन्होंने खरीदी है, वह चोरी की है. पुलिस द्वारा संवाद स्थापित करने के बाद लोगों ने कुरियर सहित अन्य माध्यम से पुलिस को मोबाइल सौंप दिया.

सभी की मोबाइल से जु़ड़ी थी भावनाएं: शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में 191 लोगों को जब अपने गुम मोबाइल मिले तो उनकी आखों में चमक आ गई. किसी ने अपनी पहली सैलरी से स्मार्टफोन खरीदा था, तो किसी को जन्मदिन के अवसर पर पापा ने उपहार में मोबाइल दी थी. कई ऐसे भी रहे जिन्होंने कर्ज और मासिक किस्त पर मोबाइल खरीदी थी.

ऑपरेशन को महिला पुलिसकर्मियों ने लीड किया. एडिशनल डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि पूरे अभियान का जिम्मा फेज वन थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मी प्रीति, स्वीटी और सर्विलांस में तैनात जीत को सौंपा गया. मोबाइल के संबंध में बीते 90 दिनों में महिला पुलिसकर्मियों ने करीब छह हजार कॉल की और मोबाइल वापस करने की लगातार अपील की गई. सेकेंड हैंड मोबाइल खरीदने वाले लोगों को बताया गया कि वह जो मोबाइल वर्तमान में इस्तेमाल कर रहे हैं, वह गुमशुदगी वाले फोन हैं. बरामद मोबाइल की अनुमानित कीमत 51 लाख रुपए बताई जा रही है. अधिकारियों ने आगे भी अभियान चलाए जाने की जानकारी साझा की है.

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पुलिस ने बनाया डाटाबेस: सूचना के बाद पुलिस ने गुम मोबाइलों की बरामदगी के दौरान डाटाबेस बनाया. इसमें दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले ऐसे दुकानदारों को चिन्हित किया गया है, जो चोरी के मोबाइल को बेचने का काम करते हैं. डाटाबेस के आधार पर आगे की कार्रवाई इनके खिलाफ की जाएगी.

साथ ही मिशन सहयोग में पूरा सहयोग करने वाले लोगों को आगामी दिनों में नोएडा पुलिस प्रमाणपत्र देकर सम्मानित करेगी. कार्यक्रम के दौरान एसीपी रजनीश वर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मी भी मौजूद रहे. इस बेहतरीन कार्य करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी नोएडा के द्वारा 20000 का पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है.

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