ETV Bharat / state

LG ने अपने डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना रखा है- सिसोदिया - outcome budget

दिल्ली विधानसभा में कल केजरीवाल सरकार अपना इस कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेगी. आउटकम बजट पेश करते हुए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के काम में टांग अड़ाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने सर्विस डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना

LG ने अपने डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना रखा है- सिसोदिया
author img

By

Published : Feb 25, 2019, 11:16 PM IST

नई दिल्ली: विधानसभा में दिल्ली सरकार का आउटकम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल संविधान के पालन के लिए हैं. यहां वह दिल्ली सरकार के काम में टांग अड़ाने का काम कर रहे हैं. उपराज्यपाल के पास सर्विस डिपार्टमेंट है.

आज उन्होंने इस डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना कर रखा है. ताश के पत्ते की तरह इस डिपार्टमेंट को फेंटा जा रहा है. पूरा सिस्टम सर्कस बना हुआ है.

सर्कस बनाने का आरोप
उपराज्यपाल ने रिंग मास्टर बनकर डिपार्टमेंट को सर्कस बना दिया है. वह केंद्र के इशारे पर सर्कस कर रहे हैं. इसीलिए कहीं ना कहीं यह रिपोर्ट कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रिपोर्ट कार्ड है. जिसकी वजह से हजारों पोस्ट खाली है और दिल्ली के विकास का काम थम गया है.

LG ने अपने डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना रखा है- सिसोदिया

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के हर डिपार्टमेंट में पोस्ट खाली है. सर्विस डिपार्टमेंट के बॉस होने के नाते भी उपराज्यपाल कुछ नहीं कर रहे हैं. पिछले 30 महीने में चार मुख्य सचिव बदले गए और मुख्यमंत्री को इसकी सूचना मीडिया के जरिए मिलती है.

वरिष्ठ अधिकारियों को उपराज्यपाल कार्यालय से छुट्टी दे दी जाती है और सरकार को इस बारे में पता ही नहीं होता. पिछले ढाई साल में 7 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए.

सबसे लंबा प्रिंसिपल सेक्रेट्री का कार्यकाल 8 महीने का रहा जो पर्यावरण विभाग में दिखा. स्वास्थ्य विभाग में ढाई साल के दौरान 5 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए. इसी तरह ट्रांसपोर्ट और लोक निर्माण विभाग में 55 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए.

मनीष सिसोदिया ने सदन में आउटकम बजट पेश करते हुए कहा कि दास कैडर में चार हजार पद खाली हैं. राजस्व विभाग में पटवारी के 157 पोस्ट खाली है. 988 पीजीटी टीचर और 3197 टीजीटी टीचर और 1124 पोस्ट अलग-अलग विषयों के टीचरों के खाली हैं.

कुल 5309 पोस्ट टीचरों के खाली हैं और उपराज्यपाल चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सब केंद्र के इशारे पर हो रहा है इसीलिए हमने आज उपराज्यपाल का रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने रख दिया है. यह रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री की भी रिपोर्ट है.

undefined

बजट से पहले आउटकम बजट क्यों
सोमवार को विधानसभा में आउटकम बजट का लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आउटकम बजट तैयार करने का लक्ष्य सरकारी खर्चे में उच्चस्तरीय जवाबदेही और पारदर्शिता लाना था.

सरकार जो इतने विशाल बजट को खर्च करती है, आखिर उसका अंतिम परिणाम क्या होता है और अधिकतर मामलों में उन्हें कुछ प्राथमिक कार्यक्रमों के बारे में सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध सीमित आंकड़ों या जानकारी से संतुष्ट रहना पड़ता था.

आरटीआई के जरिए जानकारी प्राप्त की जाती थी. इसे बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने आउट कम बजट पेश करने का फैसला लिया था. पिछले 2 सालों से बजट पेश करने से 1 दिन पहले आउटकम बजट पेश कर सरकार अपनी प्रायोजन सरकारी खर्चे का बताती है.

सरकार ने नए वित्त वर्ष का बजट पेश करने से पहले दिसंबर 2018 तक हासिल की गई उपलब्धियों का ब्यौरा आउटकम बजट की स्टेटस रिपोर्ट के जरिए सार्वजनिक किया है.

undefined

इसके अंतर्गत आउटपुट और आउटकम इंडिकेटर्स के अनुसार प्रमुख विभागों की प्रगति रिपोर्ट को पेश किया गया.

