नई दिल्ली: फिल्म स्पेशल 26 की तर्ज पर नकली पुलिसकर्मी बनकर कॉल गर्ल अड्डा और स्पा सेंटर में छापा मारकर लूटपाट करने वाले गिरोह का शाहदरा जिला की स्पेशल स्टॉफ की टीम ने भंडाफोड़ करते हुए तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार बदमाशों के पास से एक मोटरसाइकिल, पुलिस यूनिफॉर्म और अन्य सामान बरामद हुआ है.
शाहदरा डीसीपी रोहित मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमजद, जीशान और इमरान के तौर पर हुई है. डीसीपी ने बताया कि सीमापुरी इलाके में एक के बाद एक दो जगह पर लूटपाट की सूचना मिली. शिकायतकर्ता ने बताया कि पुलिस अधिकारी बनकर आए लोगों ने लूटपाट की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई.
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सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पता चला कि बदमाश दो मोटरसाइकिल से पहुंचे थे. इसमें एक यामाहा मोटरसाइकिल भी शामिल थी. घटनास्थल की जांच में कागज का एक छोटा सा टुकड़ा मिला, जो आरोपियों की फाइल से गिर गया था. पेपर अप्रैल 2023 के ऑनलाइन पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट (पीसीसी ) का प्रिंट आउट पाया गया था.
पुलिस टीम ने विशेष शाखा में संबंधित जांच अधिकारी से इस बारे में पूछताछ की और आवेदक से भी संपर्क किया, जो नेपाल में है. उससे लंबी पूछताछ की गई और पता चला कि उसने पीसीसी फॉर्म का प्रिंट आउट शानू नामक एक व्यक्ति को दिया. जो घोंडा, मौजपुर में रहता है. आवेदक को दिल्ली पुलिस के पुलिस अधिकारी के रूप में अपना परिचय बताया और उसका सत्यापन कराने का आश्वासन दिया.
टीम ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर कथित जीशान उर्फ शानू के स्थान का पता लगाया. इसके बाद टीम ने जाल बिछाया और कथित जिशान ऊर्फ शानू को पकड़ लिया. शानू से पूछताछ के बाद में छापे मारे गए और अन्य दो आरोपी व्यक्तियों को भी गिरफ्तार किया गया.
पुलिस स्टिकर और सायरन के साथ वॉकी टॉकी, बाइक, पुलिस की वर्दी भी बरामद की गई. जिनका इस्तेमाल अपराध को अंजाम देने में किया गया था. पूछताछ करने पर उन्होंने खुलासा किया कि वे सिर्फ डायल या वेबसाइट के माध्यम से कॉल गर्ल्स की खोज करते थे और संपर्क करने पर वे उन पतों पर जाते थे और उन्हें लूट लेते थे.
पूछताछ करने पता चला कि जिशान ऊर्फ शानू इस गैंग का मास्टरमाइंड है. वह अपने सहयोगी जुबेर और समीर के माध्यम से दिल्ली पुलिस की वर्दी का प्रबंध करता था और जस्ट डायल पर कॉल करता था और स्पॉ मसाज सेंटर का पता और फोन नंबर लेता था. अमजद नकली ग्राहक के रूप में चयनित स्थान पर पहले जाता और उसके इशारे पर गिरोह के बाकी सदस्यों खुद को पुलिस अधिकारी बताकर उस स्थान पर छापा मारते.
इमरान खुद को कांस्टेबल अशोक राणा बताता है और आरोपी जीशान @ शानू खुद को एसआई जाकिर खान और फर्जी छापा मारने वाली टीम का लीडर बताता. वे अपने साथ वॉकी टॉकी और पुलिस फाइल लेकर जाते थे और पुलिस की वर्दी में बंद होम स्क्रीन में अपनी तस्वीरें दिखाते थे ताकि उन्हें विश्वास दिलाया जा सके कि वे पुलिस अधिकारी हैं. वे इन सेंटर में मौजूद लोगों से मोबाइल फोन और नकदी लूटते थे और उनके साथ मारपीट भी करते थे.
जांच के लिए स्पेशल स्टाफ की टीम को लगाया गया. पुलिस अधीक्षक विकास कुमार के नेतृत्व में एसआई प्रशांत, एसआई सुनील, एएसआई प्रमोद, एएसआई संजीव, एचसी अनुज, एचसी सर्वेश, एचसी विजय, एचसी राकेश, एचसी सुनील, एचसी राजीव, एचसी राजेश, एचसी मनोज (टेक्निकल सर्विलांस यूनिट), सीटी लवप्रीत की टीम का गठन गुरुदेव सिंह एसीपी ऑपरेशंस की देखरेख में किया गया.