नई दिल्ली/गाजियाबाद: 17 मई बुधवार को ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत रहेगा. बुध प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं. जो व्यक्ति श्रद्धा के साथ प्रदोष व्रत रखता है, भगवान शिव उस भक्त की सभी समस्याओं का निस्तारण करने के साथ सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. इस दिन भगवान शिव की आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य और स्थिरता की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर होते हैं. इतना ही नहीं, इस व्रत को करने से व्रती को मृक्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से दो गायों के दान के बराबर पुण्य मिलता है. बुध प्रदोष व्रत करने से कार्य क्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होती.
ऐसे करें व्रत: प्रदोष व्रत के दिन सुबह सूर्य उदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने और बुध प्रदोष व्रत का संकल्प लें. इसके बाद घर के मंदिर को साफ कर भगवान शंकर का जलाभिषेक करें. ध्यान रखें कि प्रदोष व्रत के दौरान शाम की पूजा का विशेष महत्व होता है. प्रदोष व्रत के दिन शाम में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
पूजा का मुहूर्त-
- पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 16 मई 2023 को रात 11 बजकर 36 मिनट से हो रही है.
- त्रयोदशी तिथि की समाप्ति 17 मई 2023 को रात 10 बजकर 28 मिनट पर होगी.
- बुध प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 07:06 - रात 09:10 (17 मई 2023)
प्रदोष व्रत के दिन ओम नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें. ऐसा करने से शरीर और मन शांत रहता है. साथ ही महादेव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है. प्रदोष व्रत के दिन रूद्र मंत्र का जाप करना भी बेहद फलदाई माना गया है. ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान शंकर पूर्ण करते हैं.
प्रदोष व्रत करने से करने से समाज में प्रतिष्ठा, धन की प्राप्ति और मन की शांति मिलती है. इसके पीछे एक पौराणिक व्याख्यान है. कहते हैं कि एक बार चंद्रमा को तपेदिक रोग हो गया था, जिससे उनको मृत्यु तुल्य कष्ट हो रहा था. तब उन्होंने भगवान शिव की आराधना की, जिसके बाद भगवान शिव ने उनको संजीवनी मंत्र से स्वस्थ किया. उस दिन त्रयोदशी तिथि थी. इसलिए प्रदोष व्रत करना स्वास्थ्य व संपत्ति के लिए शुभ माना जाता है.
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