नई दिल्ली: विधानसभा में दिल्ली सरकार का आउटकम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल संविधान के पालन के लिए हैं. यहां वह दिल्ली सरकार के काम में टांग अड़ाने का काम कर रहे हैं. उपराज्यपाल के पास सर्विस डिपार्टमेंट है.

आज उन्होंने इस डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना कर रखा है. ताश के पत्ते की तरह इस डिपार्टमेंट को फेंटा जा रहा है. पूरा सिस्टम सर्कस बना हुआ है.

सर्कस बनाने का आरोप
उपराज्यपाल ने रिंग मास्टर बनकर डिपार्टमेंट को सर्कस बना दिया है. वह केंद्र के इशारे पर सर्कस कर रहे हैं. इसीलिए कहीं ना कहीं यह रिपोर्ट कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रिपोर्ट कार्ड है. जिसकी वजह से हजारों पोस्ट खाली है और दिल्ली के विकास का काम थम गया है.

LG ने अपने डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना रखा है- सिसोदिया

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के हर डिपार्टमेंट में पोस्ट खाली है. सर्विस डिपार्टमेंट के बॉस होने के नाते भी उपराज्यपाल कुछ नहीं कर रहे हैं. पिछले 30 महीने में चार मुख्य सचिव बदले गए और मुख्यमंत्री को इसकी सूचना मीडिया के जरिए मिलती है.

वरिष्ठ अधिकारियों को उपराज्यपाल कार्यालय से छुट्टी दे दी जाती है और सरकार को इस बारे में पता ही नहीं होता. पिछले ढाई साल में 7 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए.

सबसे लंबा प्रिंसिपल सेक्रेट्री का कार्यकाल 8 महीने का रहा जो पर्यावरण विभाग में दिखा. स्वास्थ्य विभाग में ढाई साल के दौरान 5 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए. इसी तरह ट्रांसपोर्ट और लोक निर्माण विभाग में 55 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए.

मनीष सिसोदिया ने सदन में आउटकम बजट पेश करते हुए कहा कि दास कैडर में चार हजार पद खाली हैं. राजस्व विभाग में पटवारी के 157 पोस्ट खाली है. 988 पीजीटी टीचर और 3197 टीजीटी टीचर और 1124 पोस्ट अलग-अलग विषयों के टीचरों के खाली हैं.

कुल 5309 पोस्ट टीचरों के खाली हैं और उपराज्यपाल चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सब केंद्र के इशारे पर हो रहा है इसीलिए हमने आज उपराज्यपाल का रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने रख दिया है. यह रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री की भी रिपोर्ट है.

undefined

बजट से पहले आउटकम बजट क्यों
सोमवार को विधानसभा में आउटकम बजट का लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आउटकम बजट तैयार करने का लक्ष्य सरकारी खर्चे में उच्चस्तरीय जवाबदेही और पारदर्शिता लाना था.

सरकार जो इतने विशाल बजट को खर्च करती है, आखिर उसका अंतिम परिणाम क्या होता है और अधिकतर मामलों में उन्हें कुछ प्राथमिक कार्यक्रमों के बारे में सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध सीमित आंकड़ों या जानकारी से संतुष्ट रहना पड़ता था.

आरटीआई के जरिए जानकारी प्राप्त की जाती थी. इसे बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने आउट कम बजट पेश करने का फैसला लिया था. पिछले 2 सालों से बजट पेश करने से 1 दिन पहले आउटकम बजट पेश कर सरकार अपनी प्रायोजन सरकारी खर्चे का बताती है.

सरकार ने नए वित्त वर्ष का बजट पेश करने से पहले दिसंबर 2018 तक हासिल की गई उपलब्धियों का ब्यौरा आउटकम बजट की स्टेटस रिपोर्ट के जरिए सार्वजनिक किया है.

undefined

इसके अंतर्गत आउटपुट और आउटकम इंडिकेटर्स के अनुसार प्रमुख विभागों की प्रगति रिपोर्ट को पेश किया गया.

