नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पर बुधवार को मुहर लगा दी. अब यह डीपीआर शासन के जरिए भारत सरकार को भेजी जाएगी. इस प्रोजेक्ट को पीएम गति शक्ति से जोड़ते हुए वित्तीय सहायता प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी.
दरअसल, ग्रेटर नोएडा के बोड़ाकी में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बनाया जा रहा है. यहां पर रेल, मेट्रो, अंतरराज्यीय बस अड्डा और स्थानीय ट्रांसपोर्ट की सुविधाएं विकसित होनी है. नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीत एक्वा लाइन मेट्रो का आखिरी स्टेशन डिपो है. यहां से बोड़ाकी तक मेट्रो का विस्तार होना है. इसे बनाने का जिम्मा नोएडा मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एनएमआरसी) को दिया गया है. एनएमआरसी ने इसकी डीपीआर तैयार कर ली है. इसी डीपीआर पर बुधवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने भी अपनी मुहर लगा दी.
डीपीआर के मुताबिक, डिपो से बोड़ाकी तक मेट्रो रूट की लंबाई करीब 2.6 किलोमीटर होगी. इसे बनाने में करीब 416 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यह रूट भी एलिवेटेड होगा. शुरुआत में चार कोच वाली मेट्रो चलाई जाएगी. बाद में जरूरत के हिसाब से इसे बढ़ाया जा सकता है. इस रूट के बनने से नोएडा-ग्रेटर नोएडा के निवासी मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब से सीधे जुड़ जाएंगे. निवासियों को आगे के सफर के लिए ट्रेन या बस की सुविधा मिल सकेगी. अब इस परियोजना की डीपीआर को प्रदेश सरकार से अप्रूवल लेकर भारत सरकार को भेजा जाएगा.
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नोएडा एयरपोर्ट के लिए 453 करोड़ देने पर मुहरः जेवर में निर्माणाधीन नोएडा एयरपोर्ट के द्वितीय चरण के विकास के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से 453 करोड़ रुपये का भुगतान और किया जाना है. प्राधिकरण इसका भुगतान चार किस्तों में करेगा. पहली किस्त करीब 113 करोड़ रुपये का भुगतान शीघ्र ही कर देगा. शेष धनराशि का भुगतान बैंकों से लोन प्राप्त कर करेगा.
प्राधिकरण बोर्ड ने इस रकम को चार किस्तों में लोन लेकर भुगतान करने पर अनुमति प्रदान कर दी है. नोएडा एयरपोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार व नोएडा प्राधिकरण की अंशधारिता 37.5 - 37.5 फीसदी है. जबकि, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व यमुना प्राधिकरण की अंशधारिता 12.5-12.5 फीसदी है. नोएडा एयरपोर्ट से 2024 में उड़ान शुरू कराने की तैयारी है.