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अनलॉक1.0 : मस्जिदें खुली तो मुस्लिम समाज ने मनाई खुशी - Muslim society celebrated

अनलॉक में सभी धार्मिक स्थलों को खोलने की कड़ी में सोमवार को पूरी दिल्ली में दूसरे धार्मिक स्थलों की तरह मस्जिदों को भी खोल दिय गया. जहां मुस्लिम समाज ने निर्धारित गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ नमाजें अदा की. साथ ही खुदा से इस महामारी को देश और दुनिया से खत्म करने की दुआएं भी मांगी गई.

Muslim society celebrated happiness when mosques opened in Unlock 1.0
मस्जिदें खुली पर मुस्लिम समाज ने खुशी मनाई
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Published : Jun 9, 2020, 4:29 PM IST

नई दिल्ली: अनलॉक के पहले चरण में सोमवार से दिल्ली के सभी धार्मिक स्थलों को भी सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग से पूजा अर्चना और नमाज के लिए खोल दिया गया है. इए कड़ी में पुरानी दिल्ली की अंजुमन मस्जिद में भी स्थानीय लोगों ने पूरी सावधानी और सरकारी दिशा निर्देश के साथ मस्जिद में पहुंचकर नमाजें अदा की और अल्लाह की बारगाह में सिर झुकाकर इस महामारी से देश को निजात दिलाने के लिए दुआएं भी की गई.

मस्जिदें खुली पर मुस्लिम समाज ने खुशी मनाई

मस्जिद इमाम का कहना

मस्जिद अंजुमन इत्तेहाद मंजिल के इमाम मुफ्ती निसार अहमद ने बताया कि यह बड़ा ही अच्छा मौका है कि ढाई महीने बाद मस्जिदें खुली हैं, हर कोई चाहता है कि वह खुदा के सामने सिर झुकाकर इबादत करे और अपने गुनाहों की तौबा करते हुए अल्लाह से इस महामारी को देश दुनिया से खत्म करने की दुआएं मांगी. उन्होंने कहा कि 78 दिन के बाद मस्जिद में पहुंचने पर सभी ने बेहद खुशी का इजहार किया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोई भी ईद नहीं माना सका, लेकिन इतने दिनों बाद मस्जिदें खुली तो हर कोई बेहद खुश है, उन्होंने भी पूरे रमजान रो रोकर खुद से दुआएं मांगी ताकि अल्लाह इस बीमारी को दुनिया से खत्म कर दे.


सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया खास ख्याल
मस्जिदें खुलने के बाद जहां सैनिटाइजेशन का काम पहले से ही कर दिया गया था. वहीं मस्जिद में एंट्री से पहले हाथों को भी सैनीटाइज किया गया. वहीं अंदर जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए घर से लाई गई, अपनी जानमाज बिछाकर नमाज पढ़ी. इसके साथ ही नमाजियों के बीच छह गज की दूरी का भी ख्याल रखा गया.


मस्जिदों के बाहर लगाए गए थे दिशा निर्देश
मस्जिदों के बाहर कोविड 19 के प्रति जागरूक करने वाले दिशा निर्देश लिखे हैंडबिल लगाए गए थे.अंजुमन मस्जिद में पहले से ही पानी की सप्लाई बंद कर दी गई थी. तकी मस्जिद में वजू के बजाए सभी लोग अपने घरों से ही वजू करके पहुंचे. साथ ही मस्जिदों में जूतें चप्पलों को लेकर भी व्यवस्था की गई थी. ताकि कोई भी एक दूसरे की चप्पल न पहनें. नमाज से पहले ही मस्जिद के इमाम साहब ने नमाज पढ़ने आने वालों को सावधानी बरतने के लिए आगाह कर दिया था.

नई दिल्ली: अनलॉक के पहले चरण में सोमवार से दिल्ली के सभी धार्मिक स्थलों को भी सरकारी दिशा निर्देशों का पालन करने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग से पूजा अर्चना और नमाज के लिए खोल दिया गया है. इए कड़ी में पुरानी दिल्ली की अंजुमन मस्जिद में भी स्थानीय लोगों ने पूरी सावधानी और सरकारी दिशा निर्देश के साथ मस्जिद में पहुंचकर नमाजें अदा की और अल्लाह की बारगाह में सिर झुकाकर इस महामारी से देश को निजात दिलाने के लिए दुआएं भी की गई.

मस्जिदें खुली पर मुस्लिम समाज ने खुशी मनाई

मस्जिद इमाम का कहना

मस्जिद अंजुमन इत्तेहाद मंजिल के इमाम मुफ्ती निसार अहमद ने बताया कि यह बड़ा ही अच्छा मौका है कि ढाई महीने बाद मस्जिदें खुली हैं, हर कोई चाहता है कि वह खुदा के सामने सिर झुकाकर इबादत करे और अपने गुनाहों की तौबा करते हुए अल्लाह से इस महामारी को देश दुनिया से खत्म करने की दुआएं मांगी. उन्होंने कहा कि 78 दिन के बाद मस्जिद में पहुंचने पर सभी ने बेहद खुशी का इजहार किया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते कोई भी ईद नहीं माना सका, लेकिन इतने दिनों बाद मस्जिदें खुली तो हर कोई बेहद खुश है, उन्होंने भी पूरे रमजान रो रोकर खुद से दुआएं मांगी ताकि अल्लाह इस बीमारी को दुनिया से खत्म कर दे.


सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया खास ख्याल
मस्जिदें खुलने के बाद जहां सैनिटाइजेशन का काम पहले से ही कर दिया गया था. वहीं मस्जिद में एंट्री से पहले हाथों को भी सैनीटाइज किया गया. वहीं अंदर जाने पर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए घर से लाई गई, अपनी जानमाज बिछाकर नमाज पढ़ी. इसके साथ ही नमाजियों के बीच छह गज की दूरी का भी ख्याल रखा गया.


मस्जिदों के बाहर लगाए गए थे दिशा निर्देश
मस्जिदों के बाहर कोविड 19 के प्रति जागरूक करने वाले दिशा निर्देश लिखे हैंडबिल लगाए गए थे.अंजुमन मस्जिद में पहले से ही पानी की सप्लाई बंद कर दी गई थी. तकी मस्जिद में वजू के बजाए सभी लोग अपने घरों से ही वजू करके पहुंचे. साथ ही मस्जिदों में जूतें चप्पलों को लेकर भी व्यवस्था की गई थी. ताकि कोई भी एक दूसरे की चप्पल न पहनें. नमाज से पहले ही मस्जिद के इमाम साहब ने नमाज पढ़ने आने वालों को सावधानी बरतने के लिए आगाह कर दिया था.

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