नई दिल्ली: राजधानी में शराब पीने को लेकर हुए विवाद में हुई हत्या के मामले में शाहदरा जिला पुलिस ने सूरत क्राइम ब्रांच के सहयोग से आरोपी को सूरत से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी हत्या के बाद से ही फरार था और मुंबई में परमानेंट शिफ्ट होने की फिराक में था. गिरफ्तार आरोपी की पहचान करण के रूप में हुई है.
डीसीपी रोहित मीना ने बताया कि 6 मई की रात 11:56 बजे सी-214, न्यू संजय अमर कॉलोनी के विश्वास नगर से झगड़े के संबंध में एक पीसीआर कॉल प्राप्त हुई थी. सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पाया कि झगड़े में घायल 35 वर्षीय राहुल को अस्पताल ले जाया गया है. वहीं पुलिस के अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है. इसके बाद मृतक के भाई रवि के बयान पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई, जिसके दौरान एक सीसीटीवी फुटेज मिला. इसमें आरोपी करण मृतक कई बार चाकू मारते हुए नजर आया.
मामले को सुलझाने के लिए एसीपी/शाहदरा की कड़ी निगरानी में इंस्पेक्टर अमूल त्यागी, एसएचओ/पीएस फर्श बाजार के नेतृत्व में एएसपी विशेष खोखर, एसआई पंकज कसाना, एएसआई दीपक, हेड कॉन्स्टेबल शशांक, कॉन्स्टेबल यतेंद्र मावी, मनोज और रोहिता शॉ की एक टीम बनाई गई. इसके बाद क्राइम टीम को मौके पर बुलाया गया और साक्ष्य एकत्र किए गए. साथ ही मुखबिरों को तैनात करने के साथ घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी कैमरे के फुटेजों की गहनता से जांच की गई.
इस पर आरोपी के घर में छापेमारी की गई, लेकिन वह वहां नहीं मिला. उसके माता-पिता को भी उसके ठिकाने के बारे में पता नहीं था और तो और आरोपी के पास कोई फोन नहीं था जिससे उसे ट्रैक किया जा सके. मामले को सुलझाना मुश्किल हो रहा था. कुछ दिन पहले आरोपी के पिता को अज्ञात नंबर से फोन आया था. उन्होंने बताया कि करण ने उन्हें यह कहते हुए फोन किया कि वह हमेशा के लिए मुंबई जा रहा है और वह वापस नहीं आएगा.
इसपर जब पुलिस ने उसकी लोकेशन ट्रेस की तो उमसे सूरत की लोकेशन आई और एसआई पंकज कसाना, हेड कॉन्स्टेबल शशांक, कांस्टेबल यतेंद्र मावी और कॉन्स्टेबल रोहित शॉ की एक टीम को सूरत गुजरात भेजा गया. तलाशी के बाद फोन मालिक पकड़ा गया और बताया कि किसी राहगीर ने कॉल करने के लिए उसका फोन लिया था, जिसके बाद उसने कॉल किए गए नंबर को हटा दिया. टीम ने सूरत पुलिस की अपराध शाखा के साथ मिलकर उस स्थान की व्यापक तलाशी ली, जहां फोन कॉल किया गया था. 60 से अधिक कैमरों और वाहनों के विश्लेषण के बाद आरोपी करण को एक फैक्ट्री यार्ड में पाया गया, जहां उसने एक दिन पहले काम करना शुरू किया था. इसपर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
जांच के दौरान पता चला कि मृतक राहुल का भाई सूरज एनएसए कॉलोनी के पास शराब पी रहा था, इस दौरान आरोपी करण ने सूरज की शराब की बोतल छीनने की कोशिश की, जिसपर कहासुनी हो गई. तभी राहुल भी वहां आ पहुंचा, जहां उसने भाई सूरज के साथ मिलकर आरोपी करण को कई थप्पड़ जड़ दिए. इसके बाद करण वहां से चला गया. करीब रात 11.30 बजे जब राहुल सी ब्लॉक एनएसए कॉलोनी में अपने घर के पास पहुंचा, तो करण ने उसे घेरकर उसपर चाकू से कई वार किए और भाग गया. आरोपी कुछ समय तक इलाके में घूमता रहा और फिर हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन भाग गया, जहां से उसने बिना टिकट के ट्रेन पकड़ी और सूरत जा पहुंचा. उसी ट्रेन में उसके कुछ दोस्त बन गए, जिनके चलते उसे वहां काम मिल गया.
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यहां उसने आजीविका चलाने के लिए छोटे-मोटे काम करना शुरू किया. वह सूरत में कुछ पैसे कमाने के बाद मुंबई में रहना चाहता था, क्योंकि उसके सौतेले माता और पिता के साथ अच्छे संबंध नहीं हैं. 18 वर्षीय करण अविवाहित है और 8वीं कक्षा के बाद उसने स्कूल छोड़ दिया. उसने दिल्ली के विश्वनगर के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और कोरोनाकाल में लॉकडाउन के बाद कभी स्कूल नहीं गया.
पढ़ाई छोड़ने के बाद उसने साहिबाबाद, गाजियाबाद में कारखाने में काम करना शुरू किया, लेकिन उसने मैनेजर के साथ बहस के बाद नौकरी छोड़ दी. बुरी संगत में पड़ने के कारण वह रोज शराब पीने लगा था. परिवार के सदस्यों के साथ संबंध अच्छे न होने के कारण वह अपना ज्यादातर समय एनएसए कॉलोनी क्षेत्र में घूमते हुए बिताया करता था.
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