Intro:नई दिल्ली. विधानसभा में दिल्ली सरकार का आउटकम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल संविधान के पालन के लिए हैं. लेकिन यहां वह दिल्ली सरकार के काम में टांग अड़ाने का काम कर रहे हैं. उपराज्यपाल के पास सर्विस डिपार्टमेंट है और आज वह इस डिपार्टमेंट को ट्रांसफर पोस्टिंग का सर्कस बना कर रखा है. ताश के पत्ते की तरह इस डिपार्टमेंट को फेंटा जा रहा है. पूरा सिस्टम सर्कस बना हुआ है.

उपराज्यपाल पर सर्विस डिपार्टमेंट को सर्कस बनाने का आरोप

उपराज्यपाल रिंग मास्टर बनकर डिपार्टमेंट को सर्कस बना दिया है. वह केंद्र के इशारे पर सर्कस कर रहे हैं. इसीलिए कहीं ना कहीं यह रिपोर्ट कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रिपोर्ट कार्ड है. जिसकी वजह से हजारों पोस्ट खाली है और दिल्ली के विकास का काम थम गया है.


Body:उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के हर डिपार्टमेंट में पोस्ट खाली है. सर्विस डिपार्टमेंट के बॉस होने के नाते भी उपराज्यपाल कुछ नहीं कर रहे हैं. पिछले 30 महीने में चार मुख्य सचिव बदले गए और मुख्यमंत्री को इसकी सूचना मीडिया के जरिए मिलती है.

वरिष्ठ अधिकारियों को उपराज्यपाल कार्यालय से छुट्टी दे दी जाती है और सरकार को इस बारे में पता ही नहीं होता. पिछले ढाई साल में 7 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए. सबसे लंबा प्रिंसिपल सेक्रेट्री का कार्यकाल 8 महीने का रहा जो पर्यावरण विभाग में दिखा. स्वास्थ्य विभाग में ढाई साल के दौरान 5 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए. इसी तरह ट्रांसपोर्ट और लोक निर्माण विभाग में 55 प्रिंसिपल सेक्रेट्री बदले गए.

मनीष सिसोदिया ने सदन में आउटकम बजट पेश करते हुए कहा कि दास कैडर में चार हजार पद खाली हैं. राजस्व विभाग में पटवारी के 157 पोस्ट खाली है. 988 पीजीटी टीचर और 3197 टीजीटी टीचर और 1124 पोस्ट अलग-अलग विषयों के टीचरों के खाली हैं कुल 5309 पोस्ट टीचरों के खाली है और उपराज्यपाल चुप्पी साधे हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह सब केंद्र के इशारे पर हो रहा है इसीलिए हमने आज उपराज्यपाल की रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने रख दिया है. यह रिपोर्ट सीधे प्रधानमंत्री की भी रिपोर्ट है.

बजट से पहले आउटकम बजट क्यों

सोमवार को विधानसभा में आउटकम बजट का लेखा जोखा प्रस्तुत करते हुए सिसोदिया ने कहा कि आउटकम बजट तैयार करने का लक्ष्य सरकारी खर्चे में उच्चस्तरीय जवाबदेही और पारदर्शिता लाना था. सरकार जो इतने विशाल बजट को खर्च करती है, आखिर उसका अंतिम परिणाम क्या होता है और अधिकतर मामलों में उन्हें कुछ प्राथमिक कार्यक्रमों के बारे में सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध सीमित आंकड़ों या जानकारी से संतुष्ट रहना पड़ता था. या फिर आरटीआई के जरिए जानकारी प्राप्त की जाती थी. इसे बदलने के लिए दिल्ली सरकार ने आउट कम बजट पेश करने का फैसला लिया था. पिछले 2 वर्षों से बजट पेश करने से 1 दिन पहले आउटकम बजट पेश कर सरकार अपनी प्रायोजन सरकारी खर्चे का बताती है.

सरकार ने नए वित्त वर्ष का बजट पेश करने से पहले दिसंबर 2018 तक हासिल की गई उपलब्धियों का ब्यौरा आउटकम बजट की स्टेटस रिपोर्ट के जरिए सार्वजनिक किया है. इसके अंतर्गत आउटपुट और आउटकम इंडिकेटर्स के अनुसार प्रमुख विभागों की प्रगति रिपोर्ट को पेश किया गया.

समाप्त, आशुतोष झा


Conclusion:

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.