नई दिल्ली: दिल्ली के तीनों कूड़े के पहाड़ों को जल्द से जल्द खत्म करने के लिए किए जा रहे उपायों को लेकर एमसीडी में समीक्षा बैठक हुई. मेयर शैली ओबरॉय की अध्यक्षता में हुई बैठक में कूड़े के निस्तारण को लेकर चर्चा हुई. बौठक में अधिकारियों ने बताया कि तीनों लैंडफिल साइट पर कूड़े की प्रोसेसिंग क्षमता को बढ़ाया जा रहा है.
समीक्षा बैठक के दौरान एजेंसियों ने ओखला, भलस्वा और गाजीपुर लैंडफिल साइट की मौजूदा स्थित से अवगत कराया. ओखला में मौजूदा वक्त में करीब 5 हजार मीट्रिक टन प्रतिदिन कूड़े की प्रोसेसिंग हो रही है. भलस्वा लैंडफिल की स्थिति के बारे में बताया कि 10 हजार मीट्रिक टन कूड़े की प्रोसेसिंग तक पहुंच गए हैं. अब 15 हजार मीट्रिक टन कूड़े की प्रोसेसिंग का लक्ष्य है. बारिश की वजह से कई बार व्यवधान का सामना करना पड़ता है, जिसका उपाय निकाला जा रहा है.
मेयर शैली ओबरॉय ने तीनों लैंडफिल की सफाई में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल का विजन दिल्ली को सफाई के मामले में विश्व में नंबर-1 बनाना है. साइट पर मशीनें बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा कूड़े का निस्तारण किया जाए, ताकि इस काम को तेजी से पूरा किया जाए. दिल्ली में कूड़े के पहाड़ दिखने नहीं चाहिए. लैंडफिल साइट को खत्म करने के बाद नए कूड़े का निस्तारण साथ-साथ किया जाएगा. इसके लिए एमसीडी और दिल्ली सरकार हर संभव मदद देगी.
निगम के अस्पतालों में प्राथमिक उपचार समिति
इसके अलावा मेयर शैली ओबरॉय ने निगम के अस्पतालों में प्राथमिक उपचार समिति गठित करने का कमिश्नर को निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्राथमिक उपचार समिति की दस सदस्यीय कोर कमेटी और सभी जोन में सब कमेटी का गठन किया जाएगा. प्राथमिक उपचार समिति एमसीडी के अस्पतालों की मॉनिटरिंग और मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेगी.
दस सदस्यीय कोर कमेटी में मेयर, डिप्टी मेयर, नेता सदन, दो एमसीडी के अधिकारी, तीन डॉक्टर और दो सोशल वर्कर होंगे. वहीं 12 जोन में सब कमेटी गठित होगी. प्रत्येक सब कमेटी में 4 पार्षद, 2 नॉमिनेटेड मेंबर और एक डॉक्टर को शामिल किया जाएगा. दोनों कमेटियों का कार्यकाल एक साल के लिए होगा. हर साल कमेटियों में सदस्य बनाए जाएंगे.
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