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Jyesth Poornima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ना करें ये तीन काम, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व - Do not do these three things on Jyestha Purnima

3 मई 2023, शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

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Published : Jun 3, 2023, 9:43 AM IST

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा

नई दिल्लीः सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ महीने में आने वाली पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है. 3 मई 2023 शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद फलदाई माना गया है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने. फिर घर के मंदिर की सफाई करें और दीप प्रज्वलित करें. इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है. संभव हो तो व्रत जरूर रखें. भगवान विष्णु के साथ साथ मां लक्ष्मी की भी विधि विधान से पूजा अर्चना करें. भगवान विष्णु को भोग लगाएं. इस दिन विशेष फल पाने के लिए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती आवश्य करें.

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. यदि किसी कारणवश आप नदियों में स्नान करने में सक्षम नहीं है तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से पाप और कष्ट समाप्त होते हैं साथ ही तन और मन शुद्ध होता है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा मुहूर्त

  1. ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि आरंभ: 3 जून 2023 (शनिवार) रात 11:16 AM से
  2. ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि समाप्त: 4 जून 2030 (रविवार) सुबह 09:11 AM
  3. स्नान दान का समय: 3 जून 2023 (शनिवार) सुबह 11:16 AM से 4 जून 2030 (रविवार) सुबह 09:11 AM तक.

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ये न करें

  1. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. मांस, प्याज और लहसुन का सेवन ना करें. किसी भी तरह के नशे जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से भी पूर्णता दूर रहें.
  2. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
  3. हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचें.

नोटः खबर सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. खबर केवल जानकारी के लिए हैं. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

ये भी पढ़ेंः ओडिशा के बालासोर में कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 900 घायल, 233 की मौत, PM ने किया ट्वीट

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा

नई दिल्लीः सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. ज्येष्ठ महीने में आने वाली पूर्णिमा तिथि को महत्वपूर्ण माना जाता है. 3 मई 2023 शनिवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बेहद फलदाई माना गया है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन प्रातः काल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने. फिर घर के मंदिर की सफाई करें और दीप प्रज्वलित करें. इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है. संभव हो तो व्रत जरूर रखें. भगवान विष्णु के साथ साथ मां लक्ष्मी की भी विधि विधान से पूजा अर्चना करें. भगवान विष्णु को भोग लगाएं. इस दिन विशेष फल पाने के लिए भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आरती आवश्य करें.

ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है. यदि किसी कारणवश आप नदियों में स्नान करने में सक्षम नहीं है तो घर पर नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर सकते हैं. ऐसा करने से पाप और कष्ट समाप्त होते हैं साथ ही तन और मन शुद्ध होता है.

ज्येष्ठ पूर्णिमा मुहूर्त

  1. ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि आरंभ: 3 जून 2023 (शनिवार) रात 11:16 AM से
  2. ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि समाप्त: 4 जून 2030 (रविवार) सुबह 09:11 AM
  3. स्नान दान का समय: 3 जून 2023 (शनिवार) सुबह 11:16 AM से 4 जून 2030 (रविवार) सुबह 09:11 AM तक.

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर ये न करें

  1. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन तामसिक भोजन का सेवन ना करें. मांस, प्याज और लहसुन का सेवन ना करें. किसी भी तरह के नशे जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि से भी पूर्णता दूर रहें.
  2. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
  3. हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचें.

नोटः खबर सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ईटीवी भारत किसी भी मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. खबर केवल जानकारी के लिए हैं. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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