नई दिल्ली: दिल्ली की कई जगहों पर भूकंप जैसी आपात स्तिथि से निपटने के लिए जिला प्रशासन की तरफ से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. इसी क्रम में पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित वी3एस मॉल में आयोजित मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन, पुलिस, दमकल, डिजास्टर, कैट एंबुलेंस , निगम, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों ने भी हिस्सा लिया. दरअसल, आपात स्थिति से निपटने और एजेंसियों के बीच तालमेल के लिए, वी3एस मॉल में भूकंप से कई लोगों के दबे होने की सूचना दी गई थी.
सूचना मिलते ही दमकल, जिला प्रशासन, पुलिस, डिजास्टर, कैट एंबुलेंस , निगम व स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान सभी घायलों को मलबे से निकालकर अस्पताल में दाखिल कराया गया. इस पूरे मॉक ड्रिल में सभी विभागों की रिस्पॉन्स टाइमिंग नोट की गई . हालांकि अलग-अलग एजेंसियों के बीच रिस्पॉन्स में कुछ देरी पाई गई, जिसमें सुधार की जरूरत है. बता दें कि मंगलवार रात 10 बजकर 20 मिनट पर दिल्ली एनसीआर में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे.
ऐसा ही एक मॉकड्रिल सुभाष नगर स्थित पेसिफिक मॉल में भी किया गया, जिसमें भूकंप को लेकर कॉल की गई. कॉल मिलने के बाद दिल्ली पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, दिल्ली फायर सर्विस, एंबुलेंस, हॉस्पिटल, डीएम ऑफिस, डीडीएमए ऑफिस, सिविल डिफेंस वर्कर्स सहित तमाम एजेंसियां घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत और बचाव काम में जुट गई. इस दौरान घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की कवायद शुरू की गई. मौके पर राजौरी गार्डन के एसडीएम आशीष कुमार भी मौजूद रहे , जिन्होंने तमाम एजेंसियों द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्य का निरीक्षण किया. उन्होंने बताया कि समय-समय पर ऐसे मॉकड्रिल किए जा रहे हैं.
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वहीं एसडीएम से सवाल पूछा गया कि, मौके पर अलग-अलग एजेंसियों के बीच राहत और बचाव कार्य के दौरान तालमेल की कमी दिखी. इस पर उन्होंने कहा कि सभी एजेंसियों को मॉकड्रिल के बारे में पहले से ही जानकारी दे दी गई थी. अब किस एजेंसी की तरफ से क्या कमियां रही इसे भी देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि, जिस तरह से सभी एजेंसियां समय पर मॉकड्रिल के कॉल के बाद पहुंची वो संतोषप्रद है, जो ऐसी आपदा के वक्त लोगों की जान बचाने में मददगार साबित होगी. उन्होंने यह भी कहा कि, ऐसे मॉक ड्रिल का आयोजन समय-समय पर होता रहता है, जिसका मकसद किसी भी आपदा के वक्त होने वाले जानमाल के नुकसान को कम से कम करना है. इससे यह भी पता चलता है की एजेंसियां ऐसे वक्त में किस तरह से रिस्पॉन्स करती हैं.
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