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यहां घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को फ्री में दी जाती है कानूनी मदद

दिलशाद गार्डन के मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) में घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए सेंटर खोला गया है. इसका उद्घाटन उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया.

Sakhi One Stop Center
सखी वन स्टॉप सेंटर
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Published : Nov 28, 2019, 12:46 PM IST

नई दिल्ली: घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) में एक अच्छी पहल की गई है. यहां 24 घंटे खुला रहने वाला सखी वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है. इसका उद्घाटन दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया.

वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने इस तरह के सेंटर बनाने की घोषणा की थी. 2018 में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए हर जिले में वन स्टॉप सेंटर स्थापित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. इसके तहत दिल्ली में पहले सेंटर की शुरुआत की गई है.

मिलेगी नि:शुल्क कानूनी मदद

घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर में निशुल्क कानूनी मदद मिलेगी. इसके अलावा इमरजेंसी डॉक्टरी सुविधा और पुलिस मदद भी मिलेगी. पीड़ित महिलाओं के लिए वॉलंटियर भी लगाए गए हैं जो जरूरत के अनुसार मदद करेंगे.

'महिलाओं को मिलेगा लाभ'

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर में आई कोई भी पीड़ित निराश होकर न जाए इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए ये योजना शुरू की गई है.

ये है लक्ष्य

मनीष सिसोदिया ने कहा-

सरकारी कागजों पर तो बहुत सारी योजनाएं बनती हैं, लेकिन जब तक उनका लाभ न मिले तब तक वो बेकार हैं. महिलाओं को हर संभव मदद मिलनी चाहिए. हम सभी का यही लक्ष्य है.

एक छत के नीचे मिलेंगी सुविधाएं

इहबास के डायरेक्टर डॉ.निमेष देसाई ने बताया कि इसमें पीड़िता को एक ही छत के नीचे पुलिस, डॉक्टर, मनोचिकित्सक और कानूनी परामर्श के साथ उनके रहने की अस्थाई शेल्टर की व्यवस्था होगी. पूरे देश में 725 जिलों में सेंटर बनाये जा चुके हैं. दिल्ली में खोला गया ये पहला सेंटर है.

नई दिल्ली: घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) में एक अच्छी पहल की गई है. यहां 24 घंटे खुला रहने वाला सखी वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है. इसका उद्घाटन दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया.

वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने इस तरह के सेंटर बनाने की घोषणा की थी. 2018 में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए हर जिले में वन स्टॉप सेंटर स्थापित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था. इसके तहत दिल्ली में पहले सेंटर की शुरुआत की गई है.

मिलेगी नि:शुल्क कानूनी मदद

घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर में निशुल्क कानूनी मदद मिलेगी. इसके अलावा इमरजेंसी डॉक्टरी सुविधा और पुलिस मदद भी मिलेगी. पीड़ित महिलाओं के लिए वॉलंटियर भी लगाए गए हैं जो जरूरत के अनुसार मदद करेंगे.

'महिलाओं को मिलेगा लाभ'

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर में आई कोई भी पीड़ित निराश होकर न जाए इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए ये योजना शुरू की गई है.

ये है लक्ष्य

मनीष सिसोदिया ने कहा-

सरकारी कागजों पर तो बहुत सारी योजनाएं बनती हैं, लेकिन जब तक उनका लाभ न मिले तब तक वो बेकार हैं. महिलाओं को हर संभव मदद मिलनी चाहिए. हम सभी का यही लक्ष्य है.

एक छत के नीचे मिलेंगी सुविधाएं

इहबास के डायरेक्टर डॉ.निमेष देसाई ने बताया कि इसमें पीड़िता को एक ही छत के नीचे पुलिस, डॉक्टर, मनोचिकित्सक और कानूनी परामर्श के साथ उनके रहने की अस्थाई शेल्टर की व्यवस्था होगी. पूरे देश में 725 जिलों में सेंटर बनाये जा चुके हैं. दिल्ली में खोला गया ये पहला सेंटर है.

Intro:घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए
दिलशाद गार्डन स्थित मानव व्यवहार व संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) में 24 घंटे खुलने वाले सखी वन स्टॉप सेंटर का उद्घाटन दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने किया. वर्ष 2015 में केंद्र सरकार ने इस तरह के सेंटर बनाने की घोषणा की थी. 2018 में हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए हर जिले में वन स्टॉप सेंटर स्थापित करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया था.इसके तहत दिल्ली में पहले सेंटर की शुरुआत की गई है. Body:जानकारी के मुताबिक, घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सखी वन स्टॉप सेंटर में निशुल्क कानूनी मदद मिलेगी. इसके अलावा इमरजेंसी डॉक्टरी सुविधा और पुलिस मदद भी मिलेगी. पीड़ित महिलाओं के लिए वॉलंटियर भी लगाए गए हैं जोकि जरुरत के अनुसार मदद करेंगे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि सखी वन स्टॉप सेंटर में आयी कोई भी पीड़ित निराश होकर न जाए इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मदद के लिए यह योजना शुरू की गई है। सरकारी कागजों पर तो बहुत सारी योजनाएं बनती हैं लेकिन जब तक उसका लाभ किसी को न मिले तो वह बेकार है. महिलाओं को हर संभव मदद मिलना चाहिए यही लक्ष्य हम सभी का होना चाहिए.
एक छत के नीचे मिलेंगी सुविधाएं
इसमें पीड़िता को एक ही छत के नीचे पुलिस, डॉक्टर, मनोचिकित्सक और कानूनी परामर्श के साथ उनके रहने की अस्थायी शेल्टर की व्यवस्था होगी. पूरे देश में 725 जिलों में करीब साढ़े पांच सौ जिलों में सेंटर बनाये जा चुके हैं. दिल्ली में यह फिलहाल पहला सेंटर है.




Conclusion:बाईट
डॉ.निमेष देसाई
डायरेक्टर, इहभास
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