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metro supervisor suicide case: पत्नी का गहना गिरवी रखकर लिए लोन से परेशान था मेट्रो सुपरवाइजर

दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक शख्स ने अपनी पत्नी और बच्ची की हत्या के बाद खुदकुशी कर ली. चाकू लगने से घायल बेटे का इलाज अस्पताल में चल रहा है. मृतक सुशील डीएमआरसी में डिपो मैनेजर था. वह कर्जों के बोझ तले दब गया था और यही वजह है कि उसने पत्नी और बेटी की हत्या करके खुदकुशी कर ली.

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पत्नी और बेटी की हत्या कर ली खुद की जान
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Published : May 16, 2023, 8:26 PM IST

पत्नी और बेटी की हत्या कर ली खुद की जान

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के एक सुपरवाइजर सुशील द्वारा पत्नी और बच्चों पर चाकू से हमला करने के बाद आत्महत्या की जांच कर रही शाहदरा थाना पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिसकी वजह से यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर सुशील ने इस खौफनाक वारदात को क्यों अंजाम दिया. जांच में सामने आया है कि सुशील पर लाखों का कर्ज था.

मौके से बरामद दस्तावेज से पता चला है कि सुशील ने गहने गिरवी रखकर लोन लिया था और वह वित्तीय बोझ तले दबा हुआ था. ऐसे में संभावना है कि लोन के दबाव में सुशील अपने परिवार को ही खत्म करने का फैसला लिया हो. हालांकि सुशील के परिवार लोन की जानकारी से इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि परिवार में किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं थी, न ही पैसे की कोई तंगी थी.

सुशील के हमले से उसकी पत्नी और बेटी की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके बेटे का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. उसकी हालत अभी भी नाजुक है. मंगलवार तकरीबन 12 बजे सुशील कुमार नाम के मेट्रो कर्मचारी ने पुलिस को कॉल करके बताया कि वह मेट्रो में काम करता है. उसके साथ काम करने वाला सुशील आज ड्यूटी पर नहीं आया था. जब ड्यूटी पर नहीं आने की वजह जानने के लिए उसने सुशील को फोन किया तो सुशील रो रहा था और बोल रहा है कि मैंने घर में सबको मार दिया है और सुसाइड करने जा रहा है.

सूचना के मिलते ही शाहदरा जिला पुलिस क्षेत्र के ज्योति कॉलोनी गली नंबर 8 स्थिति सुशील के मकान में पहुंची. पुलिस घर में दाखिल हुए तो सुशील का शव पड़ा हुआ था. जबकि, उसकी 43 वर्षीय पत्नी अनुराधा और उसकी 6 साल की बेटी का शव खून से लथपथ पड़ा था. साथ ही उसका 13 साल का बेटा भी खून से लथपथ पड़ा था, उसकी सांसें चल रही थी. इस बीच पड़ोसी भी वहां जमा हो गए. घायल बच्चे को पुलिस अस्पताल ले गई, साथ में कुछ पड़ोसी भी अस्पताल गए. अस्पताल में बच्चे की हालत गंभीर है.

ये भी पढ़ें: दोस्त के साथ मिलकर लूट की झूठी कहानी गढ़ी, पुलिस जांच में खुला भेद

शुरुआती जांच में सामने आया है कि सुशील ने इस पूरी वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था. उसने वारदात को अंजाम देने के लिए बाकायदा इंटरनेट की भी मदद ली है. शाहदरा जिला के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि घटना स्थल पर प्राप्त दस्तावेजों से प्रारंभिक जांच के अनुसार सुशील ने गहने गिरवी रखे थे और ऋण लिया था वह वित्तीय बोझ तले दबा हुआ था. सुशील के फोन को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है, अकाउंट और फॉरेंसिक एनालिसिस के साथ आगे के तथ्यों का खुलासा किया जाएगा .

पत्नी और बेटी की हत्या कर ली खुद की जान

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो के एक सुपरवाइजर सुशील द्वारा पत्नी और बच्चों पर चाकू से हमला करने के बाद आत्महत्या की जांच कर रही शाहदरा थाना पुलिस को अब तक कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिसकी वजह से यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर सुशील ने इस खौफनाक वारदात को क्यों अंजाम दिया. जांच में सामने आया है कि सुशील पर लाखों का कर्ज था.

मौके से बरामद दस्तावेज से पता चला है कि सुशील ने गहने गिरवी रखकर लोन लिया था और वह वित्तीय बोझ तले दबा हुआ था. ऐसे में संभावना है कि लोन के दबाव में सुशील अपने परिवार को ही खत्म करने का फैसला लिया हो. हालांकि सुशील के परिवार लोन की जानकारी से इंकार कर रहे हैं. उनका कहना है कि परिवार में किसी तरीके की कोई दिक्कत नहीं थी, न ही पैसे की कोई तंगी थी.

सुशील के हमले से उसकी पत्नी और बेटी की मौत हो चुकी है, लेकिन उसके बेटे का इलाज अस्पताल में किया जा रहा है. उसकी हालत अभी भी नाजुक है. मंगलवार तकरीबन 12 बजे सुशील कुमार नाम के मेट्रो कर्मचारी ने पुलिस को कॉल करके बताया कि वह मेट्रो में काम करता है. उसके साथ काम करने वाला सुशील आज ड्यूटी पर नहीं आया था. जब ड्यूटी पर नहीं आने की वजह जानने के लिए उसने सुशील को फोन किया तो सुशील रो रहा था और बोल रहा है कि मैंने घर में सबको मार दिया है और सुसाइड करने जा रहा है.

सूचना के मिलते ही शाहदरा जिला पुलिस क्षेत्र के ज्योति कॉलोनी गली नंबर 8 स्थिति सुशील के मकान में पहुंची. पुलिस घर में दाखिल हुए तो सुशील का शव पड़ा हुआ था. जबकि, उसकी 43 वर्षीय पत्नी अनुराधा और उसकी 6 साल की बेटी का शव खून से लथपथ पड़ा था. साथ ही उसका 13 साल का बेटा भी खून से लथपथ पड़ा था, उसकी सांसें चल रही थी. इस बीच पड़ोसी भी वहां जमा हो गए. घायल बच्चे को पुलिस अस्पताल ले गई, साथ में कुछ पड़ोसी भी अस्पताल गए. अस्पताल में बच्चे की हालत गंभीर है.

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शुरुआती जांच में सामने आया है कि सुशील ने इस पूरी वारदात को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया था. उसने वारदात को अंजाम देने के लिए बाकायदा इंटरनेट की भी मदद ली है. शाहदरा जिला के डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि घटना स्थल पर प्राप्त दस्तावेजों से प्रारंभिक जांच के अनुसार सुशील ने गहने गिरवी रखे थे और ऋण लिया था वह वित्तीय बोझ तले दबा हुआ था. सुशील के फोन को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है, अकाउंट और फॉरेंसिक एनालिसिस के साथ आगे के तथ्यों का खुलासा किया जाएगा .

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