नई दिल्ली/नोएडाः इन दिनों साइबर क्राइम का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है. इस संबंध में नोएडा सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि पब्लिक की जरा-सी लापरवाही और लालच उसको साइबर क्राइम का शिकार बना रही है. आम लोग गूगल पर सर्च की जाने वाली वेबसाइट से लेकर व्हाट्सएप और मेल पर आने वाले लिंक को बिना सोचे-समझे कभी भी क्लिक नहीं करना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि साइबर अपराध पर जितना काम किया जा रहा है, उससे कई गुना अधिक और काम करने की जरूरत है, क्योंकि साइबर अपराध करने वाले प्रतिदिन नए-नए तरीके का इस्तेमाल कर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. उन्होंने बताया कि साइबर अपराध का शिकार आज वे लोग सबसे अधिक हो रहे हैं, जो ऑनलाइन अधिक एक्टिव रहते हैं.
साइबर अपराध के संबंध में ईटीवी भारत से खास बातचीत में रीता यादव ने बताया कि साइबर अपराध करने वाले ज्यादातर मेल आईडी और वेबसाइट को भारत में नहीं बनाते हैं. भारत में रहने वाले लोगों के सहयोग से विदेश में बैठे साइबर अपराध यहां पर बैठे लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. उन्होंने बताया कि पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को भी साइबर अपराध की गतिविधि में शामिल किया गया है. साइबर अपराध करने वालों का साथ देने वाले चंद पैसों की लालच में आकर उनका साथ देते हैं और विदेशों में बैठे साइबर अपराधी लोगों को अपना निशाना बनाते हैं.
उन्होंने कहा कि ट्रेडिंग से लेकर ब्लैक मेलिंग तक का अपराध तेजी से बढ़ रहा है और इसे रोकने के लिए हर नागरिक को साइबर अपराध के प्रति जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि किसी भी अनजान नंबर खासकर वीडियो कॉलिंग, लिंक पर संपर्क ना करें, जब तक पूरी तरह से किसी भी चीज को लेकर आप आश्वस्त ना हो जाएं. वहीं उन्होंने यह भी बताया कि आम लोगों को घर से निकल कर बैंक, बिजली विभाग सहित तमाम उन जगहों पर जाना चाहिए, जिस के संबंध में उनके पास साइबर अपराध करने वाले जानकारी देते और मांगते हैं.
साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव का कहना है कि आज के समय में लोग कम समय में अपना ज्यादा काम पूरा करने और लालच में आकर साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं. मकान किराए पर लेने से लेकर बीमा की किस्त लोग घर बैठे ही जमा करना चाहते हैं. वही कुछ लोगों द्वारा पलंबर तक को खोजने के लिए गूगल का सहारा लेते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं.
साइबर थाना प्रभारी का कहना है कि गूगल पर दिए गए नंबर की जांच जरूर करें. वहीं बैंक, एलआईसी सहित अन्य विभागों से फोन करके ग्राहक से सीधे जानकारी कभी नहीं मांगी जाती. लोगों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी अनजान नंबर से आई हुई ओटीपी कभी किसी को ना बताएं और उस नंबर पर खुद के संबंध में कोई जानकारी ना दें. साइबर अपराध से बचने का बेहतर तरीका जागरूकता ही बचाव है. वहीं उन्होंने कहा कि साइबर ठगी का शिकार होने पर तत्काल संबंधित थाने को सूचना जरूर दें, ताकि समय रहते आपके गए हुए पैसे वापस आ सके.
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