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नोएडा जिला अस्पताल में फंसी लिफ्ट, आधे घंटे तक फंसे रहने के बाद भी नहीं मिली अस्पताल प्रशासन की मदद

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 19, 2023, 11:07 PM IST

नोएडा सेक्टर 39 में बने जिला अस्पताल की लिफ्ट फंस गई. लिफ्ट करीब आधे घंटे तक फंसी रही. लिफ्ट में फंसी महिला ने कहा कि लिफ्ट फंसने के बाद उन लोगों ने लगातार मदद की गुहार लगाई, लेकिन मदद के लिए अस्पताल की ओर से कोई नहीं आया. वहीं अस्पताल की सीएमएस ने कहा कि लापरवाही की जांच की जा रही है.

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जिला अस्पताल में फंसी लिफ्ट

नई दिल्ली/नोएडा: आए दिन लोगों के लिफ्ट में फंसने के मामले सामने आ रहे हैं. लगातार बेगुनाह लोगों की जान के साथ लापरवाही हो रही है. हाईटेक शहर नोएडा के सेक्टर-39 में करोड़ों की लागत से बने जिला अस्पताल की लिफ्ट फंस गई. लिफ्ट आधे घंटे तक फंसी रह गई, इस दौरान लिफ्ट में संवार 6 लोगों की हालत बिगड़ने लगी. लिफ्ट में 4 साल की बच्ची समेत आधा दर्जन लोग सवार थे. लिफ्ट गिरने से 8 लोगों की मौत के अलावा शहर में हो रहे हादसों से लोग काफी डर गए है. प्रशासन द्वारा इस तरह की घटनाएं लगातार होने के बाद भी हादसों के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

कोई नहीं आया मदद के लिए सामने: हादसे का शिकार हुई दीपिका ने बताया कि हम लोग अपनी बहन को देखने सेक्टर 39 जिला अस्पताल गए थे. पांचवीं मंजिल के लिए लिफ्ट का बटन दबाया लेकिन लिफ्ट सेकेंड फ्लोर पर ही अटक गई. लिफ्ट में सवार सभी लोग बुरी तरह डर गए, खासकर बच्चे और बुजुर्ग. लिफ्ट में सवार दो मरीज हार्ट के थे, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मदद के लिए अलार्म बटन दबाया, खूब दरवाजा भी पीटा लेकिन कोई मदद के लिए नही आया. मदद ना मिलती देख भाई को फोन कर घर से बुलाया. अस्पताल के लोगों ने कोई मदद नही की. हम आधे घण्टे लिफ्ट में फंसे रहे, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली. लिफ्ट के अंदर बिल्कुल अंधेरा होने से दम घुटने लगा था. आधे घंटे की भारी मशक्कत के बाद हमें बाहर निकाला गया.

ये भी पढ़ें: सफदरजंग अस्पताल में अगले माह से शुरू होगी शाम की ओपीडी, इस तरह का पहला सरकारी अस्पताल होगा

कारणों की होगी जांच: घटना के बारे में जानकारी मिलने पर जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने कहा कि लिफ्ट ऑपरेट को बुलाया गया है और नोटिस दिया जा रहा है कि ऐसा क्यों हुआ. सीएमएस कहती है कि यह घटना शाम को हुई, उसे समय लाइट चली गई थी. जिसकी वजह से लिफ्ट रुक गई थी. लिफ्ट रुकने का पता ऑपरेटर को पता चल गया था. जो की दूसरी लिफ्ट में था. वह फौरन बेसमेंट 1 में पहुंचा जहां पैनल लगा है, उसने पैनल उठाया तो लाइट आ गई उसको जाने आने में जो टाइम लगा यह टाइम 6 से 8 मिनट का है. इसके बाद उसने खोल के सबको सुरक्षित निकाल लिया.

ये भी पढ़ें: दिल्ली में स्पेशल क्लीनिकों ने बढ़ाई स्वास्थ्य सुविधाएं, अब पुरुष क्लीनिक खोलने की जरूरत!

जिला अस्पताल में फंसी लिफ्ट

नई दिल्ली/नोएडा: आए दिन लोगों के लिफ्ट में फंसने के मामले सामने आ रहे हैं. लगातार बेगुनाह लोगों की जान के साथ लापरवाही हो रही है. हाईटेक शहर नोएडा के सेक्टर-39 में करोड़ों की लागत से बने जिला अस्पताल की लिफ्ट फंस गई. लिफ्ट आधे घंटे तक फंसी रह गई, इस दौरान लिफ्ट में संवार 6 लोगों की हालत बिगड़ने लगी. लिफ्ट में 4 साल की बच्ची समेत आधा दर्जन लोग सवार थे. लिफ्ट गिरने से 8 लोगों की मौत के अलावा शहर में हो रहे हादसों से लोग काफी डर गए है. प्रशासन द्वारा इस तरह की घटनाएं लगातार होने के बाद भी हादसों के लिए कुछ ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.

कोई नहीं आया मदद के लिए सामने: हादसे का शिकार हुई दीपिका ने बताया कि हम लोग अपनी बहन को देखने सेक्टर 39 जिला अस्पताल गए थे. पांचवीं मंजिल के लिए लिफ्ट का बटन दबाया लेकिन लिफ्ट सेकेंड फ्लोर पर ही अटक गई. लिफ्ट में सवार सभी लोग बुरी तरह डर गए, खासकर बच्चे और बुजुर्ग. लिफ्ट में सवार दो मरीज हार्ट के थे, जिन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी. मदद के लिए अलार्म बटन दबाया, खूब दरवाजा भी पीटा लेकिन कोई मदद के लिए नही आया. मदद ना मिलती देख भाई को फोन कर घर से बुलाया. अस्पताल के लोगों ने कोई मदद नही की. हम आधे घण्टे लिफ्ट में फंसे रहे, लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली. लिफ्ट के अंदर बिल्कुल अंधेरा होने से दम घुटने लगा था. आधे घंटे की भारी मशक्कत के बाद हमें बाहर निकाला गया.

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कारणों की होगी जांच: घटना के बारे में जानकारी मिलने पर जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू अग्रवाल ने कहा कि लिफ्ट ऑपरेट को बुलाया गया है और नोटिस दिया जा रहा है कि ऐसा क्यों हुआ. सीएमएस कहती है कि यह घटना शाम को हुई, उसे समय लाइट चली गई थी. जिसकी वजह से लिफ्ट रुक गई थी. लिफ्ट रुकने का पता ऑपरेटर को पता चल गया था. जो की दूसरी लिफ्ट में था. वह फौरन बेसमेंट 1 में पहुंचा जहां पैनल लगा है, उसने पैनल उठाया तो लाइट आ गई उसको जाने आने में जो टाइम लगा यह टाइम 6 से 8 मिनट का है. इसके बाद उसने खोल के सबको सुरक्षित निकाल लिया.

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